झारखंडी अस्मिता का उद्घोष, हेमंत सोरेन की ऐतिहासिक वापसी

झारखंड विधानसभा चुनाव के इतिहास में आज तक कोई भी पार्टी दुबारा सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी थी, सत्ता विरोधी लहर हमेशा ही बिहार से अलग हुए इस राज्य के चुनाव परिणाम पर हावी रहा, लेकिन अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों में से 27 जीतने के कगार पर खड़ा हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाला ‘इंडिया’ गठबंधन इतिहास रचने की दहलीज पर है. 

उत्तर प्रदेश: उपचुनावों के नतीजों से बड़ा हो गया है उनकी विश्वसनीयता का सवाल

यूपी उपचुनाव के नतीजों के समय याद रखना चाहिए कि मतदान के दिन कई जगह पुलिसकर्मी नापसंद मतदाताओं को मतदान से वंचित करने के लिए उनके पहचान पत्र चेक करते, राह रोकते, उन पर रिवॉल्वर तक तानते दिखे थे. सत्ता तंत्र इस तरह चुनाव कराने लगेगा तो लोकतंत्र का भविष्य क्या होगा.

प(रि)वार बनाम प(रि)वार: अजित ने शरद से छीनी एनसीपी की बागडोर

38 सीटों में से जहां दोनों पक्ष सीधे एक-दूसरे से मुकाबला कर रहे हैं, अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी 29 सीटों पर आगे चल रही है. इस तरह अजित पवार ने साबित कर दिया है कि एनसीपी अब उनके नाम से जानी जाएगी. 

महाराष्ट्र चुनाव: बड़ी बढ़त के साथ शिंदे ने ‘असली’ शिव सेना पर दावा पुख्ता किया

शिंदे की शिवसेना 81 और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 95 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था. इन दोनों दलों के बीच 53 निर्वाचन क्षेत्रों में सीधा मुकाबला था. इनमें से अधिकांश सीट पर शिंदे की पार्टी आगे चल रही है. 

झारखंड विधानसभा चुनाव: हेमंत सोरेन सरकार की वापसी के संकेत

झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए नज़र आ रही है. चुनाव आयोग के अनुसार, झामुमो 28, कांग्रेस 15, राजद 5 और सीपीआई (एमएल-एल) 2 सीटों पर आगे है.  वहीं एनडीए को 30 सीटों पर बढ़त हासिल है.  

झारखंड चुनाव: क्या हेमंत सोरेन वापस जनता का भरोसा पा सकेंगे?

राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में संपन्न हुए मतदान में  67.74 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. राज्य में इस बार मुख्य मुक़ाबला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बन गया है.

महाराष्ट्र परिणाम: क्या महाविकास अघाड़ी लोकसभा चुनाव की सफलता दोहरा पाएगी?

महाराष्ट्र में मुख्य मुकाबला भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार द्वारा गठित महायुति गठबंधन और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं.

ओडिशा: गंधमर्दन पहाड़ियों के पास अडानी समूह के भूमि खरीदने पर विपक्ष ने खनन की आशंका जताई

अडानी समूह की सहायक कंपनी महानदी माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड ने पिछले साल कई चरणों में पश्चिमी ओडिशा में गंधमर्दन पहाड़ियों और उसके आसपास ज़मीन खरीदी है, और अधिक भूमि हासिल करने की प्रक्रिया में है. इसे लेकर स्थानीय आदिवासियों, कार्यकर्ताओं और विपक्ष के बीच खनन को लेकर संदेह पैदा हुआ है.

उपचुनाव: उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को रोकने की शिकायत पर पांच पुलिसकर्मी निलंबित

चुनाव आयोग ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है. आरोप है कि वे राज्य में नौ विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव के दौरान मुज़फ़्फ़रनगर के मीरापुर, कानपुर के सीसामऊ और मुरादाबाद में मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे थे.

अजमेर: सरकार ने मशहूर ख़ादिम होटल का नाम बदलकर अजयमेरु किया

राजस्थान पर्यटन विकास निगम के होटल ख़ादिम का नाम बदलते हुए प्रशासन ने दावा किया कि इसका उद्देश्य शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाना है. हालांकि, अजमेर दरगाह शरीफ़ के ख़ादिमों ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा शहर के इतिहास को मिटाने की कोशिश कर रही है.

मणिपुर हिंसा: खरगे का राष्ट्रपति से हस्तक्षेप का आग्रह, कहा- राज्य का सीएम, पीएम से भरोसा उठा

मणिपुर में हालिया हिंसा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की निष्क्रियता के चलते राज्य में पूरी तरह से अराजकता है, मानवाधिकार हनन, राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता और देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का दमन हुआ है.

नीति परामर्श निकाय की राष्ट्रपति से मांग, सरकारी कर्मियों के आरएसएस में शामिल होने पर फिर रोक लगे

नीति परामर्श निकाय- पीपुल्स कमीशन ऑन पब्लिक सेक्टर एंड पब्लिक सर्विस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर नौकरशाहों और सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस या किसी अन्य राजनीतिक रूप से संबद्ध संगठन से जुड़ने पर फिर से प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

महाराष्ट्र चुनाव में अडानी की एंट्री: विभाजित राजनीति से क्या उम्मीद की जाए

महाराष्ट्र देश का प्रमुख राज्य है. बंबई देश की वित्तीय राजधानी है. बुरी तरह से विभाजित राजनीति किस समाज का प्रतिनिधित्व करेगी और उसे क्या दिशा देगी, इसकी कल्पना की जा सकती है. 

मणिपुर: हिंसा काबू करने में विफलता के आरोप पर एनपीपी ने भाजपा सरकार का साथ छोड़ा

मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में सात विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी, कोनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी ने सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस लेते हुए कहा कि एन. बीरेन सिंह की सरकार राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में विफल रही है.

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