नोटबंदी से लोगों को तमाम परेशानियां हुईं, फिर भी ज्यादातर लोग नरेंद्र मोदी सरकार के इस कदम से ख़ुश क्यों हैं?
बढ़ती धार्मिक कुरीति और कट्टरता के दौर में भी कबीर होते तो यही कहते कि ‘मोको कहां ढूढ़ें बंदे, मैं तो तेरे पास में. न मैं देवल, न मैं मस्जिद, न काबे कैलास में...'
यूपी के गोंडा का जायज़ा लेने से पता चला कि पार्टियां भले ही कालाधन लाने, परिवारवाद मिटाने की बातें करें लेकिन चुनाव में जीत धन बल और बाहुबल से ही मिलती है.
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता ने कहा, मैंने उन सरकारी अधिकारियों के चेहरे पर आनंद देखा है जो जानते हैं कि वे हमारे रचनात्मक कार्यों को बर्बाद कर रहे हैं.
बीते दिनों रामजस कॉलेज में हुई हिंसा यह साफ़ दिखाती है कि अगर इस तरह की राजनीति से प्रेरित ग़ुंडागर्दी को नहीं रोका गया तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं.
जिन्हें मायावती पसंद नहीं हैं. वे उनके चुनाव चिह्न को ‘पागल हाथी’ कहते हैं. इस तरह वे एक ही बार में ‘पागल’ और ‘हाथी’ के लिए असंवेदनशील टिप्पणी कर बैठते है.
रामजस कॉलेज में एक सेमिनार को लेकर हुए विवाद के बाद से सोशल मीडिया पर एक कैंपेन शुरू हुआ है. इस कैंपेन को नाम दिया गया है, ‘आई ऐम नॉट अफरेड आॅफ एबीवीपी.’
डीयू के रामजस कॉलेज में हुए विवाद पर जेएनयू के शोध छात्र उमर खालिद और डीयू केे शोध छात्र विक्रम आदित्य सहाय से द वायर के अमित सिंह की बातचीत.
यूपी चुनाव में दल बेरोज़गार युवाओं का इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हैं. कहीं 500 रुपये दिहाड़ी पर तो कहीं बाइक में फुल टंकी तेल भराकर रैलियों के लिए भीड़ जुटाई जा रही है.
अयोध्या से बाहर इसकी पहचान राम जन्मभूमि और बाबरी मस्ज़िद विवाद से ही होती है. लेकिन अयोध्या के पास इन दोनों के इतर और भी बहुत कुछ है कहने को.
‘जन की बात’ की आठवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ रामजस कॉलेज में हुए विवाद और नोटबंदी से आई आर्थिक मंदी पर चर्चा कर रहे हैं.
फरक्का बैराज का निर्माण जिस तरह राजनीतिक कारणों से किया गया था. उसी तरह की राजनीति अब इसे हटाने को लेकर हो रही है.
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के बानमौर स्थित जेके टायर ने पिछले साल जून मेें अपनी एक यूनिट को घाटे में बताकर बंद कर दिया और करीब 900 मजदूरों को एक झटके में काम पर न आने का नोटिस थमा दिया. मजदूर तब से इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
मैं ये बचपन से सुनता आ रहा हूं कि मस्जिदों में असलहे रखे जाते हैं. हिंदुओं की एक बड़ी आबादी इसे सच मानती है. आप उसको कुरेद सकते हैं, हिंसक बना सकते हैं.
एक साक्षात्कार में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को थोड़ा और वक़्त दिया जाना चाहिए.