क्या भाजपा में पहुंचने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का क़द उनके ही गढ़ में कम हुआ है?

मध्य प्रदेश का ग्वालियर-चंबल अंचल सिंधिया घराने का गढ़ माना जाता रहा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस में रहने के दौरान उन्हें यहां का 'सुपर सीएम' कहा जाता था, लेकिन उनके भाजपा में जाने के बाद स्थितियां बदल चुकी हैं.

कैसे कोयला मंत्रालय ने घने जंगलों को खनन के लिए उपलब्ध कराया, जिससे अडानी समूह को फायदा हुआ

एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एसोसिएशन ऑफ पावर प्रोड्यूसर्स ने देश में कोयले की कमी की अफवाह को दूर करने के लिए भारत के सबसे घने जंगलों में से एक में स्थित दो कोयला ब्लॉकों को नीलामी के लिए खोलने के लिए नवंबर 2021 में कोयला मंत्रालय को लिखा था, लेकिन यह लॉबिंग अपने सदस्य अडानी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए थी.

गाज़ा के साथ इज़रायल की समस्या का सैन्य समाधान नहीं है, न ही इससे बदले की कार्रवाई को रोक सकते हैं

गाज़ा से होने वाले फिलीस्तीनी हमलों का इज़रायली सरकारों ने लगातार जो एकमात्र समाधान ढूंढा है, वो नाकाफ़ी है- कि अगर वो ज़मीन के रास्ते आए, तो दीवार बना देंगे; अगर रॉकेट दागे, तो इंटरसेप्टर बना लेंगे; अगर हमारे कुछ लोगों को मारा गया, तो उनके कइयों को मार डालेंगे. ऐसे ये सिलसिला लगातार चलता रहेगा.

शाहरुख़ ख़ान की ‘जवान’ भारत और हिंदी सिनेमा के बारे में क्या कहती है?

शाहरुख़ ख़ान भले ही कहें कि उनकी दिलचस्पी सिर्फ 'एंटरटेन' करने में है, पर उनकी हालिया फिल्मों से पता चलता है कि मनोरंजन के साथ-साथ उन्हें किसी न किसी क़िस्म के संदेश देने में भी दिलचस्पी है.

‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ उस जीवन का समारोह मनाता है जो मामूली है

किसी साहित्यिक रचना के पुनर्पाठ की प्रक्रिया उस शीशे को मांजने की तरह होती है, जिसकी चमक बार-बार रगड़ने से निखरती है. विनोद कुमार शुक्ल का उपन्यास 'दीवार में एक खिड़की रहती थी' इस दृष्टिकोण से ऐसी ही रचना है, जिसके पुनर्पाठों में ही कई-कई अर्थ-छवियां स्पष्ट होते हैं.

अयोध्या: एक मस्जिद की भूमि श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को बेचने पर विवाद क्यों हुआ?

निर्माणाधीन राम मंदिर परिसर के पास स्थित ‘मस्जिद बद्र’ की ज़मीन के कथित मुतवल्ली द्वारा इसे तीस लाख रुपये में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बेचने के ‘गुपचुप’ एग्रीमेंट और आधी रकम एडवांस लेने पर मुस्लिम प्रतिनिधियों ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि सौदा करने वाले न ही मुतवल्ली हैं, न ही वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति होने के चलते उनके पास इसे बेचने का हक़ है.

मध्य प्रदेश: भाजपा का केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने का मकसद क्या है?

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को टिकट मिला है. कई वरिष्ठ नेताओं के चुनाव में उतरने पर कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री चेहरे को बदलने की फिराक़ में है.

18 मीडिया संगठनों ने सीजेआई को पत्र लिखकर प्रेस की आज़ादी पर हमले को लेकर चिंता जताई

न्यूज़क्लिक के पत्रकारों और उससे जुड़े लोगों के यहां छापे, पूछताछ और गिरफ़्तारी के बाद देशभर के पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के अठारह संगठनों ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र में पत्रकारों से पूछताछ और उनसे फोन आदि की जब्ती के लिए दिशानिर्देश तैयार करने गुज़ारिश की है. 

मनोज झा के भाषण को लेकर विवाद की जडे़ं सिर्फ वहीं नहीं, जहां बताई जा रही हैं 

सामाजिक न्याय के लिए लड़ने का दावा करने वाले हिंदुत्ववादी शक्तियों से किसी सुविचारित दीर्घकालिक रणनीति के बजाय चुनावी समीकरणों के सहारे निपटते रहे. इसने उन्हें सत्ता दिलाई तो भी सामाजिक न्यायोन्मुख नीतियां लागू व कार्यक्रम चलाकर उसकी अपील का विस्तार नहीं किया. 

बाहरी भाषा-व्यवहार और संसदीय भाषा-व्यवहार के बीच भद्रता की दीवार दरक रही है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पिछले एकाध दशक में गाली का व्यवहार बहुत फैला और मान्य हुआ है. हम इसे अपने लोकतंत्र का गाली-समय भी कह सकते हैं.

विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक नियुक्तियों में ‘गुणवत्ता अंक’ का पैमाना भेदभाव का नया स्वरूप है

केंद्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा लागू किए जा रहे ‘गुणवत्ता अंक’ (क्वालिटी स्कोर) का प्रावधान कहता है कि किसी अभ्यर्थी की गुणवत्ता इस बात से तय होगी कि उसने स्नातक, परास्नातक और पीएचडी की पढ़ाई किस संस्थान से की है. 

अयोध्या: फिर विवादों में क्यों है श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट?

अयोध्या में ज़मीन खरीद-फ़रोख़्त में भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में रह चुकी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर अब हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने गढ़ी की अंगद टीले की भूमि हड़पने के प्रयास करने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

मनोज झा के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया ने दिखाया कि ‘उच्च जातियां’ अपना वर्चस्व नहीं छोड़ना चाहतीं

मनोज झा के एक वक्तव्य पर जिस प्रकार की हिंसक प्रतिक्रिया हुई है, उससे वर्चस्वशाली समुदाय के हिंसक स्वभाव को समझा जा सकता है.

संसद के विशेष सत्र में क्यों अवांतर होकर रह गया सरोजिनी नायडू का ज़िक्र?

बीते दिनों संसद के विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में राजद सदस्य मनोज झा ने सरोजिनी नायडू से जुड़े एक प्रसंग का ज़िक्र किया, तो यह जोड़ना नहीं भूले कि वे संविधान सभा के लिए बिहार से चुनी गई थीं. उनके इस स्वाभिमान में कुछ बुरा नहीं था लेकिन अफ़सोस कि उत्तर प्रदेश, जहां कि वे पहली राज्यपाल थीं, का कोई सदस्य न कह सका कि वे यूपी ही क्या, पूरे देश की थीं.

महिला आरक्षण बिल किसी राजनीतिक दल का नहीं, महिला संगठनों का है

लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला बिल सोच और ड्राफ्ट के स्तर पर न भाजपा का है न कांग्रेस का, बल्कि विशुद्ध रूप से महिला संगठनों का है. लेकिन विडंबना ही है कि प्रधानमंत्री द्वारा लाए गए बिल में महिला संगठनों की भूमिका का प्रस्तावना तक में कोई ज़िक्र तक नहीं है.

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