पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तकनीकी समिति के कोई निर्णायक निष्कर्ष न देने के बाद अदालत के पास सच्चाई जानने के दो आसान तरीके हैं. एक, केंद्रीय गृह मंत्री, एनएसए समेत महत्वपूर्ण अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफ़नामे मांगना और दूसरा, समिति के निष्कर्षों की प्रतिष्ठित संगठनों से समीक्षा करवाना.
पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये देश के नेताओं, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं की जासूसी के आरोपों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तकनीकी समिति ने कहा है कि वे निर्णायक तौर पर नहीं कह सकते कि डिवाइस में मिला मैलवेयर पेगासस है या नहीं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में जासूसी के आरोपों पर सुनवाई जारी रहेगी.
विवादित स्पायवेयर पेगासस की निर्माता इज़रायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के सीईओ शालेव हुलिओ एक साल से भी कम समय के अंदर इस पद से इस्तीफ़ा देने वाले दूसरे व्यक्ति हैं. कंपनी का कहना है कि उनके चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी यारोन शोहात अंतरिम आधार पर फर्म का कामकाज और प्रबंधन देखेंगे.
विवादास्पद स्पायवेयर पेगासस के दुरुपयोग के आरोपों के चलते भारत सहित दुनिया भर में चर्चित हुआ इज़रायली प्रौद्योगिकी फर्म एनएसओ ग्रुप की यूरोपीय संघ में बड़ी मौजूदगी सामने आई है. मीडिया में आई एक ख़बर के मुताबिक, यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में से 12 देशों में एनएसओ के कम से कम 22 अनुबंध हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष अक्टूबर में सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता में पेगासस स्पायवेयर के कथित दुरुपयोग की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था. पत्रकारों, राजनेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी के लिए स्पायवेयर के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए इसका गठन किया गया था.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा कि तकनीकी समिति पेगासस स्पायवेयर प्रभावित मोबाइल फोन की जांच कर रही है और उसने पत्रकारों समेत कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं. शीर्ष अदालत कथित जासूसी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करने वाली पत्रकारों और मीडिया संगठनों द्वारा दाख़िल की गईं याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
स्पेन के अधिकारियों ने बताया कि मई 2021 में दो बार प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज का मोबाइल फोन हैक हुआ था. वहीं, रक्षा मंत्री मार्गरीटा रॉबल्स के फोन को अप्रैल 2021 में एक बार निशाना बनाया गया था.
स्पेन ने कैटलोनिया की स्वतंत्रता के दर्जनों समर्थकों के फोन विवादित जासूसी स्पायवेयर से हैक किए जाने के आरोपों की जांच शुरू करने के साथ पूरी पारदर्शिता बरतने का वादा किया है. हालांकि स्पेन की सरकार ने अब तक न तो पेगासस स्पायवेयर के इस्तेमाल से इनकार किया है और न ही पुष्टि की है.
सिटीज़न लैब की रिपोर्ट बताती है कि 2020-21 में उसने यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय में पेगासस स्पायवेयर संक्रमण के कई संदिग्ध मामले देखे थे. विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय से संबंधित संदिग्ध वायरस का जुड़ाव पेगासस ऑपरेटरों से था, जिनके तार यूएई, भारत, साइप्रस और जॉर्डन से जुड़े पाए गए.
फंड का प्रबंधन करने के लिए कंसल्टेंसी कंपनी द्वारा अदालत में दी गई जानकारी के मुताबिक़, 2019 में एनएसओ समूह को एक निजी इक्विटी कंपनी नोवलपिना कैपिटल ने एक अरब डॉलर में खरीदा था लेकिन यह स्पष्ट है कि एनएसओ की इक्विटी का अब कोई मूल्य नहीं है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा पेगासस स्पायवेयर खरीदा गया था. अब प्रदेश की ख़ुफ़िया इकाई के प्रमुख रह चुके एबी वेंकटेश्वर ने पुष्टि की है कि इज़रायली कंपनी एनएसओ ग्रुप ने राज्य सरकार को पेगासस स्पायवेयर बेचने की पेशकश की थी, लेकिन इसे अस्वीकार कर कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता वाली समिति ने जनता के लिए 11 प्रश्नों का एक फॉर्म तैयार किया है, जिसमें साइबर सुरक्षा को मज़बूत करने के सुझाव और मौजूदा क़ानूनों की प्रभावशीलता व सरकारी निगरानी के संबंध में जनता की राय मांगी गई हैं.
वाईएसआर सरकार ने पिछली चंद्रबाबू सरकार द्वारा पेगासस स्पायवेयर की कथित खरीद और अवैध उपयोग की जांच के लिए एक समिति गठित करने का फ़ैसला किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चंद्रबाबू नायडू के पेगासस खरीदने के दावे के बाद से इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनकी सरकार को इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पेगासस खरीदा था. नायडू सरकार से इसका खंडन किया है.
इज़रायली टेक कंपनी एनएसओ ग्रुप ने ‘कैल्कलिस्ट’ अख़बार के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर कर 3,10,000 डॉलर के हर्जाने की मांग की है. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि स्पायवेयर का इस्तेमाल राजनीतिक दलों के नेताओं, प्रदर्शनकारियों और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके बेटे, क़रीबी लोगों की जासूसी के लिए किया गया था.