फैक्ट चेक: अप्रैल के पहले हफ़्ते में मीडिया द्वारा एक अध्ययन के हवाले से दावा किया गया कि हार्वर्ड स्टडी ने अन्य राज्यों की तुलना में प्रवासी संकट को अधिक प्रभावी ढंग से संभालने के लिए यूपी सरकार की सराहना की है. पड़ताल बताती है कि हार्वर्ड ने ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया.
उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक सुनील भराला का कहना है कि कुंभ की आस्था कोरोना वायरस से बहुत बड़ी है गंगा मां ही इस कोरोना का सर्वनाश करेंगी और पिछले साल निज़ामुद्दीन मरकज़ में जुटी भीड़ की तुलना कुंभ से नहीं की जानी चाहिए.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी ग्रामीण और शहरी इलाकों में प्रत्येक रविवार को साप्ताहिक लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है. इस दौरान केवल स्वच्छता संबंधी और आपातकालीन सेवाएं ही संचालित होंगी. निर्देश के अनुसार, अगर किसी को पहली बार बिना मास्क पहने पकड़ा जाए तो उस पर एक हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया जाए और अगर वह व्यक्ति दूसरी बार पकड़ा जाए तो दस गुना अधिक जुर्माना लगाया जाए.
फैक्ट चेक: विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में यूपी सरकार के कोविड-19 प्रबंधन को अग्रणी बताने का दावा किया गया. यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने इसका खंडन करते हुए कहा कि ये कोई तुलनात्मक अध्ययन नहीं था बल्कि यूपी सरकार के अफसरों के साथ मिलकर राज्य की कोविड-19 की तैयारी और इसे संभालने संबंधी व्यवस्थाओं पर तैयार की गई रिपोर्ट थी.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि कोरोना वायरस नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की कोई व्यवस्था और योजना ही नहीं दिख रही है. आज स्थिति यह हो गई है कि राजधानी लखनऊ में लाशों की कतार लग गई हैं. प्रदेश का आम आदमी अपने परिजन का अंतिम संस्कार भी सम्मानित तरीके से करने में लाचार है. सुबह से देर रात तक शवदाह गृहों और क़ब्रिस्तानों में लोग अपने मृत प्रियजनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं.
गुजरात सरकार ने कहा है कि उनके द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन अन्य भाजपा शासित राज्यों में भेजे जाने की मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार और असत्य हैं. हालांकि ख़बरों के अनुसार, यूपी सरकार ने रेमडेसिविर की 25,000 खुराक लाने के लिए एक सरकारी विमान अहमदाबाद भेजा था, जो बुधवार शाम लखनऊ पहुंचा.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के दो हज़ार से ज़्यादा सक्रिय मामलों वाले 10 ज़िलों में रात आठ बजे से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू लागू करने के निर्देश दिए हैं. इन ज़िलों में लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, मेरठ और गोरखपुर शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बीते आठ अप्रैल को ज़िला पंचायत सदस्य के लिए संगीता सिंह सेंगर को उम्मीदवार घोषित किया था, जिसकी विपक्षी दलों ने आलोचना की थी. उनके पति पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव ज़िले में 17 वर्षीय एक किशोरी से बलात्कार मामले में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के बदौसा क्षेत्र का मामला है. परिजनों ने बताया कि चार साल पहले उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से एक लाख रुपये क़र्ज़ लिया था, जिसे वापस नहीं कर पाए थे. दो बेटियों की शादी तय हो गई थी और घर में आर्थिक तंगी थी.
देश के नेता विगत कोई बीस सालों के अथक प्रयास से समाज का इतना ध्रुवीकरण पहले ही कर चुके हैं कि आने वाले अनेक वर्षों तक उनकी चुनावी जीत सुनिश्चित है. फिर कुछ लोग अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और उन्हें अपमानित करने के लिए जोशो-ख़रोश से क्यों जुटे हुए हैं?
बीते मार्च में केन और बेतवा नदियों को जोड़ने की परियोजना पर जलशक्ति मंत्रालय, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों के बीच समझौता हुआ है. देश भर के कई पर्यावरणविदों ने इसे रोकने की पैरवी की है. कांग्रेस अध्यक्ष ने भी कहा है कि परियोजना के चलते क़रीब 18 लाख पेड़ों को हटाया जाएगा.
घटना शामली ज़िले की है, जहां एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन वृद्ध महिलाओं को कोरोना वायरस की वैक्सीन के स्थान पर रेबीज़ का टीका लगा दिया गया. एक महिला की हालत बिगड़ने के बाद यह मामला सामने आया. परिजनों की शिकायत पर सीएमओ ने जांच के आदेश दिए हैं.
घटना बिजनौर के बख्शीवाला गांव की है. मामले में फैक्ट्री संचालक को गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि उसके पास पटाखे बेचने का लाइसेंस था, लेकिन गांव में एक भीड़भाड़ वाले इलाके में किराए के घर में ऐसे उत्पादों का निर्माण किया जा रहा था.
भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और उनके पिता की हत्या के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है. अब भाजपा द्वारा उन्नाव से निवर्तमान ज़िला पंचायत अध्यक्ष और सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर को ज़िला पंचायत सदस्य के लिए फतेहपुर चौरासी तृतीय सीट से टिकट दिया गया है.
यूपी सरकार द्वारा बीते तीन सालों में दर्ज राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के 120 मामलों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है, जिसमें आधे से अधिक गोहत्या और सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े थे. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कोर्ट ने सांप्रदायिक घटनाओं से जुड़ी सभी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं को सुनते हुए एनएसए के आदेश को रद्द कर दिया.