संजय चौहान ने ‘साहिब बीवी और गैंगस्टर’, ‘धूप’, ‘से सलाम इंडिया’, ‘राइट या रॉग’, ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ और ‘आई ऐम कलाम’ जैसी फिल्मों के लिए लेखन कार्य किया था. उन्होंने सुधीर मिश्रा की हिट फिल्म ‘हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी’ के लिए संवाद भी लिखे थे, जो 2003 में रिलीज़ हुई थी.
शाहरुख ख़ान और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म ‘पठान’ के ख़िलाफ़ कुछ असामाजिक तत्वों के विरोध पर गीतकार और लेखक जावेद अख़्तर ने कहा कि कोई असामाजिक तत्व नहीं हैं, मंत्री ऐसी बातें कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने गीत पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि यह तय करना मेरे या आपके लिए नहीं है कि गीत सही है या ग़लत.
बॉलीवुड फिल्मों के बहिष्कार को लेकर अभिनेता सुनील शेट्टी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि हैशटैग बायकॉट बॉलीवुड चलन को कैसे ख़त्म किया जा सकता है, इस दिशा में प्रयास करने चाहिए. हम दिन भर ड्रग्स नहीं लेते, हम दिन भर ग़लत काम नहीं करते. प्रधानमंत्री से अगर आप इस बारे में कहें तो बहुत फ़र्क़ पड़ सकता है.
स्मृति शेष: बीते दिनों इस दुनिया को अलविदा कहने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर फ़रीद काज़मी सिनेमा के ऐसे अध्येता थे, जिन्होंने समानांतर या कला फिल्मों की बजाय पॉपुलर सिनेमा को चुना और इसमें दिखने वाले वर्चस्वशाली राजनीतिक विमर्श को रेखांकित किया.
शाहरुख़ ख़ान की फिल्म ‘पठान’ इन दिनों विवाद में घिरी हुई है. 12 दिसंबर को इसके गीत ‘बेशरम रंग’ के जारी होने के बाद इस पर रोक लगाने की मांग उठने लगी. गीत के एक दृश्य में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भगवा रंग की बिकनी में देखा जा सकता है, जिसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन किए गए और ‘हिंदू भावनाओं’ को आहत करने का आरोप लगाया गया है.
फिल्म ‘पठान’ के ‘बेशर्म रंग’ गीत को लेकर छिड़े विवाद के बीच दिग्गज अदाकारा आशा पारेख ने कहा है कि बिकिनी पर बवाल नहीं था, यहां तो ऑरेंज (भगवा) रंग की बिकिनी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. अब किसी अभिनेत्री ने ऑरेंज पहन लिया या नाम कुछ ऐसा हो गया तो उसे बैन कर रहे हैं? ये ठीक नहीं लगता है?
भारतीय सिनेमा के दिग्गज निर्देशक सईद अख़्तर मिर्ज़ा ने एक साक्षात्कार में विवादित फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर कहा, 'फिल्म मेरे लिए कचरा है. बात किसी का पक्ष लेने की नहीं है. इंसान बनिए और मामले को समझने की कोशिश कीजिए.'
शाहरुख़ ख़ान और दीपिका पादुकोण स्टारर ‘पठान’ फिल्म के गीत ‘बेशर्म रंग’ को लेकर जारी विवाद के बीच दिग्गज अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह ने कहा कि किसी भी समाज के लिए इस तरह कार्य करना अच्छी बात नहीं है. कला और शिल्प को अपनी पूरी क्षमता पाने के लिए स्वतंत्रता की भावना की आवश्यकता होती है, जो मुश्किल होता जा रहा है.
‘द कश्मीर फाइल्स’ को भद्दी और दुष्प्रचार करने वाली फिल्म बताने के कारण इस्राइली फिल्मकार और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) जूरी प्रमुख नदाव लपिद भारत में एक वर्ग के निशाने पर आ गए थे.
इस्राइली फिल्मकार नदाव लपिद को लगा कि ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म समारोह की गरिमा को धूमिल करने वाली प्रविष्टि है, उसकी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए उन्होंने ईमानदारी से अपनी राय रखी. भारत उनके लिए सत्यजित राय, मृणाल सेन, अपर्णा सेन आदि का भारत है. वे उसे अपनी निगाह में गिरते नहीं देखना चाहते.
इस्राइली फिल्मकार और भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जूरी प्रमुख नदाव लपिद ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को ‘भद्दी’ और ‘दुष्प्रचार वाली’ बताया था. इसे लेकर व्यापक आलोचना के बाद उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने अनजाने में किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफ़ी मांगी है.
53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के जूरी प्रमुख और इज़रायली फिल्मकार नदव लापिड ने कहा कि हम सब ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म से हैरान और परेशान हैं, जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के एक कलात्मक और प्रतिस्पर्धी खंड के लिए अनुपयुक्त थी.
रंगमंच, टेलीविजन और फिल्मों में अभिनय करने वाले विक्रम गोखले ने कई मराठी और हिंदी फिल्मों में अपनी पहचान बनाई थी. उनकी परदादी दुर्गाबाई कामत भारतीय सिनेमा की पहली महिला अभिनेत्री थीं, जबकि दादी कमलाबाई गोखले भारतीय सिनेमा की पहली महिला बाल कलाकार थीं.
भारतीय फिल्म उद्योग में तबस्सुम ने अपने करिअर की शुरुआत एक बाल कलाकार के तौर पर की थी. उन्हें ‘बेबी तबस्सुम’ के रूप में जाना जाता था. फिल्मों के बाद उन्होंने ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ की एंकरिंग का काम संभाला, जो भारतीय टेलीविजन का पहला ‘टॉक शो’ था. उन्होंने 1972 से 1993 तक इस शो को किया और इस दौरान तमाम बड़े सितारों का साक्षात्कार लिया था.
अरुण बाली को धारावाहिक ‘स्वाभिमान’ और फिल्म ‘3 इडियट्स’ में निभाए उनके किरदार के लिए काफी सराहना मिली थी. वह ‘राजू बन गया जेंटलमैन’, ‘खलनायक’, ‘सत्या’, ‘हे राम’, ‘लगे रहो मुन्ना भाई’, ‘बर्फी’, ‘मनमर्ज़ियां’, ‘केदारनाथ’, ‘सम्राट पृथ्वीराज’ और ‘लाल सिंह चड्ढा’ जैसी फिल्मों में भी नज़र आए थे.