आईटीबीपी की शिकायत के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग ने लद्दाख में पैंगोग त्सो नदी के पश्चिमी तट पर उनकी चौकी के ख़राब निर्माण को लेकर गृह और जल संसाधन मंत्रालय के बीच तनातनी पर संज्ञान लिया है. बताया गया है कि राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से हुआ यह निर्माण कसौटी पर ख़रा नहीं उतरा है.
जम्मू कश्मीर सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि मौजूदा प्रणाली में ऐसी व्यवस्था नहीं है, जो ऐसे कर्मचारियों को पासपोर्ट से वंचित करने में मदद करे जो या तो निलंबित हैं या गंभीर आरोपों के कारण विभागीय जांच का सामना कर रहे हैं.
पूर्व न्यायाधीशों, वरिष्ठ वकीलों, पूर्व वरिष्ठ लोक सेवकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि अक्टूबर 2020 में एक सतर्कता आयुक्त के रिटायर होने के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग सिर्फ़ अध्यक्ष और एक आयुक्त के सहारे चल रहा था. अध्यक्ष ने जून 2021 में पद छोड़ दिया और संस्था तब से केवल एक आयुक्त के साथ काम कर रही है, जिसे कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ओर से केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों और सार्वजनिक उपक्रमों को जारी आदेश में कहा है कि यदि किसी सेवानिवृत्त अधिकारी ने एक से अधिक संगठनों में काम किया है, तो उन सभी संगठनों से सतर्कता संबंधी मंज़ूरी प्राप्त की जानी चाहिए, जहां अधिकारी ने पिछले 10 वर्षों में सेवा दी थी.
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कहा है कि कई अधिकारियों ने अब तक पिछले वर्ष के वार्षिक अचल या चल संपत्ति का रिटर्न दाख़िल नहीं किया है. रिटर्न दाख़िल नहीं करने पर दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है.
केंद्रीय सतर्कता आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उसे साल 2019 में विभिन्न श्रेणियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ख़िलाफ़ 81,494 शिकायतें मिलीं, जिनमें 16,291 शिकायतें दिल्ली के स्थानीय निकायों के ख़िलाफ़ थीं.
सीवीसी की एक हालिया रिपोर्ट हाल ही में संपन्न मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई के पास भ्रष्टाचार से संबंधित 6,226 मामलों की सुनवाई लंबित है और इनमें से 182 मामलों की सुनवाई तो 20 साल से भी अधिक समय से लंबित है.
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने केंद्र सरकार के सभी मुख्य सतर्कता अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच रिपोर्ट भेजने की समयसीमा का सख़्ती से पालन किया जाना चाहिए और यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा.
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने मुख्य सतर्कता अधिकारियों को जारी किए आदेश में आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई ज़्यादातर शिकायतों की समय पर जांच न होने की बात कहते हुए कार्रवाई की स्थिति को तुरंत आयोग के पोर्टल पर अपडेट करने को कहा है.
लोकपाल को वर्तमान वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 101.29 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे कम करके 18.01 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2019-2020 में सीबीआई को 781.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. यह राशि बाद में घटाकर 798 करोड़ रुपये कर दी गई थी.
इस सूची में लोकसभा के तीन मौजूदा सदस्यों समेत 130 से ज़्यादा लोगों का नाम शामिल है. सीबीआई सबसे ज़्यादा नौ मामलों के लिए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की मंज़ूरी मिलने का इंतज़ार कर रही है.
आरोपियों में आईएएस के सेवा अधिकारी, ईडी और आयकर विभाग के अधिकारी शामिल हैं. इन आरोपियों में से 45 विभिन्न सरकारी बैंकों से जुड़े हैं.
इन मामलों में बैंकों के 13 कर्मचारी शामिल हैं. सबसे ज़्यादा नौ मामले कार्मिक मंत्रालय के पास मंज़ूरी के लिए लंबित पड़े हैं.
एक आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि मुख्य सतर्कता आयुक्त/सतर्कता आयुक्तों के ख़िलाफ़ मिलीं आपत्तियों और शिकायतों से निपटने के लिए दिशानिर्देश तय करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. हाल ही में सीवीसी केवी चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
सीबीआई विवाद: एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ लगे आरोपों की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एमके सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, एक राज्यमंत्री और विधि सचिव पर जांच रोकने की कोशिश करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं.