समलैंगिक विवाह: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, कहा- संसद से क़ानून बनाने को नहीं कह सकते

समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मंज़ूरी देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि एक संवैधानिक सिद्धांत है जिस पर हम क़ायम रहे हैं- हम क़ानून या नीति बनाने का निर्देश नहीं दे सकते, हम नीति निर्माण के क्षेत्र में नहीं जा सकते.

महाराष्ट्र के राज्यपाल, स्पीकर की कार्रवाई ग़ैर क़ानूनी, पर उद्धव सरकार बहाल नहीं कर सकते: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में शिवसेना में बगावत के बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार के गिरने संबंधी याचिकाओं को सुन रहा था. अपने फैसले में इसने कहा कि तत्कालीन राज्यपाल का पार्टी के भीतरी विवादों को हल करने के लिए फ्लोर टेस्ट कराने का निर्णय ग़लत और स्पीकर द्वारा बागी एकनाथ शिंदे गुट से पार्टी सचेतक नियुक्त करना अवैध था.

डब्ल्यूएफआई यौन उत्पीड़न: खिलाड़ियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

जनवरी माह में उपजे भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किए जाने को लेकर पहलवान फिर धरने पर हैं. अब खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ताओं पर दबाव डाला जा रहा है. डब्ल्यूएफआई अधिकारी उनके घर जाकर पैसे की पेशकश कर रहे हैं.

समलैंगिक विवाह: सुप्रीम कोर्ट बोला- विशेष विवाह अधिनियम के तहत 30 दिन का नोटिस ‘पितृसत्तात्मक’

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. इस दौरान विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत सार्वजनिक आपत्ति आमंत्रित करने वाले 30 दिनी नोटिस पर हुई चर्चा के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि यह अनिवार्य नोटिस ‘पितृसत्तात्मक’ है और ‘समाज के खुले हस्तक्षेप’ को बढ़ावा देता है.

सरकार द्वारा सिफ़ारिश लंबित रखने के बाद कॉलेजियम ने जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर को वापस लिया

इस सिफ़ारिश को वापस लेने का सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का फैसला केंद्र सरकार के जवाब का छह महीने से अधिक समय तक इंतज़ार करने के बाद आया है. कॉलेजियम ने सितंबर 2022 को उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस. मुरलीधर को मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांसफर की सिफ़ारिश की थी, तब से यह बिना किसी प्रतिक्रिया के सरकार के पास लंबित है.

सरकार के पास यह साबित करने का कोई डेटा नहीं कि समलैंगिक विवाह ‘अभिजात्य विचार’ है: सीजेआई

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. सरकार ने बीते दिनों एक हलफनामा पेश करते हुए कहा था कि समलैंगिक विवाह ‘अभिजात्य वर्ग का विचार’ है.

कॉलेजियम प्रणाली संपूर्ण नहीं है, लेकिन उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है: सीजेआई चंद्रचूड़

एक कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली पर अभी उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है. इस प्रणाली का उद्देश्य आज़ादी को बनाए रखना था, जो कि एक प्रमुख मूल्य है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने भी शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए इसे ‘आदर्श प्रणाली’ बताया.

सीजेआई की ऑनलाइन ट्रोलिंग के ख़िलाफ़ विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से तत्काल कार्रवाई की मांग की

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे गए पत्र में देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग को रोकने के लिए कार्रवाई करने का निवेदन किया गया है. पत्र पर कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी, सपा और शिवसेना (यूबीटी) सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए हैं.

क्या सुप्रीम कोर्ट की समिति अडानी-मोदी सरकार के रिश्तों की जांच भी करेगी?

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट द्वारा अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज की अध्यक्षता में पांच-सदस्यीय समिति बनाई गई है. हालांकि, वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का सवाल है कि क्या अडानी समूह के ये कथित घोटाले बिना सरकारी संरक्षण के संभव होते? उनका नज़रिया.

झूठी ख़बरों के दौर में सच ‘शिकार’ बन गया है: सीजेआई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम एक ऐसे युग में रहते हैं, जहां लोगों में धैर्य और सहिष्णुता की कमी है, क्योंकि वे ऐसे नज़रिये को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं जो उनके नज़रिये से अलग हो.

अडानी-हिंडनबर्ग केस: सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की

सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह के संबंध में अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़े मसलों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में समिति बनाई है. इसमें बैंकर केवी कामथ और ओपी भट, इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी, सेवानिवृत्त जज जेपी देवधर और अधिवक्ता सोमशेखर सुंदरसन शामिल होंगे.

हाशिये के समुदायों के छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं आम हो रही हैं: सीजेआई चंद्रचूड़

बीते दिनों आईआईटी बॉम्बे में एक दलित छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना का ज़िक्र करते हुए देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारे संस्थानों को छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण को भी आकार देना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई ने कहा- राज्यपालों को राजनीति में नहीं उतरना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र में बीते साल उपजे राजनीतिक संकट, जिसके फलस्वरूप उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार गिर गई थी, से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की. 

समलैंगिकता का अपराधीकरण हमारे समाज में अन्याय की कई कहानियों में से एक था: सीजेआई

वर्ष 2018 में उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखने वाली भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को असंवैधानिक क़रार देते हुए इसे ग़ैर-आपराधिक ठहराया था. वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ यह निर्णय देने वाली पीठ में शामिल थे.

भाजपा से संबंध रखने वाली वकील की मद्रास हाईकोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति को मंज़ूरी

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ में वकालत करने वालीं लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी से संबंधित सोशल मीडिया एकाउंट और यूट्यूब पर उपलब्ध भाषणों के अनुसार, वे भाजपा के महिला मोर्चा की महासचिव हैं.