कॉलेजियम को लेकर क़ानून मंत्री की टिप्पणियों के बीच एक चैनल से बातचीत में वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय क़ानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सारे सार्वजनिक संस्थानों पर मौजूदा सरकार का नियंत्रण है और यदि वह 'अपने जज' नियुक्त कर न्यायपालिका भी कब्ज़ा लेती है, तो यह लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक होगा.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने 1 अगस्त से आधार और मतदाता पहचान पत्र को लिंक करने का एक स्वैच्छिक अभियान शुरू किया था, जिसमें 12 दिसंबर तक 54.32 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं से उनका आधार नंबर जुटाया गया, लेकिन अब सूचना के अधिकार से पता चला है कि आयोग ने अब तक किसी भी मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक नहीं किया है.
तमिलनाडु के वित्त सचिव द्वारा 15 दिसंबर को जारी एक आदेश में कहा गया है कि आधार विभिन्न सेवाओं, लाभों या सब्सिडी के वितरण के लिए एक पहचान दस्तावेज़ के रूप में सरकारी वितरण प्रक्रिया को सरल बनाता है. किसी व्यक्ति के पास अगर आधार नहीं है तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए इसके लिए नामांकन करना होगा.
कोलकाता में हुए एक फिल्म समारोह में अभिनेता अमिताभ बच्चन का सत्यजीत रे की 'गणशत्रु' ज़िक्र करते हुए लगाया गया अनुमान ठीक है कि आज जनता के लिए आवाज़ उठाने वाले रे की फिल्म के 'डॉक्टर गुप्ता' ही हैं, जो जनता को सावधान करना चाहते हैं, मगर सत्ता सफल हो जाती है कि जनता उन्हें ही अपना शत्रु मानकर उनकी हत्या को आमादा हो जाए.
इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि भारत में वास्तविकता का मतलब भ्रष्टाचार, गंदी सड़कें और प्रदूषण है, जबकि सिंगापुर में इसका मतलब साफ सड़कें और प्रदूषण मुक्त वातावरण है. उन्होंने कहा कि युवाओं को समाज में बदलाव लाने की मानसिकता विकसित करनी चाहिए. जनता, समाज और राष्ट्र के हित को अपने व्यक्तिगत हित से ऊपर रखना सीखना चाहिए.
2019 में मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस विजया के. ताहिलरमानी का तबादला मेघालय हाईकोर्ट में किया था, जिस बारे में पुनर्विचार से कॉलेजियम के इनकार के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई ने उनके ख़िलाफ़ सीबीआई कार्रवाई की अनुमति दी थी.
एक सरकारी सूत्र ने बताया है कि गृह मंत्रालय पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए छह अल्पसंख्यक समुदायों - हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, बौद्ध और जैन - के सदस्यों के नागरिकता आवेदन को आगे बढ़ाने के लिए सहायक दस्तावेज़ के रूप में एक्सपायर्ड पासपोर्ट और वीज़ा को स्वीकार करने के लिए नागरिकता पोर्टल में बदलाव करने वाला है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आवास किराया भत्ता (एचआरए) देने के लिए विभिन्न सुरक्षा बलों के कर्मचारियों के साथ एक ‘भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण’ की अनुमति नहीं दी जा सकती है. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के सेवारत अधिकारियों की एक याचिका में गृह मंत्रालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एचआरए लाभ को केवल अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मचारियों तक सीमित कर दिया गया है.
जोधपुर जिले के शेरगढ़ संभाग के भुंगड़ा में बीते आठ दिसंबर को सिलेंडर फटने के बाद आग लग गई थी, जिसमें करीब 50 लोग घायल हो गए थे. इनमें से कम से कम 35 लोगों की रविवार तक मौत हो गई थी.
जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता दीपिका सिंह राजावत ने कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली में अपने आकाओं के सामने सामान्य हालात की कहानी बताने के लिए एक मिनट भी नहीं गंवाते हैं, लेकिन उनके झूठ का बुलबुला तब फूटता है, जब आतंकी संगठनों द्वारा कश्मीरी पंडितों पर हमला करने को लेकर सूची जारी की जाती है.
भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना करते हुए हिमाचल प्रदेश कॉलेज शिक्षक संघ के महासचिव आरएल शर्मा ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, संकाय सदस्यों की आवश्यकता और बुनियादी ढांचे की सुविधाओं के मूल मुद्दों पर विचार किए बिना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के बारे में बात कर रहे हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 4,46,76,087 मामले दर्ज किए गए हैं और मृतक संख्या 5,30,674 है. विश्व में संक्रमण के 65.31 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 66.65 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: आम तौर पर मध्यवर्ग में प्रवेश ज्ञान के आधार पर होता आया है पर यही वर्ग इस समय ज्ञान के अवमूल्यन में हिस्सेदार है. एक ओर तो वह अपनी मातृभाषा से लगातार विश्वासघात कर रहा है, दूसरी ओर हिंदी को हिंदुत्व की, यानी भेदभाव और नफ़रत फैलाने वाली विचारधारा की राजभाषा बनाने पर तुला है.
एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि बिहार में वर्ष 2016 में लागू हुई शराबबंदी के बाद से पांच सालों में राज्य में कम से कम 20 ज़हरीली शराब की घटनाएं सामने आईं, जिनमें 200 से अधिक मौतें हुईं. अकेले 2021 में ही 9 घटनाएं हुईं और 106 लोगों की मौत हुई. इसके विपरीत, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पांच सालों में केवल 23 मौतें दिखाता है.
1992-93 के मुंबई दंगों के कारणों की जांच करने वाले आयोग के अध्यक्ष रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा ने एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दो पेशों को निश्चित रूप से स्वतंत्र होना चाहिए, एक न्यायाधीश का और दूसरा पत्रकार का. अगर उन्हें रोका जाएगा तो लोकतंत्र को नुकसान होगा.