राज्यपाल आरएन रवि और राज्य सरकार के बीच टकराव की शुरुआत रवि द्वारा प्रदेश का नाम बदलने का सुझाव देने के साथ हुई थी. बीते सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल ने सरकार द्वारा तैयार अभिभाषण के कुछ अंशों को छोड़ दिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस बदलाव को ख़ारिज करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिस पर रवि सदन से वॉकआउट कर गए.
इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड के लिए कर्नाटक राज्य की झांकी को केंद्र द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है. 13 सालों में पहली बार राज्य की झांकी परेड का हिस्सा नहीं होगी. विपक्षी कांग्रेस ने इसके लिए बसवराज बोम्मई सरकार की निंदा की है, वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि इस पर विवाद पैदा करना सही नहीं है.
भूस्खलन और जोशीमठ शहर के डूबने के कारणों की जांच के लिए गठित एक समिति ने 7 मई, 1976 को अपनी रिपोर्ट में भारी निर्माण कार्य, ढलानों पर कृषि और पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने के सुझाव दिए थे. अब स्थानीयों ने मौजूदा स्थिति के लिए बिजली और सड़क परियोजनाओं को ज़िम्मेदार ठहराया है.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने वामपंथी नेताओं से भाजपा में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि ट्रेन के डिब्बे अब भी ख़ाली हैं. ख़ाली डिब्बे में बैठें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हम सभी को उस मंजिल तक ले जाएंगे, जहां हमें पहुंचना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड और गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समितियां गठित करने के उन राज्य सरकारों के फैसलों को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि संविधान राज्यों को इस तरह की समितियों के गठन का अधिकार देता है.
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कोलकाता में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोग अगर सहमत नहीं हैं या दूसरों की बात नहीं मानते हैं तो उन्हें पीटा जा रहा है. लोगों को मिलकर काम करना होगा. मतभेद दूर किए जाने चाहिए. हमें अपने बीच की दूरियों को कम करने की ज़रूरत है.
सपा नेता मनीष जगन अग्रवाल को सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति कथित अभद्र टिप्पणी करने के आरोपों में रविवार सुबह गिरफ़्तार किया गया था. पार्टी ने इसके बाद शिकायतकर्ता भाजपा नेता ऋचा राजपूत के ख़िलाफ़ एक एफ़आईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके परिवार के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं.
मध्य प्रदेश सरकार बीते दिनों पेसा क़ानून लागू करने के बाद से इसे अपनी उपलब्धि बता रही है. 1996 में संसद से पारित इस क़ानून के लिए ज़रूरी नियम बनाने में राज्य सरकार ने 26 साल का समय लिया. आदिवासी नेताओं का कहना है कि शिवराज सरकार के इस क़दम के पीछे आदिवासियों की चिंता नहीं बल्कि समुदाय को अपने वोट बैंक में लाना है.
कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप के बैनर तले सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे खुले ख़त में कहा है कि भाजपा सांसद उनकी भड़काऊ भाषा और लगातार नफ़रत फैलाने वाले कृत्यों के चलते संसद सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो चुकी हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ केवल जातियों को सूचीबद्ध किया जाएगा, उप-जातियों को नहीं. बिहार की राजनीति में जाति-आधारित जनगणना एक प्रमुख मुद्दा रहा है. नीतीश की पार्टी जदयू और महागठबंधन के सभी घटक लंबे समय से मांग कर रहे थे कि यह जल्द से जल्द किया जाए.
बिहार के राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर कहा है कि इस भारत में अब उन्मादियों के राम बचे हैं. अब लोगों के, ग़रीबों के, सबरी की जूठन खाने वाले राम भारत में नहीं, बल्कि पत्थरों के भीतर क़ैद रहेंगे.
छत्तीसगढ़ के एक गिरिजाघर पर हाल में हुए हमले की निंदा करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा कि बर्बरता की ऐसी हरकतें तुरंत बंद होनी चाहिए. ईसाई हाशिये पर रहे हैं और राज्य सरकारों को हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए.
कई भाजपा नेताओं ने कोलकाता में रेलवे पटरियों के किनारे बसी एक झुग्गी बस्ती की तस्वीर ट्वीट करते हुए दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी में इस अतिक्रमण को वैध कर दिया है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में 4,000 से अधिक परिवारों को उस ज़मीन से बेदख़ल करने का आदेश जारी किया था, जिस पर रेलवे ने अपना दावा किया था. इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है.
देश भर में ईसाई समुदाय के प्रति अपनी एकजुटता दिखाते हुए ईसाई संगठनों ने विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों को पूरे देश में ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने का आह्वान करते हुए हिंसा और नफ़रत फैलाने वाले अपराधियों पर नियंत्रण लगाने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उक्त आदेश में ओबीसी आरक्षण के बिना निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया है, इस न्यायालय के अगले आदेश आने तक उक्त निर्देश के परिचालन पर रोक रहेगी. यह आदेश भी दिया है कि तीन महीने के अंदर स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए आरक्षण से संबंधित मुद्दों पर फैसला करना होगा.