द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि नफ़रत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) को अदालत ने परिभाषित किया है. अब सवाल कार्यान्वयन और समझने का है कि इसे कैसे लागू किया जाए. हम व्यक्तिगत मामलों से नहीं निपट सकते. अगर हम व्यक्तिगत मामलों से निपटना शुरू कर देंगे तो इससे मामलों की बाढ़ आ जाएगी.
उत्तराखंड के सिल्कयारा में ढही सुंरग में 17 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने वाली कंपनी रॉकवेल एंटरप्राइजेज के मालिक वकील हसन ने कहा कि कोई भी ये काम अकेले नहीं कर सकता था. हम यही संदेश सभी को देना चाहते हैं. हम सभी को सद्भाव से रहना चाहिए और नफ़रत का ज़हर नहीं फैलाना चाहिए.
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उत्तराखंड के सिल्कयारा में बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से फंसे 41 श्रमिकों को सत्रह दिनों के कड़े संघर्ष के बाद आख़िरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. लेकिन वो कौन-सी ग़लतियां थीं, जिनके चलते यह स्थिति पैदा हुई?
ईडी ने रेत खनन में कथित अनियमितताओं के संबंध में तमिलनाडु के ज़िला कलेक्टरों को जारी समन के ख़िलाफ़ राज्य सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख़ किया था. इस पर अदालत ने कहा है कि प्रथमदृष्टया, भेजे गए समन ईडी के अधिकारक्षेत्र में नहीं आते हैं.
केरल के दो प्रतिनिधियों- श्रीनाथ और अर्चना रवि को गोवा पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) से बाहर कर दिया, क्योंकि उन्होंने महोत्सव में 'द केरला स्टोरी' फिल्म की स्क्रीनिंग की निंदा करते हुए रेड कार्पेट पर विरोध प्रदर्शन किया था.
कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और छह अन्य को सितंबर 2016 में अहमदाबाद नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए हिरासत में लिया गया था. इसे लेकर उन पर पुलिस वाहन को नुकसान पहुंचाने, नारे लगाने और दंगा करने के आरोप लगाए गए थे.
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उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के एक गांव का मामला. ज़िले की डुमरियागंज सीट से सपा विधायक सैयदा ख़ातून ने बताया कि उन्हें बलवा गांव स्थित समया माता मंदिर प्रशासन द्वारा एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था. उन्होंने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं. कुछ तत्व लोगों के एक समूह को गुमराह कर रहे हैं.
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किसानों यूनियनों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और महासंघों के संयुक्त मंच ने 26 नवंबर से देशव्यापी तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. किसानों का कहना है कि उनके द्वारा तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को रद्द कराए हुए तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन उस समय की उनकी कई मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं.
मामला जम्मू कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का है. आरोप है कि कश्मीरी छात्रों ने बीते 19 नवंबर को हुए क्रिकेट विश्वकप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे. पुलिस ने छात्रों के ख़िलाफ़ ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बीते 18 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाने वाले उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब सरकार ने 92 राज्य-आधारित निर्माताओं को निर्देश दिया है, जो अपने माल के लिए ग़ैर-प्रमाणित संगठनों से हलाल प्रमाणीकरण प्राप्त कर रहे थे, ताकि वे यूपी के भीतर अपने उत्पादों को वापस ले सकें या उन्हें दोबारा पैक करें.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है और इस साल 31 दिसंबर तक नए नाम के साथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की तस्वीरें मांगी हैं. इन तस्वीरों को एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है. ‘आयुष्मान भारत मंदिर’ के साथ ‘आरोग्यम परमं धनम्’ नाम से टैगलाइन भी दी गई है.