मुंबई: मीरा रोड हिंसा के शिकार लोगों ने कहा- पुलिस ने हिंदुत्ववादी भीड़ को नहीं रोका

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर लगभग 300 युवाओं की टोली ने मुंबई के क़रीबी इलाकों में उन दुकानों पर हमला किया, जिनके नाम मुस्लिमों जैसे प्रतीत होते थे. उन दुकानों पर भी हमला हुआ, जिन्होंने भगवा झंडे नहीं लगा रखे थे. पीड़ितों की ओर से पेश वकील ने द वायर को बताया कि काफी समझाने के बाद पुलिस ने चार मामलों में एफआईआर दर्ज की है.

इंडिया गठबंधन ने ‘सांप्रदायिक नफ़रत बढ़ाने’ में कथित भूमिका को लेकर फेसबुक-गूगल को पत्र लिखा

विपक्षी दलों के समूह ‘इंडिया गठबंधन’ ने द वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए फेसबुक के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचई को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि मेटा/फेसबुक भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफ़रत को भड़काने का दोषी है.

यूपी: उत्तर न दे पाने पर शिक्षक ने मुस्लिम छात्र से हिंदू सहपाठी को थप्पड़ मारने को कहा

ताज़ा घटना बीते 26 सितंबर को उत्तर प्रदेश संभल ज़िले के दुगावर गांव के एक निजी स्कूल में हुई. छात्र के पिता की शिकायत पर आरोपी शिक्षक को गिरफ़्तार कर लिया गया है. बीते अगस्त महीने में मुज़फ़्फ़रनगर के स्कूल में महिला शिक्षक ने होम वर्क न करने मुस्लिम छात्र को उनके स​हपाठियों से थप्पड़ मरवाया था. 

राजस्थान: मुस्लिम व्यक्ति को कथित तौर पर पीटा, ‘जय श्रीराम’ बोलने को मजबूर किया

घटना बीते 8 जुलाई को राजस्थान के भीलवाड़ा ज़िले में हुई. पुलिस ने इस संबंध में एफ़आईआर दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है. 32 वर्षीय मुस्लिम युवक का आरोप है कि वह एक दुकान पर सामान लेने गए थे, जब कुछ लोगों ने घेरकर हमला किया और ‘जय श्रीराम’ कहने पर मजबूर किया.

तमिलनाडु सीएम ने राष्ट्रपति को लिखा- आरएन रवि शांति के लिए ख़तरा, राज्यपाल रहने योग्य नहीं

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में राज्यपाल आरएन रवि को पद से हटाए जाने की भी मांग करते हुए उन पर तमिल संस्कृति को 'बदनाम' करने, 'सस्ती राजनीति' में शामिल होने और 'सांप्रदायिक नफ़रत' भड़काने का आरोप लगाया है.

ईद की पोस्ट पर ट्रोलिंग के बाद गायक शान बोले- हर कौम की इज़्ज़त करना मेरी सोच

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित गायक शान की ईद की शुभकामनाएं देने वाली एक पोस्ट पर उनकी मुस्लिम वेशभूषा को लेकर घृणा भरे कमेंट्स किए गए थे. इनके जवाब में शान ने कहा है कि सब प्यार से रहें और इस तरह की ध्रुवीकृत सोच न रखें क्योंकि इससे सिर्फ नुक़सान हो सकता है. यह सोच बदलनी चाहिए और अधिक समावेशी होना चाहिए.

गांधी: हिंसा बहादुरी नहीं कायरता का लक्षण है और तलवारें कमज़ोरों का हथियार

पुण्यतिथि विशेष: गांधी की रामराज्य की अवधारणा कोई धार्मिक अवधारणा नहीं, बल्कि महान नैतिक मूल्यों पर आधारित और प्राचीनता व आधुनिकता दोनों की रूढ़ियों से मुक्त वैकल्पिक सभ्यता का पर्याय थी. उनके निकट धर्म भी इन्हीं महान नैतिक मूल्यों को बरतने का दूसरा नाम था.

सद्भावना कप: सांप्रदायिक उन्माद के दौर में खेल के ज़रिये नफ़रत ख़त्म करने की कोशिश

पटना की समर चैरिटेबल ट्रस्ट बीते चार सालों से पंचायत स्तर पर 'सद्भावना कप' के नाम से एक क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित करवा रही है, जिसमें भाग लेने वाली टीमों के लिए पहली शर्त यह होती है कि उसके खिलाड़ी समाज के हर समुदाय और वर्ग से हों.

सांप्रदायिक विभाजन के अपने एजेंडे के लिए भाजपा आपराधिक तत्वों का इस्तेमाल कर रही है: महबूबा

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि पहले उदयपुर हत्याकांड का आरोपी और अब राजौरी में पकड़ा गया लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी, दोनों के भाजपा से सक्रिय संबंध रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर इन आरोपियों के संबंध किसी विपक्षी नेता से होते तो अभी तक कई एफआईआर दर्ज हो चुकी होतीं. लश्कर आतंकी के ​भाजपा के अल्पसंख्यक सोशल मीडिया विंग का इंचार्ज होने के आरोपों पर विपक्ष ने भी पार्टी पर निशाना साधा है.

साहित्य उम्मीद की विधा है क्योंकि यह यथार्थ, क्रूर वर्तमान का सामना करने का साहस करता है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: इस समय की प्रचलित टेक्नोलॉजी और प्रविधियां तेज़ी और सफलता से यथार्थ को तरह-तरह से रचती रहती हैं. इस रचे गए यथार्थ का सच्चाई से संबंध अक्सर न सिर्फ़ क्षीण होता है बल्कि ज़्यादातर वे मनगढ़ंत और झूठ को यथार्थ बनाती हैं. हमारे समय में राजनीति, धर्म, मीडिया आदि मिलकर जो मनोवांछित यथार्थ रच रहे हैं उसका सच्चाई से कोई संबंध नहीं होता. इस यथार्थ को प्रतिबिंबित करना झूठ को मानना और फैलाना होगा.

उदयपुर हत्या के बहाने समाज बांटने की कोशिश करने वालों से सावधान रहना ज़रूरी है

उदयपुर में हुई नृशंसता के बावजूद इस प्रचार को क़बूल नहीं किया जा सकता कि हिंदू ख़तरे में हैं. इस हत्या के बहाने जो लोग मुसलमानों के ख़िलाफ़ घृणा प्रचार कर रहे हैं, वे हत्या और हिंसा के पैरोकार हैं. यह समझना होगा कि एक सुनियोजित षड्यंत्र चलाया जा रहा है कि किसी घटना पर हिंदू, मुसलमान एक साथ एक स्वर में न बोल पाएं. 

आम नागरिकों का नफ़रत के ख़िलाफ़ खड़े होना आश्वस्त करता है कि घृणा हारेगी

देश में जहां एक तरफ नफ़रत के पैरोकार सांप्रदायिकता की खाई गहरी करने के फेर में हैं, वहीं उनकी भड़काने और उकसाने की तमाम कोशिशों के बावजूद आम देशवासी सांप्रदायिक आधार पर एक दूजे के खून के प्यासे नहीं हो रहे, बल्कि उनके मंसूबों को समझकर जीवन के नए समतल तलाशने की ओर बढ़ने लगे हैं.