झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को गिरफ़्तार कर लिया. गुरुवार को सोरेन ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. गिरफ़्तारी से पहले सोरेन ने पार्टी विधायकों की एक बैठक ली, जिसमें राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता घोषित किया गया.
असम में बीते 23 जनवरी को राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में राज्य पुलिस द्वारा अवरोध खड़ा किए जाने के बाद टकराव की स्थिति बन गई थी. यात्रा को लेकर एक एफ़आईआर दर्ज की गई है. इसे लेकर राहुल ने कहा है कि चाहे जितने केस दर्ज हो जाएं, वे डरेंगे नहीं. उन्होंने असम सीएम को देश का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री क़रार दिया.
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के इस ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें 'अवसरवादी' क़रार दिया है, जबकि भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने इससे पहले कहा था कि सीट बंटवारे पर चर्चा जारी है.
एक अध्ययन में कहा गया है कि असम उन कुछ राज्यों में शुमार है जहां सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राज्य पुलिस जवाबदेही आयोग (एसपीएसी) कार्यरत है, लेकिन 2022 में भाजपा सरकार द्वारा राज्य पुलिस अधिनियम में किए गए संशोधन आयोग की स्वतंत्रता से समझौता करते हैं.
मध्य प्रदेश में भाजपा ने 3 केंद्रीय मंत्रियों, 4 सांसदों और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव लड़ाया था. इन आठ नेताओं में से छह अपनी-अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं.
निर्वाचन आयोग के अनुसार, शाम साढ़े सात बजे तक कांग्रेस को स्पष्ट बढ़त मिल चुकी है. आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस 56 सीटें जीत चुकी है और 08 पर आगे बनी हुई है. भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) 32 सीटें जीत चुकी है और 07 सीटों पर आगे चल रही है.
मध्य प्रदेश में चौदहवीं विधानसभा (2018-2023) ने भाजपा और कांग्रेस, दो सरकारों को देखा, जहां जनता ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं, दल-बदल तो देखे ही, साथ ही बढ़ती कट्टरता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को पैठ बनाते देखा. इन पांच सालों के घटनाक्रमों से प्रदेश में भविष्य की राजनीति की दिशा समझी जा सकती है.
बीते हफ्ते एक बिचौलिए के साथ करोड़ों की 'डील' का वीडियो सामने आने के बाद फिर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे सैकड़ों करोड़ के लेनदेन की बात करते दिखते हैं. मध्य प्रदेश की दिमनी सीट से चुनाव लड़ रहे नरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री पद की रेस में भी हैं.
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री समेत सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को उतारा, फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भाषण आदि में मौजूदा सीएम का कोई ज़िक्र नहीं हुआ. ऐसे में पार्टी का संभावित मुख्यमंत्री के सवाल पर गोलमोल जवाब देना शिवराज सिंह चौहान के मध्य प्रदेश की राजनीति में भविष्य पर सवाल खड़े करता है.
इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्हें कथित तौर पर एक बिचौलिए के माध्यम से करोड़ों रुपये की डील करते हुए देखा जा सकता है. केंद्रीय मंत्री मध्य प्रदेश की दिमनी सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनका नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में भी है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पांचवीं सूची जारी होने के साथ ही 230 विधानसभा सीटों में से 228 पर इसके प्रत्याशियों के नाम साफ़ हो गए हैं. पार्टी ने लगभग सभी मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा है, हालांकि टिकट वितरण को लेकर पार्टी फिर भी असंतोष, विरोध और बग़ावत का सामना कर रही है.
वीडियो: मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी ने राज्य की राजनीति और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पूरे राजनीति जीवन पर द वायर के अजय कुमार से चर्चा की. वह बताते हैं कि कैसे मोदी गुट ने शिवराज सिंह चौहान को अलग-थलग करने का काम किया है?
2016 में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने राज्य में 'आनंद विभाग' के गठन को मंज़ूरी दी थी. दावा किया गया था कि लोगों का जीवन खुशहाल बनाने के लिए एक विशेष विभाग बना है. हालांकि, अब हाल यह है कि विभाग के काम के बारे में आम लोगों को तो छोड़ें, भाजपा के नेताओं को ही नहीं पता है.
पुदुचेरी की ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री एस. चंदिरा प्रियंगा ने कहा है, 'मुझे एहसास हो रहा था कि मुझे लगातार जाति और लिंग के आधार पर पूर्वाग्रह का शिकार बनाया जा रहा है.' वे दलित समुदाय से ताल्लुक रखती हैं.
मध्य प्रदेश में चुनावी तारीखों का ऐलान होते ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर दी, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी नाम है. अब तक पार्टी चार सूचियां जारी करके 136 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों का चेहरा साफ कर चुकी है. कांग्रेस की ओर से अब तक किसी भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है.