कर्नाटक में जो भगवाधारी युवकों-युवतियों की हिंसक और नफ़रतबुझी भीड़ दिख रही है, उसे क्षणिक मानकर निश्चिंत हो जाना ख़तरनाक है. जो इन्हें इकट्ठा कर रहे हैं, वे इन्हें बस एक मौक़े के लिए इस्तेमाल नहीं करेंगे.
आजकल जिस भाषा में सत्ताधारी नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं, वो दिखाता है कि हम लोकतंत्रिक प्रणाली के लायक विकसित ही नहीं हुए हैं. क्योंकि दुनिया का कोई भी सभ्य व लोकतांत्रिक राष्ट्र ऐसी भाषा को स्वीकार नहीं कर सकता है, जो समाज में नफ़रत और हिंसा के उत्प्रेरक के तौर पर काम करे.
बीते पांच सालों में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने औरतों, अल्पसंख्यकों और असहमति ज़ाहिर करने वालों पर हुए ज़ुल्म की अनदेखी की है, या इसमें स्वयं उसकी भूमिका रही. ऐसे हालात में भी विडंबना यह है कि भाजपा प्रदेश में क़ानून व्यवस्था के अपने रिकॉर्ड को उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है.
किसी भी प्रबंधन को अपनी संस्था के नियम-क़ायदे तय करने का अधिकार है, लेकिन कोई भी नीति-नियम संविधान के दायरे में ही हो सकता है और धार्मिक स्वतंत्रता और शिक्षा के संवैधानिक अधिकार के रास्ते में नहीं आ सकता.
वीडियो: हिजाब को लेकर कर्नाटक के कई कॉलेजों में पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब उडुपी ज़िले एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से कॉलेज में प्रवेश करने नहीं दिया गया. द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
कर्नाटक हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उडुपी के गवर्मेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की पांच छात्राओं द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर दो दिन तक चली सुनवाई के अंत में कहा कि यह मामला बड़ी पीठ के समक्ष रखे जाने योग्य है. इन छात्राओं ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब के विरोध के ख़िलाफ़ यह याचिकाएं दायर की हैं.
कर्नाटक में हिजाब के विरोध के बीच मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हिजाब यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए. वहीं, भाजपा शासित पुदुचेरी के एक सरकारी स्कूल में छात्रा को कथित तौर पर हिजाब हटाने को कहा गया.
मुख्यमंत्री बसवराव बोम्मई ने ट्वीट करके आदेश की जानकारी दी है और सभी से शांति बनाए रखने को कहा है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी मामले पर सुनवाई करते हुए लोगों से संविधान में विश्वास बनाए रखने की अपील की. इस बीच दो और छात्राएं समान याचिका के साथ हाईकोर्ट पहुंच गई हैं.
कर्नाटक के उडुपी ज़िले में कुंडापुर स्थित एक सरकारी पीयू कॉलेज के प्राचार्य ने हिजाब पहनकर आईं मुस्लिम छात्राओं से बातचीत की और उन्हें सरकार के यूनिफॉर्म में आने के आदेश के बारे में बताया. हालांकि छात्राओं ने हिजाब पहनने पर ज़ोर दिया तो उन्हें एक अलग कमरे में जाने के लिए कहा गया, जिसकी व्यवस्था विशेष तौर पर उनके लिए ही की गई थी.
सरस्वती को विद्या की देवी कहकर हिंदुओं तक सीमित न रखने की अपील की जाती है. धर्म को संस्कृति का चोला ओढ़ाकर दूसरे धर्मावलंबियों को उसे मानने को बाध्य किया जाता है. ऐसे ही आशय से प्रेमचंद ने लिखा था कि सांप्रदायिकता को अपने असली रूप में निकलने में शर्म आती है, इसलिए वह संस्कृति की खाल ओढ़कर बाहर निकलती है.
उडुपी ज़िले में हिजाब विवाद के बीच कुंडापुर के दो जूनियर कॉलेज के छात्रों के एक समूह ने परिसरों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर भगवा शॉल पहनकर जुलूस निकाला. वहीं, राज्य सरकार ने ऐसे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया, जो स्कूल-कॉलेजों में समानता और लोक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं.
कांग्रेस, टीएमसी, वामपंथी दलों, राजद, एनसीपी और बसपा ने तर्क दिया कि संविधान नागरिकों को उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है. राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि बाधा हिजाब नहीं है बल्कि इसका विरोध कर रहे लोगों की मानसिकता है.
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि 1952 का पहला आम चुनाव समावेशी विकास, रोज़गार पर लड़ा गया था, लेकिन 70 साल बाद हम किस पर चुनाव लड़ रहे हैं? जिन्ना कहीं भी होंगे, सोच रहे होंगे कि जो जीते-जीते मैंने नहीं पाया, वो भाजपा वालों ने मुझे मरने के बाद दे दिया. झा ने रोज़गार मांगने वाले छात्रों पर पुलिस की कार्यवाही को लेकर केंद्र की आलोचना भी की.
यूपी में एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के काफ़िले पर गोली चलाने के आरोपी सचिन पंडित का फेसबुक प्रोफाइल न केवल उसके कट्टरपंथी विचारों, बल्कि यूपी के प्रमुख भाजपा नेताओं से उनकी निकटता भी दिखाती है. पूर्व केंद्रीय मंत्रियों से लेकर पूर्व पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के साथ उसके फोटो सामने आए हैं.
बीते जनवरी माह में कर्नाटक में उडुपी ज़िले के एक कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने का विरोध करने का मामला सामने आने के बाद ऐसी ही दो घटनाएं इसी ज़िले के कुंडापुर में हुई हैं. इन दोनों कॉलेजों में भी हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया है. इस बीच राज्य के गृहमंत्री ने कहा है कि किसी को भी अपने धर्म का पालन करने के लिए विद्यालय नहीं आना चाहिए.