माई नेम इज़ सेल्मा: यह सिर्फ़ उस यहूदी महिला की कहानी भर नहीं है…

साल 2021 में 98 साल की उम्र में एक यहूदी महिला सेल्मा ने अपने नाम को शीर्षक बनाकर लिखी किताब में जर्मनी व यूरोप में 1933 से 1945 के बीच यहूदियों की स्थिति को दर्ज किया है. हज़ारों किलोमीटर और कई दशकों के फासलों के बावजूद 2023 के भारत में यह किताब किसी अजनबी दुनिया की बात नहीं लगती है.

हबीब तनवीर के रंगमंच में साधारण की महिमा का रंगसंसार प्रगट होता है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हबीब तनवीर का रंगमंच असाधारण रूप से गाता-नाचता-भागता-दौड़ता रंगमंच था. प्रश्नवाचक और नैतिक होते हुए भी वह आनंददायी था. उनके यहां नाटक लीला है और कई बार वह आधुनिकता की गुरुगंभीरता को मुंह चिढ़ाता भी लगता है.

उदयनिधि स्टालिन पर हमला करके भाजपा अपने लिए मुसीबत मोल ले रही है

19वीं सदी में आर्य समाज और ब्रह्म समाज जैसे सुधारवादी संगठनों के ख़िलाफ़ आंदोलन के दौरान हिंदू पुरातनपंथियों (ऑर्थोडॉक्सी) ने तब सनातन धर्म की अवधारणा को आकार देने का काम किया था, जब इन सुधारवादी संगठनों द्वारा सती प्रथा, मूर्ति पूजा और बाल विवाह जैसी प्रतिगामी प्रथाओं पर सवाल उठाए गए थे.

घोसी उपचुनाव: क्या एकजुट विपक्ष से जीतना भाजपा के लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता है?

उत्तर प्रदेश के मऊ की घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जीत में स्थानीय समीकरणों के साथ-साथ भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की दलबदलू, घोसी का बाहरी और निष्क्रिय जनप्रतिनिधि की छवि ने बड़ी भूमिका निभाई है, फिर भी लोकसभा चुनाव के पहले यह चुनाव विपक्ष के इंडिया गठबंधन बनाम भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए की शक्ति परीक्षण का मैदान बन गया था और इसमें ‘इंडिया’ को सफलता मिली है.

जी-20 सम्मेलन के लिए छापी गई सरकारी बुकलेट में देश का आधिकारिक नाम ‘भारत’ बताया गया

दिल्ली में आयोजित जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन से पहले केंद्र सरकार ने दो बुकलेट जारी की हैं, जिनमें से एक- 'भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी' शीर्षक वाली पुस्तिका के पहले पन्ने पर ही कहा गया है कि देश का आधिकारिक नाम 'भारत' है.

एम-20: जी-20 नेताओं को समझना होगा कि बिना स्वतंत्र प्रेस के वैश्विक समस्याओं का हल संभव नहीं है

जी-20 और उसके बाहर के देशों में भी मीडिया के सामने पेश आ रही समान मुश्किलों और ख़तरों के बावजूद न ही जी-20 सरकारों की- और निश्चित रूप से न ही जी-20 के वर्तमान अध्यक्ष की मीडिया की आज़ादी पर चर्चा में कोई दिलचस्पी है.

केंद्र ने मणिपुर हिंसा शुरू होने के बाद राज्य सरकार से मिले इनपुट पर जानकारी देने से इनकार किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन ने मणिपुर में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति पर नियमित रूप से प्राप्त रिपोर्ट पर आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(ए) और धारा 24 के तहत जानकारी देने से इनकार किया है.

जातिवार जनगणना किसे नागवार है?

जातिवार जनगणना के विरोधियों का आग्रह है कि यह विभाजक पहल है क्योंकि यह जातिगत अस्मिताओं को बढ़ावा देगी, समाज में द्वेष पैदा करेगी. यह तर्क सदियों पुराना है और स्वतंत्रता संग्राम के समय से सत्ता-समीप हलको ने इसका सहारा लिया है. यह कथित ‘उच्च’ जातियों का नज़रिया है, भले ही इस पर प्रगतिशीलता की चादर डाली जाए.

चुनाव भले जब हों, ‘इंडिया’ गठबंधन को कुछ बुनियादी सवालों के लिए तैयार रहना चाहिए

विभिन्न विपक्षी दलों के बीच का सौहार्द्र उत्साहजनक है. पर आम चुनाव जब भी हों, उससे पहले 'इंडिया' गठबंधन को इस मुश्किल इम्तिहान के लिए तैयार रहना होगा.

सार्वजनिक चर्चा में काव्यात्मक गरिमा

समय आ गया है कि सार्वजनिक संवाद का उद्देश्य उत्तम रखा जाए, जो काव्यात्मक कल्पना से प्रेरित हो और साहित्यिक सौंदर्य से ओत-प्रोत हो, जिससे  अंतरवैयक्तिक तथा सामाजिक संवाद दोनों ही शालीन हो सकें.

उत्तर प्रदेश: क्यों भाजपा के लिए चुनौती बन गया है घोसी उपचुनाव

घोसी उपचुनाव सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के इस्तीफ़े के कारण हो रहा है. चौहान उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी हैं. सपा ने यहां से दो बार विधायक रहे सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है. ग़रीबों के लिए काम और विकास की दुहाई, हिंदुत्व और बुलडोज़र की शौर्यगाथा पर दलबदलू और बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे ने भाजपा की लड़ाई को कठिन बना दिया है.

इरतिज़ा निशात: सुनते हैं वही असल में शायर है… मशहूर बहुत है कहीं गुमनाम बहुत है

स्मृति शेष: इरतिज़ा निशात नहीं रहे. बे-ज़बानों की शायरी करने वाले इस शायर ने ख़ुशहाली से ज़्यादा संघर्ष के दिन गुज़ारे और एक तरह की गुमनामी ओढ़कर दुनिया से चले गए. अब शायद इनको सच्ची श्रद्धांजलि यही हो कि इनकी शायरी किसी तरह उर्दू-हिंदी के पाठकों तक पहुंचे.

मल्लिकार्जुन खड़गे होने के मायने

भारतीय राजनीति के एक अनुभवी नेता के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'इंडिया' गठबंधन के बीच की दूरियों को भरने में जो भूमिका निभाई है वह काफी स्पष्ट है. ऐसी और भी कई बातें हैं जो खड़गे के पक्ष में जाती हैं.

अमरमणि की रिहाई पर मधुमिता शुक्ला की बहन ने कहा- मैं डरी हुई हूं, जान से मारने की धमकी मिल रही है

कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी म​धुमणि को समय से पहले रिहा कर दिया है. इस आदेश को मधुमिता के बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों को ‘नज़रअंदाज़’ करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया.

महाराष्ट्र: क्यों पुलिस इशरत जहां एनकाउंटर पर लिखी किताब पर कार्यक्रम नहीं होने दे रही है

मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में फंसाए गए और फिर बरी हुए वाहिद शेख़ की इशरत जहां एनकाउंटर पर लिखी किताब सार्वजनिक जानकारी, सीबीआई जांच और इशरत के परिजनों से बातचीत पर आधारित है. हालांकि, महाराष्ट्र पुलिस इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति न देते हुए इसे 'सरकार विरोधी' बता रही है.

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