पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने यह भी कहा कि मुंबई आतंकी हमले से संबंधित कोर्ट में चल रही ट्रायल को पाकिस्तान के द्वारा लंबा खींचा जा रहा है. बाद में कहा मीडिया ने बयान की ग़लत व्याख्या की.
यह सही है कि विभाजन से भारतीय मुसलमानों का सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ, लेकिन इसके लिए जिन्ना या मुस्लिम लीग को क़सूरवार ठहराना इतिहास का सही पाठ नहीं है.
देश के उच्च संस्थानों के प्रमुख पदों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चहेते नौकरशाहों को जगह दी हुई है और गुजरात के इन 'मोदीफाइड' अफ़सरों को केंद्र में लाने के लिए अक्सर नियमों को ताक पर रखा गया है.
हम भी भारत की 34वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों से बात कर रही हैं.
यह विडंबना है कि ज़िंदगी भर अपने लिखे हुए के लिए कोर्ट के चक्कर लगाने वाला, मुफ़लिसी में जीने और समाज की नफ़रत झेलने वाला मंटो आज ख़ूब चर्चा में है. इसी मंटो ने लिखा था कि मैं ऐसे समाज पर हज़ार लानत भेजता हूं जहां यह उसूल हो कि मरने के बाद हर शख़्स के किरदार को लॉन्ड्री में भेज दिया जाए जहां से वो धुल-धुलाकर आए.
उत्तर प्रदेश में ब्रज मंडल के भाजपा पार्टी प्रमुख मनोज कश्यप ने कहा कि कैराना उपचुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करें ताकि पाकिस्तान, जम्मू कश्मीर और देश के दूसरे ‘मोदी विरोधी’ क्षेत्रों में दीवाली न मने.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक़ मंसूर ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट और साबरमती आश्रम समेत कई और जगहों पर भी जिन्ना की तस्वीर लगी है और अब तक किसी को इन तस्वीरों से कोई परेशानी नहीं हुई.
मीडिया बोल की 48वीं कड़ी में उर्मिलेश अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद और उसकी मीडिया कवरेज पर वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी और प्रोफेसर सलिल मिश्रा से चर्चा कर रहे हैं.
भारतीय राजनीति में जिन्ना के बरक्स अगर किसी दूसरे व्यक्तित्व को खड़ा किया जा सकता है तो वो हैं वीर सावरकर. संयोग नहीं है कि अपनी ज़िंदगी के पहले हिस्से की उपलब्धियों को अपनी बाद की ज़िंदगी में धो डालने वाले यह दोनों नेता विभाजन के द्विराष्ट्र सिद्धांत के पैरोकार थे.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद को देखते हुए प्रशासन ने उठाया क़दम. ज़िले में धारा 144 भी लागू.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद का कहना है कि सरकार की तरह एएमयू इतिहास को अपने हिसाब से तोड़ने-मरोड़ने में विश्वास नहीं रखता.
कहते हैं कि इतिहास में नामों और तारीख़ों के अलावा कुछ सच नहीं होता जबकि कथा साहित्य में नामों और तारीख़ों के अलावा सब कुछ सच होता है. मृणाल पांडे के नए उपन्यास सहेला रे में तारीखें भी सच के क़रीब हैं, साथ ही किरदार भी सच्चाई के इतने नज़दीक हैं कि जानने वालों को उस ज़माने की न जाने कितनी वास्तविक छवियां यहां दिखाई देंगी.
मदीहा हिंदुस्तान-पाकिस्तान की सांस्कृतिक विरासत के बीच रंगमंच के साझे दूत की तरह काम करती रहीं. रहती वे लाहौर में थीं लेकिन जब मौका मिलता अमृतसर आ जाया करती थीं. देह उनकी लाहौर में थी लेकिन दिल अमृतसर में बसता.
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 1990 में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत से वर्ष 2017 तक कुल 13,976 आम नागरिकों और 5,123 सुरक्षा बलों ने अपनी जान गंवाई.
इससे पहले उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का बचाव करते हुए विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि कोई भी तीन बच्चों की मां का बलात्कार नहीं कर सकता है, यह संभव नहीं है.