बीते महीने एल्गार परिषद मामले के आरोपियों की सूची से फादर स्टेन स्वामी का नाम हटाए जाने की अपील वाली याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के सामने आई थी, जब जस्टिस मोहित-डेरे ने सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया.
लेखकों के वैश्विक संगठन पेन इंटरनेशल ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति को सौंपी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में तमाम लेखकों, पत्रकारों, शिक्षाविदों और सरकार के अन्य आलोचकों की मनमाने ढंग से गिरफ़्तारियां करके उनका क़ानूनी उत्पीड़न किया जा रहा है और बिना मुक़दमों के लंबे समय तक हिरासत में रखा जा रहा है.
पुस्तक समीक्षा: हाल ही में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज की जेल डायरी ‘फ्रॉम द फांसी यार्ड: माय इयर्स विथ द वूमेन ऑफ यरवदा’ प्रकाशित होकर आई है. इस डायरी को उन्होंने पुणे की यरवदा जेल में रहते हुए लिखा है. एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपियों में से एक सुधा 3 साल से अधिक समय तक जेल में रही हैं.
झारखंड के आदिवासी और मानवाधिकार संगठनों ने फादर स्टेन स्वामी की दूसरी पुण्यतिथि पर उनकी ‘हत्या’ के लिए ज़िम्मेदार लोगों को दंडित करने, राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई और यूएपीए को निरस्त करने की मांग की. एल्गार परिषद मामले में आरोपी कार्यकर्ता स्टेन स्वामी का 5 जुलाई 2021 को मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए एक अस्पताल में निधन हो गया था.
एल्गार परिषद मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी का मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए 5 जुलाई 2021 को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था. उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहे हैं इसी मामले में आरोपी बनाए गए कार्यकर्ता महेश राउत.
अक्टूबर 2018 में सिलसिलेवार तरीके से किए गए ट्वीट में फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने आरोप लगाया था कि दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एस. मुरलीधर ने भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी गौतम नवलखा को नज़रबंदी से मुक्त करने का फैसला किया था, क्योंकि वह उनकी पत्नी के दोस्त थे.
2018 में भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए एल्गार परिषद के आयोजन को ज़िम्मेदार ठहराते हुए इसके कुछ प्रतिभागियों समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था. मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के सामने एक पुलिस अधिकारी ने अपने हलफ़नामे में हिंसा में आयोजन की कोई भूमिका होने से इनकार किया है.
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हेनी बाबू के वकील युग चौधरी ने बताया कि पीठ ने निर्देश दिया है कि उनके मुवक्किल को मोतियाबिंद का ऑपरेशन और चिकित्सकीय जांच के लिए 20 दिसंबर को अस्पताल ले जाया जाए और 24 दिसंबर को वापस जेल ले आया जाए.
एल्गार परिषद मामले की जांच कर रही एनआईए ने बॉम्बे हाईकोर्ट से सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली ज़मानत के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने एनआईए से कहा कि वे हाईकोर्ट के निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े को ज़मानत देने वाले अपने विस्तृत आदेश में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ ज़ब्त सामग्री किसी भी रूप में यह साबित नहीं करती है कि उन्होंने यूएपीए अधिनियम की धारा-15 के तहत कोई आतंकी कृत्य किया है या उसमें शामिल रहे हैं.
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ़्तार 34 वर्षीय ज्योति जगताप द्वारा दायर अपील को बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि एनआईए का मामला प्रथमदृष्टया सच है. अपील में विशेष एनआईए अदालत के फरवरी 2022 में जारी एक आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें जगताप समेत मामले के तीन आरोपियों को ज़मानत देने से इनकार किया गया था.
भीमा कोरेगांव केस में गिरफ़्तार फादर स्टेन ने बीते वर्ष ज़मानत के अभाव में मुंबई के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था. उनकी स्मृति में हुए एक कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि स्वामी के मानवाधिकारों का हनन हुआ, जबकि वे बस उपेक्षा के शिकार आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा का प्रयास कर रहे थे.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू पर एनआईए ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के नेताओं के निर्देश पर माओवादी गतिविधियों व विचारधारा के प्रचार के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया है.
एल्गार परिषद मामले में गिरफ़्तार मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फरेरा ने विशेष एनआईए अदालत के समक्ष याचिका में कहा है कि रोना विल्सन और एक वांछित आरोपी के बीच ईमेल को जांच एजेंसी द्वारा 2018 में कई मौकों पर इंटरसेप्ट किया था.
तीस्ता का मानना है कि उनकी चुनौती दंड से मुक्ति की संस्कृति से लड़ना है. यही वो वजह है जो उन्हें प्रेरित करती है.