यूपी के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की की गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ की बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था. अब कोर्ट ने अल्ताफ़ का शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाने का निर्देश दिया है.
कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर जारी विवाद के ख़िलाफ़ विरोध जताते हुए मंगलवार को आगरा में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने भगवा वस्त्र पहनकर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए ताजमहल परिसर में घुसने का प्रयास किया. पुलिस ने उन्हें चुनाव आचार संहिता और धारा 144 लगने की वजह से बीच रास्ते में ही रोक लिया. बाद में विरोध स्वरूप कार्यकर्ताओं ने थाना हरीपर्वत में हनुमान चालीसा का पाठ किया.
90 वर्षीय गायिका संध्या मुखर्जी को 60 और 70 के दशक की सबसे मधुर आवाज़ों में से एक माना जाता है. अपने करिअर में एसडी बर्मन, मदन मोहन, नौशाद, अनिल विश्वास और सलील चौधरी जैसे लोकप्रिय संगीत निर्देशकों के साथ काम करने के अलावा मुखर्जी ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बीते महीने उन्होंने पद्म सम्मान लेने से इनकार कर दिया था.
संत कवियों की लंबी परंपरा में एक रविदास ही ऐसे हैं जो श्रम को ईश्वर बताकर ऐसे राज्य की कल्पना करते हैं, जो भारतीय संविधान के समता, स्वतंत्रता, न्याय व बंधुत्व पर आधारित अवधारणा के अनुरूप है.
69 वर्षीय गायक और संगीतकार बप्पी लाहिड़ी को स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें थीं. वह भारत में 80 और 90 के दशक में मुख्य रूप से डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने में उनके योगदान के लिए जाने जाते हैं. इस दशक में कई फिल्मों में उन्होंने गाने गाए, जो काफी हिट रहे. इन फिल्मों में ‘चलते-चलते’, ‘डिस्को डांसर’ और ‘शराबी’ शामिल हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई’ कर दिया था, जिससे झांसी के लोग ख़ुश नहीं हैं. यहां तक कि स्वयं को सरकार और भाजपा समर्थक बताने वाले लोग भी इसे ग़लत बता रहे हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: साल 2014 में देवरिया ज़िले में भाटपाररानी विधानसभा क्षेत्र के भवानी छापर गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आईटीआई का शिलान्यास किया था. ग्रामीण युवाओं को आस थी कि वे तकनीकी हुनर सीखकर आजीविका कमा सकेंगे. सात साल बीतने के बावजूद यह आईटीआई अब तक शुरू नहीं हो सका और रोजी-रोटी की तलाश में स्थानीय युवा अन्य राज्यों में मज़दूरी करने के लिए पलायन को मजबूर हैं.
आरोप है कि दिल्ली के तिलक नगर की रहने वाली 87 साल की बिस्तर से उठने में असमर्थ महिला से एक व्यक्ति ने मारपीट करने के साथ उनका बलात्कार किया था. परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने मामले में कार्रवाई करने में देरी की और उनकी शिकायत दर्ज नहीं की.
एनआईए ने कबीर कला मंच के सदस्यों- सागर गोरखे, रमेश गायचोर और ज्योति जगताप की ज़मानत याचिकाओं का भी विरोध किया. वहीं, आरोपियों के वकील ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के पास यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि उनके मुवक्किलों ने यूएपीए के तहत कोई अपराध किया था जिसके तहत उन पर मामला दर्ज किया गया.
एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों और इंडिया जस्टिस रिपोर्ट द्वारा उसके विश्लेषण बताता है कि साल 2020 में जेल में बंद विचाराधीन क़ैदियों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है जबकि दोषसिद्धि के आंकड़े में कमी आई है. इसके चलते जेल में बंद कुल क़ैदियों में विचाराधीन बंदियों की संख्या तीन-चौथाई से अधिक है.
मध्य प्रदेश के राजगढ़ ज़िले के माचलपुर थाना क्षेत्र का मामला है. एक दलित व्यक्ति की शादी में डीजे बजाने, जुलूस निकालने को लेकर ग्रामीणों द्वारा घर पर हमला करके तोड़फोड़ की गई. पुलिस ने इस संबंध में 38 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
स्मृति शेष: लता मंगेशकर की अविश्वसनीय सफलता के पीछे उनकी आवाज़ की नैसर्गिक निश्छलता और सरलता का बहुत बड़ा हाथ है. जिस प्रकार उनकी आवाज़ हर व्यक्ति, समुदाय और वर्ग के लोगों को समान रूप से प्रभावित करने में सफल होती है वह इस बात का सूचक है कि वो आवाज़ अपने दैहिक कलेवर से उठकर आत्मा में निहित मानवीयता को स्पंदित करने में सक्षम हो जाती है.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर लिमिटेड से इसके उत्पाद सेंसोडाइन और नापतोल ऑनलाइन शॉपिंग लिमिटेड के ख़िलाफ़ अपने उत्पादों के प्रचार-प्रसार में भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार गतिविधियों के इस्तेमाल को लेकर रिपोर्ट तलब की है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2019 में सीएए के विरोध में आंदोलन कर रहे लोगों को वसूली के नोटिस भेजे जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह कार्यवाही उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित क़ानून के विरुद्ध है और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.
उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.