एक याचिकाकर्ता ने दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, जिससे गुजरात पुलिस ने इनकार कर दिया. तब उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत उन नियमों को प्रकाशित करने के लिए कहा, जो पुलिस को प्रदर्शन या रैलियां करने की अनुमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार देते हैं. हालांकि उनके आवेदन को गुजरात पुलिस द्वारा ख़ारिज कर दिया गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि फीस का भुगतान न करने के आधार पर शैक्षणिक सत्र के बीच में एक बच्चे को कक्षाओं में बैठने और परीक्षा देने से नहीं रोका जा सकता है. शिक्षा वह नींव है, जो एक बच्चे के भविष्य को आकार देती है और जो सामान्य रूप से समाज के भविष्य को आकार देती है.
केंद्र और न्यायापालिका के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर चल रही खींचतान के बीच क़ानून मंत्री किरेन रिजीजू ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम में केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे गए पत्र की सामग्री सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की टिप्पणी और निर्देश के अनुरूप है.
केंद्र और न्यायापालिका के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर चल रही खींचतान के बीच अब केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखा है कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को हाईकोर्ट के कॉलेजियम में जगह दी जानी चाहिए.
प्रदर्शन के दौरान लेह अपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की ओर से कहा गया कि इस सरकार के रवैये को देखते हुए हमने अपना आंदोलन तेज़ करने का फैसला किया है. यह विरोध उसी का हिस्सा है. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि महिला किसी की जागीर नहीं है और उसकी ख़ुद की एक पहचान है. विवाहित होने के तथ्य के कारण उस पहचान को दूर नहीं करना चाहिए. सिक्किम की महिला को इस तरह की छूट से बाहर करने का कोई औचित्य नहीं है.
लक्षद्वीप में एक अदालत ने बीते 11 जनवरी को हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद राकांपा सांसद मोहम्मद फ़ैज़ल समेत चार लोगों को 10 साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी. आरोप था कि साल 2009 में अभियुक्तों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण ग़ैरक़ानूनी रूप से इकट्ठा होकर कांग्रेस नेता मोहम्मद सलीह पर हमला किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड और गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समितियां गठित करने के उन राज्य सरकारों के फैसलों को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि संविधान राज्यों को इस तरह की समितियों के गठन का अधिकार देता है.
सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 में निहित मौलिक अधिकारों को लेकर मूल सोच यह है कि इन्हें केवल राज्य के ख़िलाफ़ लागू किया जा सकता है, लेकिन समय के साथ यह बदल गया है.
मंत्रियों और उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रतिबंध से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है. हालांकि जस्टिस बीवी नागरत्ना ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि अगर कोई मंत्री अपनी आधिकारिक क्षमता में अपमानजनक बयान देता है तो इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कमज़ोर और हाशिए पर रहने वालों को प्रभावशाली समूहों के हिसाब से चलने के लिए मजबूर किया जाता है और उत्पीड़न के कारण उनकी कोई प्रतिसंस्कृति विकसित नहीं हो पाती है. उनके पास अपने अस्तित्व के लिए प्रभावशाली संस्कृति के सामने झुकने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
गुरुवार को राज्यसभा में देश की अदालतों में लंबित मामलों के बारे में पूछे गए एक सवाल को केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायाधीशों के रिक्त पदों से जोड़ते हुए कहा कि यह मुद्दा जजों की नियुक्तियों के लिए 'कोई नई प्रणाली' लाए जाने तक हल नहीं होगा.
बीते दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छोटे-मोटे अपराधों में जेल की सज़ा काट रहे आदिवासियों की दुर्दशा का ज़िक्र किया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया था. झारखंड की जेलों में भी कई ऐसे विचाराधीन क़ैदी हैं, जिन्हें यह जानकारी तक नहीं है कि उन्हें किस अपराध में गिरफ़्तार किया गया था.
सभापति के रूप में राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करते हुए अपने पहले संबोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक आयोग क़ानून ख़ारिज किए जाने को लेकर कहा कि यह ‘संसदीय संप्रभुता से गंभीर समझौता’ और उस जनादेश का ‘अनादर’ है जिसके संरक्षक उच्च सदन व लोकसभा हैं.
उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बीते मई महीने में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के उद्देश्य से समिति का गठन किया था. इसे सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक़, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले क़ानूनों के एक समान समूह के रूप में संदर्भित किया जाता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.