मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना, निर्माण श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना शुरू करने समेत कई घोषणाएं कीं. पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस ने बेरोज़गारों को भत्ता देने का वादा किया था.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में ईवीएम के ज़रिये चुनाव को लेकर यहां की जनता में किस्म-किस्म की आशंकाएं व्याप्त हैं और उन्हें ख़त्म करने के लिए बेहतर यही होगा कि अब यहां आगे छोटे-बड़े सभी चुनाव पहले की तरह मत-पत्रों से ही कराए जाएं.
हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना कांग्रेस के चुनावी वादों में से एक था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहली कैबिनेट बैठक में इसे मंज़ूरी देते हुए कहा कि योजना का लाभ 13 जनवरी, 2023 से दिया जाएगा और इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने वामपंथी नेताओं से भाजपा में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि ट्रेन के डिब्बे अब भी ख़ाली हैं. ख़ाली डिब्बे में बैठें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हम सभी को उस मंजिल तक ले जाएंगे, जहां हमें पहुंचना चाहिए.
कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री वोट करने के लिए निकलते हैं तो ढाई घंटे का रोडशो करते हैं. चुनाव आयोग की क्या मजबूरियां हैं कि उसे कुछ सुनाई और दिखाई नहीं देता. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर सवाल खड़ा किया है.
गुजरात में दूसरे और अंतिम चरण में राज्य की 93 विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान हुआ है. मेहसाणा ज़िले के तीन गांवों के छह मतदान केंद्रों पर करीब 5,200 मतदाताओं ने स्थानीय मुद्दों को लेकर मतदान नहीं किया. वहीं, खेड़ा जिले के उंधेला गांव के क़रीब 1,400 मुस्लिम मतदाताओं ने वोट नहीं दिया.
मोदी सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना,2018 में एक संशोधन करते हुए प्रावधान किया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा के चुनावों के वर्ष में बॉन्ड की बिक्री 15 अतिरिक्त दिन और होगी. कई राज्यों में चुनाव से ठीक पहले सरकार के इस क़दम को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
गुजरात में 1,000 से अधिक कॉरपोरेट घरानों ने चुनाव आयोग के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो ‘अपने कर्मचारियों की चुनावी भागीदारी की निगरानी करेंगे और अपनी वेबसाइटों या कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर ऐसे कर्मचारियों का नाम प्रकाशित करेंगे, जो छुट्टी लेने के बाद भी मतदान नहीं करते हैं.
निर्वाचन आयोग को दी चुनावी ख़र्च की जानकारी में भाजपा ने बताया है कि उसने इस साल हुए पांच राज्यों के चुनावों में 344.27 करोड़ रुपये ख़र्च किए, जबकि पांच साल पहले इन्हीं राज्यों में पार्टी ने 218.26 करोड़ रुपये व्यय किया था. हालांकि, कांग्रेस ने भी 2017 की तुलना में इस बार इन राज्यों में 80 फीसदी अधिक 194.80 करोड़ रुपये की राशि ख़र्च की.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को भेजे अपने पत्र में कथित तौर पर कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उनसे पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें उनमें आमंत्रित किया गया.
राज्यसभा में केंद्रीय क़ानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच के 58 मामले सामने आए थे. 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान 34 मामले दर्ज किए गए, जबकि असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में 2021 के चुनावों के दौरान ऐसे 29 मामले दर्ज किए गए थे.
जम्मू कश्मीर में परिसीमन की कवायद में विधानसभा क्षेत्रों का दायरा फिर से तय किए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की पहली मतदाता सूची को फिर से तैयार किया गया. समयसीमा के अनुसार एकीकृत मसौदा मतदाता सूची का प्रकाशन एक सितंबर को किया जाएगा. सितंबर का पूरा माह दावा-आपत्ति दर्ज कराने के लिए रखा गया है, जिसका निस्तारण 15 अक्टूबर तक किया जाना है.
केंद्र शासित प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण/संशोधन करने की जरूरत है. मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति के लिए भी निर्देश दिए गए हैं. मसौदा मतदाता सूची 31 अगस्त तक तैयार कर ली जाएगी. बूथ स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति और उपयुक्त प्रशिक्षण पांच जुलाई तक दिया जाएगा. मतदान केंद्रों का सत्यापन 25 जुलाई तक किया जाएगा.
अन्नाद्रमुक के संस्थापक सदस्य और संगठन सचिव सी. पोन्नैयन ने राज्य में उसकी सहयोगी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उसके साथ गठबंधन ‘चुनावी समझौता’ था और उसकी विचारधारा अन्नाद्रमुक की विचारधारा से पूरी तरह से उलट है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भाजपा का तमिल विरोधी रुख़ स्वीकार नहीं है.
गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्याग-पत्र में यह जानकारी दी कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है. हार्दिक ने कांग्रेस पर गुजरात विरोधी सोच होने का आरोप लगाया और दावा किया कि कांग्रेस सिर्फ़ विरोध की राजनीति कर रही है और ख़ुद को एक विकल्प के तौर पर पेश करने में विफल रही है.