प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करने से पहले याद कर लें कि जिस समय वे कुंभ में जमावड़े से बचने की अपील कर रहे थे, उसी समय बंगाल में अपनी सभाओं में जनता को आमंत्रित कर रहे थे. क्या वह भीड़ संक्रमण से सुरक्षित है? क्या यह अधिकार प्रधानमंत्री, उनके गृह मंत्री को है कि वे कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के बीच उस संक्रमण का पूरा इंतज़ाम करें? क्या यह राष्ट्रीय आपदा क़ानून के तहत अपराध नहीं है?
इससे पहले रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी की ओर से मुर्शिदाबाद ज़िले के जंगीपुरा सीट से चुनाव मैदान में उतरे प्रदीप कुमार नंदी की मौत भी बीते 16 अप्रैल को कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई थी. 15 अप्रैल को इसी ज़िले की शमशेरगंज सीट से उम्मीदवार रेज़ाउल हक़ की भी संक्रमण से मौत हो चुकी है. निर्वाचन आयोग ने दोनों सीटों पर मतदान स्थगित कर दिया है.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा है कि ऐसे समय में जब महामारी एक बार फ़िर पैर पसार चुकी है, तब केंद्र सरकार को उन किसानों और मज़दूरों की फ़िक्र करते हुए तत्काल प्रभाव से इस स्थिति से निपटना चाहिए, जिन्हें उसने पिछले साल लॉकडाउन लगाते हुए नज़रअंदाज़ कर दिया था.
पश्चिम बंगाल चुनाव राउंड-अप: कांग्रेस की ओर कहा गया कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ने की बजाय रैलियां कर लापरवाही का परिचय दे रहे प्रधानमंत्री. माकपा ने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री नहीं बल्कि पार्टी प्रचारक की भूमिका निभा रहे हैं. बंगाल के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि कोविड के मामलों में बढ़ोतरी के बीच कोई बड़ी रैली नहीं करेंगे. राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियां रद्द करने की घोषणा की. भाजपा के सायंतन बसु और तृणमूल की सुजाता
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल पा रहे है. ऑक्सीजन की कमी की भी ख़बरें आ रही हैं. साथ ही कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़ों में हेरफेर करने के आरोप भी योगी सरकार पर लग रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर उन्हीं राज्यों में देखी जा रही है, जहां चुनाव नहीं है. शाह ने कोरोना टीकों की कमी से इनकार किया है.
भारत में लगातार 14 अप्रैल के बाद चौथे दिन कोरोना वायरस संक्रमण के दो लाख से अधिक दैनिक मामले दर्ज किए गए हैं. देश में कुल मामलों की संख्या 1.47 लाख से अधिक हो गई है और मरने वालों की संख्या बढ़कर 1.77 लाख से अधिक हो गई है. विश्व में संक्रमण के 14.07 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 30.11 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
मध्य प्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज की घटना. कॉलेज के डीन का कहना है कि कोरोना मरीज़ों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई की कमी की वजह से हुई है या नहीं, अभी इसका पता नहीं लगाया जा सका है. मेडिकल शिक्षा मंत्री और शहडोल के ज़िलाधिकारी ने ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात से इनकार किया है.
भोपाल शहर के सारे विश्राम घाट इन दिनों मृत देहों से पटे पड़े हैं. ढेर सारी एंबुलेंस मृत शरीरों को रखे अपनी बारी का इंतजार करती रहती हैं, चाहे भदभदा विश्राम घाट हो या सुभाष विश्राम घाट सब जगह इतनी देह आ रही हैं कि प्रबंधकों के चेहरे पर पसीना ही दिखता है.
पिछले हफ़्ते से वाराणसी नगर निगम के रिकॉर्ड और राज्य सरकार के आधिकारिक बुलेटिन के बीच गंभीर विसंगतियां नज़र आ रही हैं. बीते 13 अप्रैल को प्रशासन ने अपने कोरोना बुलेटिन में बताया कि वाराणसी में तीन मौतें हुई हैं, लेकिन नगर निगम के आंकड़े दर्शाते हैं कि हरिश्चंद्र घाट पर नौ कोरोना शवों को जलाया गया था.
दिल्ली, ओडिशा और मध्य प्रदेश सरकारों ने हरिद्वार में चल रहे कुंभ से लौट रहे लोगों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट, क्वारंटीन और ज़िला प्रशासन को सूचित करने जैसे विभिन्न निर्देश दिए हैं. कुंभ में कोविड के बढ़ते जोखिम के बीच उत्तराखंड सरकार ने इसे सीमित करने की संभावना से इनकार किया है.
बिहार की राजधानी पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का मामला. राजद नेता तेजस्वी यादव ने अस्पताल के अधीक्षक का पत्र ट्विटर पर साझा कर नीतीश सरकार निशाना साधते हुए राज्य में कोविड-19 के ख़िलाफ़ बुनियादी सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई है.
असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा का कहना है कि पिछले आदेश में यात्रियों को अन्य राज्यों से आने पर 72 घंटों के भीतर कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की मंज़ूरी थी, लेकिन अब उन्हें अनिवार्य रूप से कोरोना टेस्ट कराना होगा.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित राजधानी अस्पताल का मामला. घटना की जांच के ज़िलाधिकारी ने आदेश दे दिए हैं. राहुल गांधी ने सरकार से पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद देने की अपील की.
कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि कुंभ को मरकज़ से जोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था, जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है. उन्होंने कहा था कि सबसे महत्वपूर्ण है कि कुंभ गंगा नदी के किनारे है. मां गंगा का आशीर्वाद यहां बह रहा है, इसलिए यहां कोरोना नहीं होना चाहिए.