राजस्थान के करौली शहर में दो अप्रैल को हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित बाइक रैली जब मुस्लिम बहुल इलाके से गुज़री, तो कथित तौर पर कुछ शरारती तत्वों ने पथराव कर दिया. इसके बाद हिंसा फैल गई थी. इस संबंध में दर्ज मुख्य एफ़आईआर में शामिल 44 आरोपियों में से एक भाजपा नेता राजाराम गुर्जर भी हैं. उनकी पत्नी जयपुर की महापौर हैं और दोनों का विवादों से पुराना नाता रहा है.
वीडियो: राजस्थान के करौली शहर में बीते दो अप्रैल को हिंदू नव वर्ष पर निकाली गई बाइक रैली जब मुस्लिम बहुल क्षेत्र से गुज़री तो कथित तौर पर उन पर पथराव कर दिया गया. इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया, जिसने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया.
वीडियो: राजस्थान के करौली ज़िले में बीते दो अप्रैल को हिंदू नव वर्ष के मौके पर मुस्लिम बहुल इलाके से गुज़र रही मोटरसाइकिल रैली पर पथराव हो गया था. इसके बाद हिंसा फैल गई थी. अराजक तत्वों ने कुछ दुकानों और मोटरसाइकिलों में आग लगा दी.
वीडियो: कर्नाटक में हलाल मीट पर जारी विवाद के बीच राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष के दौरान हिंसा और कई अन्य घटनाक्रमों पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.
वीडियो: हिंदू नव वर्ष के बीच हिंदू दक्षिणपंथी समूहों ने राजस्थान के करौली में मुस्लिम बहुल इलाकों से जुलूस निकाला था कथित तौर पर सांप्रदायिक गालियां दी गईं, जिसके बाद इलाके में हिंसा हुई. सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन मेहर और प्रोफेसर जितेंद्र मीणा से द वायर की सुमेधा पाल की बातचीत.
उत्तर प्रदेश में मेरठ के सरधना इलाके का मामला. ‘संगीत सोम सेना’ के प्रमुख समेत 30 लोगों के ख़िलाफ़ दंगे भड़काने और लूटपाट करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है. इस संगठन का नाम भाजपा के विवादित नेता संगीत सोम के नाम पर रखा गया है. संगीत सोम ने कहा कि नवरात्रि पर मांस के ठेले लगाने का मतलब है कि पुलिस ने अपना काम ठीक से नहीं किया.
पुलिस के मुताबिक, करौली शहर में शनिवार को नव संवत्सर के उपलक्ष्य में आयोजित बाइक रैली जब मुस्लिम बहुल इलाके से गुज़री, तो कुछ शरारती तत्वों ने पथराव कर दिया. इसके बाद हिंसा फैल गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस को सख़्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले का मामला. घटना की जानकारी सामने आने के बाद ग्रामीणों ने राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया था. पुलिस ने इस संबंध में धार्मिक भावनाओं को जान-बूझकर आहत करने से संबंधित आईपीसी की धारा 295(ए) के तहत एफ़आईआर दर्ज कर ली है.
कर्नाटक के उडुपी ज़िले में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में बीते साल दिसंबर में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के लिए कुछ लड़कियों को कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी. धीरे-धीरे यह विवाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया, जिससे कई स्थानों पर शिक्षण संस्थानों में तनाव का माहौल पैदा हो गया था.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के माउंट कार्मेल प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज का मामला. कॉलेज प्रशासन द्वारा बीते 16 फरवरी को अमृतधारी सिख छात्रा और स्टूडेंट एसोसिएशन की अध्यक्ष को पगड़ी हटाने के लिए कहा गया था जिससे उन्होंने इनकार कर दिया. परिवार का कहना है कि उनकी बेटी पगड़ी नहीं हटाएगी और वे क़ानूनी राय ले रहे हैं.
कर्नाटक हाईकोर्ट में उडुपी के याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए एक वकील ने बताया कि शिक्षिकाओं को भी अपना ‘हेडस्कार्फ़’ हटाने को कहा गया है. इस पर अदालत ने कहा कि उसका हिजाब से संबंधित अंतरिम आदेश केवल विद्यार्थियों तक ही सीमित है.
हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाली याचिकाकर्ताओं में से एक हाज़रा शिफ़ा ने आरोप लगाया है कि भीड़ ने उनके भाई पर हमला किया और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. इस संबंध में मालपे पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है.
कर्नाटक के विभिन्न ज़िलों में लड़कियों के हिजाब पहनकर कॉलेज जाने का मामला सामने आया है. कई कॉलेजों में प्रवेश न देने की वजह से छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस समस्या के लिए ‘बाहरी’ लोगों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
कर्नाटक के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों में हिजाब को प्रतिबंधित करने को लेकर चल रहे विवाद और अदालती बहस के बीच मुस्लिम छात्राओं का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते इस तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं.
मांड्या में अपने कॉलेज के पास रास्ता रोके जाने और नारे लगाकर परेशान करने वाली भीड़ का सामना करने वाली छात्रा मुस्कान ख़ान का कहना है कि वह अपने हिजाब पहनने के हक़ की लड़ाई लड़ रही हैं.