गुजरात के 33 ज़िलों की 182 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में एक दिसंबर और पांच दिसंबर को विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था. शुरुआती रुझान मतपत्रों की गिनती के हैं, जिनमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को 100 से अधिक सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है.
गुजरात के 33 ज़िलों की 182 विधानसभा सीटों पर एक दिसंबर और पांच दिसंबर को दो चरणों में चुनाव संपन्न हुए थे. गुजरात में परंपरागत रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला रहा है. हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में उतरने से राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला.
बीते 12 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में करीब 76.44 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे. अब तक हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल में सरकार बदलने का चलन देखा गया है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 44 और कांग्रेस को 21 सीटें हासिल हुई थीं.
दिल्ली नगर निगम के 250 वार्ड के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 134, भाजपा ने 104 और कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की. तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं.
बुधवार से शुरु हुए संसद के 17 शीतकालीन सत्र में कुल 25 विधेयक पेश होना है. विपक्ष का कहना है कि अगर संसद की सभी कार्यवाहियों के समय को हटा दें तो 25 विधेयकों पर बहस के लिए केवल 56 घंटे बचते हैं, जो कि चिंताजनक बात है.
वीडियो: बीते महीने गुजरात चुनाव में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता क्या कर रहे थे, निर्वाचन आयोग कैसे काम कर रहा था, इस पर @ms_medusssa का व्यंग्यात्मक न्यूज़ बुलेटिन.
कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री वोट करने के लिए निकलते हैं तो ढाई घंटे का रोडशो करते हैं. चुनाव आयोग की क्या मजबूरियां हैं कि उसे कुछ सुनाई और दिखाई नहीं देता. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर सवाल खड़ा किया है.
गुजरात में दूसरे और अंतिम चरण में राज्य की 93 विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान हुआ है. मेहसाणा ज़िले के तीन गांवों के छह मतदान केंद्रों पर करीब 5,200 मतदाताओं ने स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदान नहीं किया. वहीं, खेड़ा जिले के उंधेला गांव के क़रीब 1,400 मुस्लिम मतदाताओं ने वोट नहीं दिया.
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ ब्रायन ने बताया कि मोरबी पुल हादसे पर साकेत गोखले के ट्वीट को लेकर झूठा मामला बनाकर अहमदाबाद साइबर सेल में केस दर्ज किया गया. इससे तृणमूल कांग्रेस और विपक्ष को चुप नहीं कराया जा सकता. भाजपा राजनीतिक प्रतिशोध को एक अलग स्तर पर ले जा रही है.
11 जुलाई 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों के आयोजन पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पीठ ने इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए चार प्रमुख दलों- भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा को नोटिस जारी किया था, लेकिन नौ साल बाद भी न तो किसी दल ने और न ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने अदालत में कोई जवाब दाख़िल किया है.
बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह, बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले हुए हैं और पतंजलि के उत्पादों की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं. इसकी प्रतिक्रिया में कंपनी के निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने उन्हें क़ानूनी नोटिस भेजकर मीडिया के माध्यम से माफ़ी मांगने को कहा है.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि चुनावी बॉन्ड की बिक्री 5 दिसंबर से शुरू होगी. भारतीय स्टेट बैंक की 29 अधिकृत शाखाओं से इनकी ख़रीद 12 दिसंबर तक की जा सकेगी.
उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बीते मई महीने में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के उद्देश्य से समिति का गठन किया था. इसे सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक़, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले क़ानूनों के एक समान समूह के रूप में संदर्भित किया जाता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.
‘द कश्मीर फाइल्स’ को भद्दी और दुष्प्रचार करने वाली फिल्म बताने के कारण इस्राइली फिल्मकार और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) जूरी प्रमुख नदाव लपिद भारत में एक वर्ग के निशाने पर आ गए थे.
पिछले दो दिनों में अयोग्य ठहराए गए विधायक आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ यह दूसरा मामला है. बीते एक दिसंबर को एक चुनावी सभा के दौरान महिलाओं के को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में उनके विरूद्ध मामला दर्ज किया गया था.