कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों समेत अन्य अल्पसंख्यकों की आतंकियों द्वारा निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं के विरोध में वहां कार्यरत कर्मचारी पिछले कई महीने से जम्मू में प्रदर्शन कर रहे हैं. एक कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि कश्मीर में हत्याओं को धर्म के आधार पर देखना बंद करें. कर्मचारियों ने इस बयान पर रोष जताया है.
अयोध्या में 18वीं शताब्दी में वर्ण-व्यवस्था का अतिक्रमण कर जाति, संप्रदाय, हिंसा व जीव हत्या का मुखर विरोध व सामाजिक समानता की पैरोकारी करने वाले संत पलटूदास को अजात घोषित कर ज़िंदा जला देना इस बात का प्रमाण है कि देश में पागलपन में शामिल न होने वालों को मार देने का सिलसिला बहुत पुराना है.
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की टिप्पणी पर आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं के विरोध और घाटी से तबादले की मांग पर 200 से अधिक दिन से प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने कहा कि हम सरकार द्वारा बनाई गई स्थिति के कारण ऐसे हालात में हैं. आतंकियों द्वारा हमें मारने के लिए हिट-लिस्ट जारी की जा रही है.
लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में 23,179 गृहणियों, 15,870 पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से जुड़े 2,541 कर्मचारियों ने आत्महत्या की. इसी अवधि में 42,004 दिहाड़ी मज़दूरों, 5,563 खेतिहर मज़दूरों और व्यवसाय क्षेत्र के 12,055 लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं.
जेएनयू के अंतिम वर्ष के पीएचडी और एमफिल छात्रों को इस महीने के अंत तक शोध प्रबंध जमा करवाने को कहा गया है. छात्रों का कहना है कि कोविड महामारी के चलते बर्बाद हुए समय के एवज में पर्याप्त समय न मिलने के चलते वे इस समयसीमा में थीसिस नहीं दे सकेंगे और उन्हें समय विस्तार दिया जाना चाहिए.
1992-93 के मुंबई दंगों के कारणों की जांच करने वाले आयोग के अध्यक्ष रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा ने एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दो पेशों को निश्चित रूप से स्वतंत्र होना चाहिए, एक न्यायाधीश का और दूसरा पत्रकार का. अगर उन्हें रोका जाएगा तो लोकतंत्र को नुकसान होगा.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिख कहा है कि अवैध खनन को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन हमें जानकारी मिल रही है कि अवैध खनन रेलवे की मदद से जारी है और ऐसा लगता है कि इसमें रेलवे के अधिकारी शामिल हैं.
बिहार के छपरा ज़िले का मामला. बीते अगस्त महीने में भी इस ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी. नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.
तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प पर संसद में चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लिया है. कांग्रेस ने झड़प को लेकर सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी देश की सुरक्षा और अखंडता की बात आती है, तो प्रधानमंत्री मोदी अपने मंत्रियों के पीछे छिप जाते हैं.
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी के सदस्य संजय सिंह ने ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी ने पिछले आठ सालों में विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ 3,000 छापे डाले हैं लेकिन सिर्फ 23 ही लोगों को दोषी पाया गया है.
नकली नोट, काला धन और आतंकवाद को नियंत्रित करने की बात कहते हुए मोदी सरकार ने 2016 में नोटबंदी की घोषणा की थी और 2,000 रुपये के नोट जारी किए थे. अब भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में कहा है कि बड़े पैमाने पर लोगों ने इस नोट की जमाखोरी कर रखी है. केवल अवैध व्यापार में इनका इस्तेमाल हो रहा है.
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर उठाया गया है. झड़प में किसी भी भारतीय सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है, न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है.
निर्भया कोष के तहत मुंबई पुलिस द्वारा ख़रीदे गए वाहनों का इस्तेमाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के विधायकों और सांसदों को ‘वाई-प्लस एस्कॉर्ट सुरक्षा’ प्रदान करने के लिए किए जाने का मामला सामने आया है. विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है.
जन्मदिन विशेष: रघुवीर सहाय की कविता राजनीतिक स्वर लिए हुए वहां जाती है, जहां वे स्वतंत्रता के स्वप्नों के रोज़ टूटते जाने का दंश दिखलाते हैं. पर लोकतंत्र में आस्था रखने वाला कवि यह मानता है कि सरकार जैसी भी हो, अकेला कारगर साधन भीड़ के हाथ में है.
इस बार के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने छह, आप ने पांच और कांग्रेस ने तीन महिलाओं को टिकट दिया था, लेकिन भाजपा की रीना कश्यप ही सिरमौर ज़िले की पच्छाद सीट से जीत हासिल कर सकीं. 1967 के बाद से 15 चुनावों में केवल 43 महिलाएं ही राज्य विधानसभा के लिए चुनी गई हैं.