कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने घोषणा की थी कि कुंभ मेला में हिस्सा लेकर राज्य लौटने वाले लोगों को अपने शहरों एवं गांवों में जाने से पहले कोविड-19 की जांच करवानी होगी.
मध्य प्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज की घटना. कॉलेज के डीन का कहना है कि कोरोना मरीज़ों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई की कमी की वजह से हुई है या नहीं, अभी इसका पता नहीं लगाया जा सका है. मेडिकल शिक्षा मंत्री और शहडोल के ज़िलाधिकारी ने ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात से इनकार किया है.
भोपाल शहर के सारे विश्राम घाट इन दिनों मृत देहों से पटे पड़े हैं. ढेर सारी एंबुलेंस मृत शरीरों को रखे अपनी बारी का इंतजार करती रहती हैं, चाहे भदभदा विश्राम घाट हो या सुभाष विश्राम घाट सब जगह इतनी देह आ रही हैं कि प्रबंधकों के चेहरे पर पसीना ही दिखता है.
दिल्ली, ओडिशा और मध्य प्रदेश सरकारों ने हरिद्वार में चल रहे कुंभ से लौट रहे लोगों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट, क्वारंटीन और ज़िला प्रशासन को सूचित करने जैसे विभिन्न निर्देश दिए हैं. कुंभ में कोविड के बढ़ते जोखिम के बीच उत्तराखंड सरकार ने इसे सीमित करने की संभावना से इनकार किया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 15 अप्रैल तक 13,614 नमूनों की जांच संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (डब्ल्यूजीएस) के लिए 10 नामित आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में में की गई. इनमें से 1,189 नमूने सार्स-सीओवी-2 के चिंताजनक स्वरूपों से संक्रमित पाए गए. जिनमें ब्रिटिश स्वरूप के 1,109 नमूने, दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के 79 नमूने और ब्राजीलियाई स्वरूप का एक नमूने शामिल हैं.
कई राज्यों में कोरोना मृतकों की आधिकारिक संख्या और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत निश्चित श्मशानों में हो रहे दाह संस्कार के आंकड़ों के बीच बहुत बड़ा अंतर है. मसलन, 12 अप्रैल को भोपाल के भदभदा में 37 शवों का दाह संस्कार होना था, लेकिन उस रोज़ के स्वास्थ्य बुलेटिन में पूरे राज्य में केवल 37 मौतें होने की बात कही गई थी.
भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय विश्नोई ने सवाल उठाते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी. कृपया ध्यान दें. अप्रैल के प्रथम सप्ताह में महाराष्ट्र में 50,000 मरीज़ थे और ऑक्सीजन 457 मीट्रिक टन ख़र्च हुआ. वहीं, मध्य प्रदेश में 5,000 मरीजों पर 732 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ख़र्च क्यों हुआ?
मध्य प्रदेश में बुधवार को कोविड-19 संक्रमण के 9,720 मामले सामने आए और 51 लोगों की मौत हो गई. जो एक दिन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 363,352 तक पहुंच गई.
मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले के सांची शासकीय सिविल अस्पताल का मामला. यह राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र में आता है. दूसरी ओर राज्य के कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित ज़िले इंदौर में लोगों की मौत होने से अस्पतालों के साथ अंतिम संस्कार स्थलों पर भी भारी दबाव बढ़ गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 में इस्तेमाल के लिए जून 2020 में रेमडेसिविर को मंज़ूरी दी थी. इसे केवल प्रिस्क्रिप्शन पर अस्पतालों और फार्मेसी द्वारा एक इंजेक्शन के रूप में बेचा जा सकता है. गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने इसे बिना किसी दाम के दो अस्पतालों और पार्टी कार्यालय में वितरित कराया.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मध्य प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के सदस्यों ने अधिक फ़ीस लेने से बचने को कहा है. अदालत ने कोविड-19 मरीज़ों के इलाज से संबंधित दर का निर्धारण कर इसका प्रचार-प्रसार करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है.
मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले का मामला है. ज़िले के एक गांव में कोरोना संक्रमित युवक को अस्पताल ले जाने को लेकर उसके परिजनों और स्वास्थ्य विभाग के दल के बीच विवाद हो गया था. घटना से संबंधित एक कथित वीडियो में युवक के परिवार पर पुलिस डंडे बरसाती नज़र आ रही है. दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर कर दिया गया है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सरकारी जेपी अस्पताल में मरीज़ की मौत के बाद कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा और उनके सहयोगियों पर वहां के एक डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगा था. घटना के बाद डॉक्टर इस्तीफ़ा दे दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया.
बीते मार्च में केन और बेतवा नदियों को जोड़ने की परियोजना पर जलशक्ति मंत्रालय, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों के बीच समझौता हुआ है. देश भर के कई पर्यावरणविदों ने इसे रोकने की पैरवी की है. कांग्रेस अध्यक्ष ने भी कहा है कि परियोजना के चलते क़रीब 18 लाख पेड़ों को हटाया जाएगा.
रेमडेसिविर दवा के इंजेक्शन का कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते इसकी मांग भी बढ़ी है. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में लगातार इसे क़ीमत से अधिक दाम पर बेचे जाने की ख़बर आ रही है.