अदालत ने कहा कि गुजरात सरकार को इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचे का विकास करना चाहिए कि महामारी की तीसरी या चौथी लहर आ सकती है, क्योंकि लोग मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और स्वच्छता जैसे नियमों का पालन नहीं करने जा रहे. अदालत ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अस्पतालों को संबंधित इंजेक्शन के वितरण को लेकर राज्य सरकार की अधिसूचना अस्पष्ट और दोषपूर्ण बताया है.
गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर गुजरात की मांग क्यों नहीं पूरी की जा रही है. हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले एक महीने से राज्य को प्रतिदिन करीब 16,000 शीशियों की आपूर्ति जारी रखी है, जबकि मांग प्रतिदिन लगभग 25,000 शीशियों की थी.
मध्य प्रदेश में विश्व हिंदू परिषद के नर्मदा संभाग के प्रमुख सरबजीत सिंह मोखा के अलावा तीन अन्य लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. मोखा पर आरोप है कि उन्होंने इंदौर से 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाया था और इसे लगाने के बाद कथित तौर पांच मरीजों की बाद में मौत हो गई थी. मोखा को उनके पद से हटा दिया गया है.
झारखंड हाईकोर्ट की यह टिप्पणी उसकी उस टिप्पणी के कुछ दिनों के बाद आई है जब उसने कहा था कि झारखंड एक स्वास्थ्य आपातकाल की ओर बढ़ रहा है. और सीटी स्कैन मशीन की अनुपलब्धता गंभीर चिंता का विषय है. हाईकोर्ट ने कहा कि झारखंड के अस्पतालों में बिस्तर और ऑक्सीजन आधारित बिस्तर की अनुपलब्धता के कारण स्थिति दयनीय है.
रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमाखारी और वितरण के आरोप में गुजरात हाईकोर्ट ने विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धानाणी की याचिका पर राज्य भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल, विधायक हर्ष सांघवी और अन्य को नोटिस जारी किया है. भाजपा ने सूरत कार्यालय से ये इंजेक्शन मुफ़्त बांटने का अभियान दस अप्रैल से शुरू किया था.
भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय विश्नोई ने सवाल उठाते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी. कृपया ध्यान दें. अप्रैल के प्रथम सप्ताह में महाराष्ट्र में 50,000 मरीज़ थे और ऑक्सीजन 457 मीट्रिक टन ख़र्च हुआ. वहीं, मध्य प्रदेश में 5,000 मरीजों पर 732 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ख़र्च क्यों हुआ?
गुजरात सरकार ने कहा है कि उनके द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन अन्य भाजपा शासित राज्यों में भेजे जाने की मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार और असत्य हैं. हालांकि ख़बरों के अनुसार, यूपी सरकार ने रेमडेसिविर की 25,000 खुराक लाने के लिए एक सरकारी विमान अहमदाबाद भेजा था, जो बुधवार शाम लखनऊ पहुंचा.
भारत में कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि रेमडेसिविर का उपयोग सिर्फ़ उन्हीं मरीज़ों के लिए किया जाए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती रखने की ज़रूरत है और जिन्हें बाहर से ऑक्सीजन दिया जा रहा है. आईएमए ने भी मेडिकल समुदाय से कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों में रेमडेसिविर इंजेक्शन का न्यायसंगत उपयोग करने का अनुरोध किया है.
गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सूरत में रेमडेसिविर का मुफ़्त वितरण दस अप्रैल से शुरू किया है. रेमडेसिविर कोविड-19 परीक्षणों में सुधार दिखाने वाला पहला उपचार है. हालांकि महामारी के ख़िलाफ़ इस एंटीवायरल ड्रग की प्रभावकारिता साबित नहीं हुई है, लेकिन संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण हो रही बेचैनी ने इसकी मांग को बढ़ा रखा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 में इस्तेमाल के लिए जून 2020 में रेमडेसिविर को मंज़ूरी दी थी. इसे केवल प्रिस्क्रिप्शन पर अस्पतालों और फार्मेसी द्वारा एक इंजेक्शन के रूप में बेचा जा सकता है. गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने इसे बिना किसी दाम के दो अस्पतालों और पार्टी कार्यालय में वितरित कराया.
रेमडेसिविर दवा के इंजेक्शन का कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते इसकी मांग भी बढ़ी है. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में लगातार इसे क़ीमत से अधिक दाम पर बेचे जाने की ख़बर आ रही है.