वीडियो: कोरोना वायरस के चलते उपजे प्रवासी संकट के बीच बीते मई महीने में सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें बिहार के मुजफ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला बेसुध ज़मीन पर पड़ी हैं. उनके ऊपर एक चादर थी, जिसे खींचकर उनका छोटा-सा बच्चा उन्हें उठाने की कोशिश करता नज़र आया था.
महिला अधिकार कार्यकर्ता और सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की निदेशक रंजना कुमारी का कहना है कि महिला आयोग एक तरीके से सरकारी संरक्षण का अड्डा बन गया है. जिसे कहीं नहीं ‘एडजस्ट’ कर पा रहे हैं, उनको बैठा दिया जाता है. यहां पर महिलाओं के प्रति कोई संजीदगी नहीं है. अगर होती तो आज पूरा आयोग हाथरस में दिखना चाहिए था.
आरोप है कि जिस स्वास्थ्य अधिकारी ने आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की थी, उसी ने पूछताछ के लिए उन्हें फिट बताया था. इसके बाद पूछताछ में शामिल होने के लिए यात्रा करने को क्वारंटीन नियमों का उल्लंघन बताते हुए सोरी के ख़िलाफ़ उसी स्वास्थ्य अधिकारी ने केस भी दर्ज करा दिया.
वीडियो: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के शाहीन बाग़ में कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहीं बुज़ुर्ग बिल्कीस बानो को टाइम पत्रिका ने 100 प्रभावशाली शख़्सियतों की सूची में जगह दी है. आरफ़ा ख़ानम शेरवानी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग़ में हुए प्रदर्शन को याद कर रही हैं.
वीडियो: महात्मा गांधी की किताबों के पन्ने पीले ज़रूर पड़ गए हैं, पर उनके सबक आज भी साफ़-साफ़ दिखते हैं. गांधी जी अपने जीवन का आधार किताबों को मानते थे, शायद यही वजह है कि एक तरफ़ वे ऊंचे दर्जे के पाठक थे तो दूसरी ओर उनकी कलम का भी विस्तार पटल बेहद व्यापक है. उन्होंने अनेक किताबें लिखी हैं, अनुवाद किए हैं, संपादन किया है और एक कलम के सिपाही की तरह भी सक्रिय रहे हैं.
इन संगठनों ने बयान जारी कर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एमनेस्टी इंडिया के ख़िलाफ़ कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है. इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले इस संगठन के भारत में काम बंद करने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.
बिहार समाज कल्याण विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे राज्य में केवल पटना, पूर्णिया, रोहतास, भागलपुर, पश्चिम चंपारण और बेगूसराय में सरकार प्रायोजित वृद्धाश्रम संचालित हैं, जबकि नियम ये है कि राज्य सरकारें हर ज़िले में कम से कम एक वृद्धाश्रम की स्थापना करेंगी.
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले के गैंसड़ी इलाके की घटना. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि युवती के पैर और कमर तोड़ दी गई थी. हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया है. पुलिस ने इस संबंध में दो आरोपियों को गिरफ़्तार किया है.
पिछले हफ़्ते राजस्थान में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित शिक्षक पदों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग की भर्ती के लिए हुआ आंदोलन हिंसा में बदल गया था. हिंसा उदयपुर सहित प्रदेश के चार ज़िलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ में फैल गई थी. इस दौरान दो लोगों की मौत भी हुई. क्षेत्र में अभी शांति है, लेकिन तनाव बरक़रार है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को कथित तौर पर सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट और बलात्कार किया था. मंगलवार को इलाज के दौरान दिल्ली के एक अस्पताल में युवती ने दम तोड़ दिया.
मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा 28 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. चुनाव आयोग ने फ़िलहाल चार अन्य राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की है.
सरकार द्वारा निशाना बनाए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को भारत में अपना काम रोकने की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि मानवाधिकार देश के क़ानून को तोड़ने का बहाना नहीं हो सकता है.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने देश में अपना काम बंद करने का यह क़दम ईडी द्वारा उसके खातों को फ्रीज किए जाने के बाद उठाया है. संगठन के इस क़दम से क़रीब 150 कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी.
सीवीसी की एक हालिया रिपोर्ट हाल ही में संपन्न मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई के पास भ्रष्टाचार से संबंधित 6,226 मामलों की सुनवाई लंबित है और इनमें से 182 मामलों की सुनवाई तो 20 साल से भी अधिक समय से लंबित है.
2018 में भीमा-कोरेगांव में दलित समुदाय के लोगों पर हिंसक भीड़ के हमले के एक दिन बाद एक कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कर हिंदुत्ववादी नेता मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिड़े पर इस हमले के साज़िशकर्ता होने का आरोप लगाया था. घटना के क़रीब तीन साल बाद उन्हें इस मामले की सुनवाई की कोई उम्मीद नहीं दिखती.