बंगनामा: आधी चुस्की चाय का रहस्य

भारत का एक चौथाई चाय उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है. यहां चाय पीने का पुराना रिवाज भी है. लेकिन अगर बंगाल के निवासियों को यह पेय इतना पसंद है तो इतने छोटे बर्तन में चाय क्यों पीते हैं? बंगनामा स्तंभ की पांचवीं क़िस्त.

बंगनामा: बंगाल के घर और पोखर

पोखर बंगाल की जीवन शैली का अभिन्न अंग है. घर की महिलाएं पोखर के जल से रसोई के बर्तन साफ़ करतीं और कई बार उसके पानी से खाना भी पकाती थीं. परिवार के सदस्य उसके जल से सुबह मंजन करते और दोपहर में उसमें स्नान भी.
बंगनामा स्तंभ की चौथी क़िस्त.

बंगनामा: बाज़ार और स्त्री की उपस्थिति

पश्चिम बंगाल में स्त्रियों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर, बस, ट्राम और रेलगाड़ी में सम्मान के साथ व्यवहार होता है. यह बंगाल की संस्कृति का मौलिक तत्व है. लेकिन दो दशक पहले तक भी 'बाज़ार' करना स्त्रियों की परिधि के बाहर था. बंगनामा स्तंभ की तीसरी क़िस्त.

बिहार जाति सर्वेक्षण: नदियों का सगा माना गया है केवट समुदाय

जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने एक श्रृंखला शुरू की है. यह भाग केवट जाति के बारे में है.

क्यों बिजली उपभोक्ता स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे हैं?

देश के विभिन्न हिस्सों से स्मार्ट मीटर के विरोध की ख़बरें आ रही हैं. तकनीक के विरोध के पीछे अज्ञानता भी हो सकती है मगर इसी के नाम पर कई बार खेल भी होता है. उपभोक्ता को नहीं पता कि स्मार्ट मीटर के पीछे कौन है, किसकी कंपनी है, इसकी प्रमाणिकता क्या है और क्यों केंद्र इसे लगाने के लिए राज्यों पर शर्तें थोप रहा है.

काज़ी नज़रुल इस्लाम: ‘हिंदू हैं या मुसलमान, यह सवाल कौन पूछता है?’

पुण्यतिथि विशेष: असहयोग आंदोलन की पृष्ठभूमि में रची कविता में अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ विद्रोह के आह्वान के बाद नज़रुल इस्लाम ‘विद्रोही कवि’ कहलाए. उपनिवेशवाद, धार्मिक कट्टरता और फासीवाद के विरोध की अगुआई करने वाली उनकी रचनाओं से ही इंडो-इस्लामिक पुनर्जागरण का आगाज़ हुआ माना जाता है.

रंजीत गुहा: जिन्होंने इतिहास को आम लोगों के अतीत का आख्यान बनाया

स्मृति शेष: इतिहासकार रंजीत गुहा नहीं रहे, पर उनकी तमाम कृतियां, लेख और व्याख्यान पढ़ने वालों को भारतीय इतिहास के बारे में नए सिरे से सोचने के औजार देते हैं और आगे भी देते रहेंगे.  

‘इंडिपेंडेंस’ विभाजन की पृष्ठभूमि में इतिहास और कल्पना का सामंजस्य बिठाने में सफल हुई है

पुस्तक समीक्षा: विभाजन-साहित्य उन असंख्य लोगों का इतिहास है, जिसे शासकीय ब्योरों में भुला दिया गया. चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी का उपन्यास 'इंडिपेंडेंस' इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है, जहां राष्ट्रों के जन्म, विभाजन की हिंसा, उपद्रव और इसके प्रभावों को आम स्त्रियों की दृष्टि से देखा गया है.

बंगाल: टीएमसी विधायक के बांग्लादेशियों को वोटर लिस्ट में जगह देने संबंधी बयान पर विवाद

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में वर्धमान दक्षिण से टीएमसी विधायक खोकन दास पार्टी कार्यकर्ताओं से कथित तौर पर यह कहते दिख रहे हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि राज्य में उनके दल का समर्थन करने वाले बांग्लादेशी प्रवासियों को ही मतदाता सूची में जगह मिले.

बंगाल: भाजपा युवा मोर्चा के नेता ने पार्टी की क़ानूनी इकाई के प्रभारी पर यौन शोषण के आरोप लगाए

पश्चिम बंगाल में भाजपा युवा मोर्चा के एक नेता ने प्रदेश भाजपा के क़ानूनी प्रकोष्ठ के प्रभारी लोकनाथ चटर्जी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. युवा मोर्चा नेता ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर चटर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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