रविवार देर रात पूर्वी अगरतला थाने जा रहे पत्रकारों के एक समूह को कुछ लोगों द्वारा रोका गया और उनके साथ मारपीट और लूटपाट की गई. इसके ख़िलाफ़ पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन करने वाले पत्रकारों ने मीडियाकर्मियों की समुचित सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग की है.
घटना जलगांव ज़िले की है, जहां के पचोरा शहर के एक पत्रकार संदीप महाजन ने आठ वर्षीय लड़की के रेप और हत्या की हालिया घटना के बारे में बनाए गए वीडियो में सीएम एकनाथ शिंदे की आलोचना की थी. इसके कुछ दिन बाद उन पर शिंदे गुट के विधायक किशोर पाटिल के सहयोगियों द्वारा हमला किया गया.
यह घटना नोएडा के ऑक्सफोर्ड स्क्वॉयर सुपरटेक इन्क्लेव-3 सोसायटी में 10 अप्रैल रामनवमी के अवसर पर हुई. सोसाइटी के कुछ लोगों ने जगराते का आयोजन किया था. देर रात तक लाउडस्पीकर से भक्ति गीत बजाए जा रहे थे. आरोप है कि पत्रकार ने वहां पहुंचकर इसका विरोध किया तो भीड़ ने उन्हें ‘राष्ट्रविरोधी’ और ‘पाकिस्तानी’ और उनकी पत्नी से भी अभद्रता की.
ओडिशा के बालासोर ज़िले का मामला. पत्रकार लोकनाथ दलेई का आरोप है कि ज़िले में भ्रष्टाचार से संबंधित एक रिपोर्ट करने की वजह से पुलिस ने पहले उनसे मारपीट भी की है. राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस संबंध में बालासोर के पुलिस महानिरीक्षक से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पत्रकारों पर हमले के संदर्भ में विशिष्ट आंकड़े नहीं रखता. गृह मंत्रालय ने मीडियाकर्मियों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से क़ानून का कड़ाई से क्रियान्वयन करने के लिए 2017 में राज्य सरकारों को एक परामर्श जारी किया गया था.
पुलिस के अनुसार हमले में कोई पत्रकार घायल नहीं हुआ है. वहीं राज्य के एक मीडिया संगठन का कहना है कि यह हमला अचानक हुई घटना नहीं है बल्कि सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब देब के मीडिया को कथित तौर पर धमकाने के बाद राज्य भर में पत्रकारों पर हुए लगातार हमलों का हिस्सा है.
मामला उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले का है. मौत से पहले पत्रकार के बयान के आधार पर पुलिस गांव के पूर्व प्रधान सहित तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
मामला तमिलनाडु के कांचीपुरम ज़िले का है. तमिझन टीवी के 29 वर्षीय रिपोर्टर इजरावेल मोसेज ने बीते समय में गांजे की बिक्री और भूमि अतिक्रमण को लेकर कई ख़बरे लिखी थीं. आरोप है कि इसी के चलते उनकी हत्या की गई है.
छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले का मामला. पत्रकार कमल शुक्ला ने कांग्रेस नेताओं पर मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. मामले को लेकर कांकेर थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.
छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले का मामला. पत्रकार कमल शुक्ला ने कांग्रेस नेताओं पर मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. वहीं एक कांग्रेस नेता ने कमल शुक्ला पर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत पुलिस से की है. पुलिस इसे आपसी रंज़िश का मामला बता रही है.
मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने शुक्रवार को कहा था कि ‘कुछ अति उत्साहित अख़बार’ राज्य में कोविड-19 की स्थिति के बारे में जनता में भ्रम फैला रहे हैं, जिन्हें मैं कभी माफ़ नहीं करूंगा. मीडिया संगठनों ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य सरकार मीडिया को अपना ग़ुलाम बनाने की कोशिश कर रही है.
मध्य प्रदेश के निवाड़ी ज़िले के पुतरीखेरा गांव का मामला. पुलिस ने हत्या की वजह ज़मीन का विवाद बताया है. 21 जुलाई को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में भी एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
महाराष्ट्र के अहमदनगर का मामला. पुलिस ने बताया कि हमला करने, दंगा करने के साथ पृथकवास में रहने संबंधी नियम का उल्लंघन करने के लिए 12 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
विशेष रिपोर्ट: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की कवरेज के लिए गए एक स्थानीय चैनल के संवाददाता आकाश नापा को गोली लगी है. वे जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं.
मामला गुजरात के वलसाड का है. आरोप है कि एक तालाब के सौंदर्यीकरण की परियोजना को लेकर छपी ख़बर से गांव का पूर्व सरपंच नाराज़ था और उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर पत्रकार और उनके परिवार पर हमला किया.