असम के दरांग ज़िले के एक गांव की घटना. 65 वर्षीय अतुल शर्मा की बीते 9 अगस्त को मौत हो गई थी, लेकिन ग्रामीणों के कथित असहयोग के कारण परिवार को उनका शव जलाने के बजाय दफ़नाने के लिए मजबूर होना पड़ा. 27 साल पहले अंतरजातीय विवाह करने की वजह से ग्रामीणों ने उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया था.
उत्तर प्रदेश में कन्नौज ज़िले के तालग्राम थाना क्षेत्र के गांव रसूलाबाद स्थित शिव मंदिर में बीते 16 जुलाई की सुबह कथित रूप से मांस मिलने के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी चंचल सिंह की थानाध्यक्ष हरिश्याम सिंह से अनबन थी, जिस कारण वह उन्हें हटवाना चाहता था. घटना के बाद ज़िलाधिकारी, एसपी और थानाध्यक्ष का तबादला कर दिया गया था.
राजस्थान में जालोर ज़िले के सुराणा गांव स्थित एक निजी स्कूल का मामला. बच्चे को बीते 20 जुलाई को कथित तौर पर पीटा गया था और बीते शनिवार को अस्पताल में उसकी मौत हो गई. पुलिस ने 40 वर्षीय शिक्षक को गिरफ़्तार कर लिया है. उनके ख़िलाफ़ हत्या और अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.
पुस्तक समीक्षा: हिंदी कविता और नई कहानी के प्रमुख हस्ताक्षर रहे अज्ञेय की अक्षय मुकुल द्वारा लिखी जीवनी ‘राइटर, रेबेल, सोल्जर, लवर: द मैनी लाइव्ज़ ऑफ अज्ञेय’ उनके जीवन के अनगिनत पहलुओं को तो उभारती ही है, साथ ही 1925 से 1980 के भारत के राजनीतिक-सामाजिक इतिहास का भी दस्तावेज़ बन जाती है.
गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल मेहसाणा ज़िले के कडी कस्बे में ‘तिरंगा यात्रा’ निकाल रहे थे. इसी दौरान एक गाय तेज़ी से आती और लोगों को टक्कर मारते हुए निकल जाती है. एक्सरे और सीटी स्कैन में पटेल के पैर की हड्डी टूटी पाई गई है.
उत्तर प्रदेश के बहराइच, कुशीनगर और सहारनपुर ज़िलों का मामला. बहराइच में हुई घटना में तिरंगा हटाकर हरा झंडा लगाने का आरोप दो मुस्लिम युवकों पर लगा है. इसी तरह कुशीनगर में ग़ैर-राष्ट्रीय ध्वज लगाने के आरोपी मुस्लिम युवक को गिरफ़्तार करने के अलावा उनकी बुआ और चचरे भाई के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया गया है. वहीं सहारनपुर में पांच छात्रों पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद नारा लगाने का आरोप लगा है.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बीते 10 अगस्त को इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए ज़किया जाफ़री और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम जैसे मामलों में शीर्ष अदालत के हालिया फैसलों की आलोचना की थी.
अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर बीते 12 अगस्त को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक कार्यक्रम के दौरान चाकू से हमला कर बुरी तरह ज़ख़्मी कर दिया गया था. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत विश्व भर के लेखक, कार्यकर्ता, उनके संगठनों और प्रकाशकों ने इस हमले को बर्बर बताते हुए इसकी निंदा की है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,42,53,464 हो गई है और मृतकों का आंकड़ा 5,27,037 हो गया है. विश्व में संक्रमण के 58.98 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और अब तक 64.34 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में सत्तारूढ़ भाजपा के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर सवाल उठाते हुए और हिंदुओं से भाजपा के इस अभियान का बहिष्कार करने की अपील करते हुए नज़र आ रहे हैं. पुलिस ने कहा कि वीडियो की छानबीन कर क़ानून की उपयुक्त धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बर्ख़ास्त कर्मचारियों में जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा की अधिकारी असबाह-उल-अर्ज़मंद ख़ान भी शामिल हैं, जो टेरर फंडिंग मामले में जेल में बंद फ़ारूक़ अहमद डार की पत्नी हैं. चारों कर्मचारियों को संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (सी) के तहत बर्ख़ास्त किया गया है, जिसमें सरकार को बिना किसी जांच के अपने कर्मचारी को निष्कासित करने की शक्ति प्राप्त है.
आज़ादी के 75 साल: देश की आज़ादी के 75 साल बाद भी आदिवासी समुदाय अपने जल, जंगल, ज़मीन, भाषा-संस्कृति, पहचान पर हो रहे अतिक्रमणों के ख़िलाफ़ लगातार संघर्षरत है.
देश में बढ़ती असहिष्णुता का हवाला देकर वर्ष 2019 में सरकारी सेवा से इस्तीफ़ा के बाद अपना राजनीतिक दल बनाने वाले कश्मीरी आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल ने पिछले दिनों नौकरशाही में वापस आने के संकेत दिए थे. इस दौरान वे कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गईं योजनाओं की लगातार सराहना करते देखे जा रहे थे.
बीते चार जुलाई को बिहार के छपरा ज़िले में ही कथित ज़हरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी और कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. बिहार सरकार ने अप्रैल 2016 में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन पिछले साल नवंबर के बाद से राज्य में ज़हरीली शराब से जुड़ी कई घटनाएं हुईं, जिनमें 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
एक 27 वर्षीय नाइजीरियाई व्यक्ति रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट में टाइपिंग की गलतियों को लेकर एक साल से अधिक समय से जेल में है. उसे कथित तौर पर अपने पास मादक पदार्थ रखने को लेकर अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.