वीडियो: राष्ट्रीय राजधानी स्थित गांधी पीस फाउंडेशन में बीते 9 मई को होने वाली एक बैठक को दिल्ली पुलिस ने यह कहकर रद्द कर दिया कि वे इसकी अनुमति नहीं देंगे. यह बैठक सांप्रदायिक राजनीति और अतिक्रमण रोधी अभियान से संबंधित थी.
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद ने कहा कि जिसे हिंदुस्तान में रहना है उसे हिंदी से प्रेम करना होगा. अगर ऐसा नहीं है तो माना जाएगा वो विदेशी हैं या विदेशी ताक़तों से उनका संबंध है.
बीते दिनों कन्नड अभिनेता किचा सुदीप द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा कहने के संबंध में एक बयान दिया था, जिस पर बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन ने पटलवार करते हुए कहा था कि हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी. हिंदी फिल्मों की तुलना में दक्षिण की ‘केजीएफ चैप्टर 2’ और ‘आरआरआर’ जैसी फिल्मों की सफलता ने हिंदी बनाम अन्य की बहस को फिर से तेज़ कर दिया है.
साल 1989 का एक वाकया सुनाते हुए तेलुगू अभिनेता चिरंजीवी ने बताया कि उनकी फिल्म ‘रुद्रवीणी’ को नरगिस दत्त सम्मान देने के लिए दिल्ली बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि इससे पहले हुए एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय सिनेमा के इतिहास को चित्रित करने वाली एक दीवार पर हिंदी सिनेमा की जानकारी भरी हुई थी, लेकिन दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के बारे में बहुत ही कम जानकारी दी गई थी.
हिंदी फिल्मों की तुलना में दक्षिण भारतीय फिल्मों को मिली जबरदस्त सफलता के संदर्भ में कन्नड अभिनेता किचा सुदीप ने कहा है कि आज हम ऐसी फिल्में बना रहे हैं, जो वैश्विक स्तर पर नाम कमा रही हैं. उनका बयान ऐसे समय आया है, जब हाल में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और इससे निश्चित रूप से हिंदी का महत्व बढ़ेगा. समय आ गया है कि राजभाषा को देश की एकता
भाजपा के दिल्ली प्रभारी और उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने कहा है कि नई दिल्ली में रह रहे ‘अवैध प्रवासियों’ को उनके हाव-भाव से पहचाना जा सकता है और वे ‘डॉन की तरह कपड़े’ पहनते हैं. उन्होंने कहा कि हमने स्वीडन, हॉलैंड और बेल्जियम आदि में देखा है, जहां प्रवासी समुदायों ने ‘नो गो ज़ोन’ बना रखे हैं, जहां लोग यहां तक कि पुलिस भी जाने से डरती है. ऐसा लगता है कि अवैध प्रवासियों ने दिल्ली में भी ऐसा ही
मणिपुर कांग्रेस प्रवक्ता और वकील सनाओजम समाचरण सिंह पर आरोप था कि उन्होंने एक टीवी टॉक शो में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीयों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. हालांकि, अदालत ने उन्हें गिरफ़्तारी वाले दिन ही ज़मानत देते हुए कहा कि सभी को उन मुद्दों पर अपनी बात रखने और राय व्यक्त करने का अधिकार है जिनसे वे जुड़ाव रखते हैं, फिर चाहे वह सरकार के पक्ष में हो या विरोध में.
बीते 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद वहां भाजपा शासित नगर निगम द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ये गरीबों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने का सरकार प्रायोजित क़दम है. माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने कहा कि क़ानून के साथ-साथ संविधान को भी अवैध तरीके से ध्वस्त किया गया है. आम आदमी पार्टी ने कहा कि जिस दिन अमित शाह के घर
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस द्वारा जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य साज़िशकर्ता बताए गए मोहम्मद अंसार का जुड़ाव भाजपा से है. उन्होंने कुछ पुरानी तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें अंसार को जहांगीरपुरी में भाजपा की एमसीडी उम्मीदवार के लिए प्रचार करते देखा जा सकता है.
जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर निकली शोभायात्रा के दौरान हिंसा को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि अमूमन शांत रहने वाले इस क्षेत्र में ऐसा पहली बार देखा गया.
दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती पर बिना अनुमति शोभा यात्रा निकालने के लिए इसके आयोजकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था. शुरुआत में इस एफ़आईआर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का नाम शामिल किया गया था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया. गिरफ़्तार व्यक्ति को भी छोड़ दिया गया है.
60 से अधिक सेवानिवृत्त नौकरशाहों द्वारा साल 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर लिखे गए एक पत्र में कहा गया था कि यह बीते तीन दशकों में सबसे कम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव था. उस समय सुनील अरोड़ा तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त थे. इस पत्र में 2019 लोकसभा चुनाव के आयोजन में गंभीर विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया था.
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि हिंदी की स्वीकार्यता स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेज़ी के विकल्प के रूप में होनी चाहिए. तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा कि उनकी पार्टी तमिलनाडु के लोगों पर हिंदी थोपे जाने को न तो स्वीकार करेगी और न ही इसकी अनुमति देगी.
दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में 19 मार्च से 7 अप्रैल के बीच 5 बार प्रवासी मज़दूरों पर जानलेवा हमले हो चुके हैं. हमलावरों के बारे में पुलिस को कोई सुराग नहीं है. डर और दहशत में प्रवासी मज़दूर पुलवामा छोड़कर घाटी के अन्य इलाकों का रुख कर रहे हैं या फिर अपने-अपने घर लौट रहे हैं.
अमित शाह जानते हैं कि सभी भारतीयों पर हिंदी थोपने का उनका इरादा व्यवहारिक नहीं है. लेकिन इससे उनका ध्रुवीकरण का एजेंडा तो सध ही रहा है.