मेरठ ज़िले के पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी के ख़िलाफ़ 2020 में दर्ज एक कथित गोकशी के मामले में स्थानीय अदालत ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि क्षेत्र में पत्रकार की उपस्थिति क़ानून-व्यवस्था बिगाड़ सकती है.
राजस्थान की अलवर पुलिस के अनुसार, भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के ज़िले के गोविंदगढ़ में चिरंजीलाल सैनी के परिवार से मिलने के बाद वायरल हुए वीडियो के आधार पर यह केस दर्ज किया गया है. सैनी को कथित तौर पर मेव मुस्लिम समुदाय लोगों ने ट्रैक्टर चोरी के शक में पीटा था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.
राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में प्रदर्शनकारी बीते 11 जुलाई को चिड़िया गांधी गांव में हुई कथित गोहत्या में शामिल सभी लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जब बीते बुधवार को उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई. पुलिस ने कहा कि इस संबंध में 45 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
असम के गोआलपाड़ा ज़िले के हुरकाचुंगी माध्यमिक इंग्लिश स्कूल का मामला. स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापिका के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए गोमांस लेकर आई थीं. असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के मुताबिक उन क्षेत्रों में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले की घटना. पुलिस का कहना है वह इस्लामनगर गांव में गोकशी के एक मामले में अब्दुल नाम के व्यक्ति को गिरफ़्तार करने के लिए दबिश देने गई थी. इस बीच ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हल्ला बोल दिया और पत्थरबाज़ी के साथ-साथ गोली भी चलाई, जिसमें महिला की मौत हो गई. इस महीने यह तीसरी घटना है, जिसमें दबिश के दौरान तीन महिलाओं की जान जा चुकी है.
सिवनी जिले के कुरई थाना क्षेत्र का मामला है. गोहत्या के संदेह में 15-20 लोगों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर हमला किए जाने से दो आदिवासियों की मौत हो गई. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि हमलावर बजरंग दल के हैं. पुलिस ने बताया कि एक दक्षिणपंथी संगठन के लगभग 20 सदस्यों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
यह घटना द्वारका के छावला क्षेत्र में 11 अप्रैल की है. गोहत्या के शक में खुद को 'गौरक्षक' बताने वाले 10-15 अज्ञात लोगों का एक समूह फार्महाउस एक पहुंचा और वहां मौजूद लोगों पर हमला कर दिया. गोहत्या के आरोप में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि हमला करने और हत्या के मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के कन्नौज में आलू किसानों की सबसे बड़ी चिंता का विषय आवारा पशु हैं. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा की राज्य सरकार के गोहत्या पर रोक लगाने के फैसले का पशु व्यापार पर प्रभाव पड़ा है. कथित गोरक्षा समूहों के डर के कारण पशु व्यापारी अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने में असमर्थ हैं. किसानों का कहना है कि इसकी वजह से उन्हें अपने मवेशियों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.
अगस्त में पारित किए गए असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 में हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक मंदिर या वैष्णव मठों के पांच किलोमीटर के दायरे में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री पर रोक लगाई गई थी. अब हुए संशोधन के तहत पुलिस आरोपी के घर में प्रवेश कर जांच कर सकती है और अवैध पशु कारोबार के ज़रिये अर्जित संपत्ति को ज़ब्त करने की कार्रवाई भी कर सकती है.
मामला पंचमहल ज़िले का है. पुलिस के अनुसार, गोधरा बी डिवीजन पुलिस ने बुधवार को क़ासिम अब्दुल्ला नाम के व्यक्ति को गोमांस ले जाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने से पहले उसने गुरुवार तड़के लॉकअप में आत्महत्या कर ली. क़ासिम के परिवार ने घटना की जांच की मांग की है.
गोहत्या के आरोपी की ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने कहा कि जब गाय का कल्याण होगा, तभी देश का कल्याण होगा. उन्होंने यह भी कहा कि वैज्ञानिकों का मानना था कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है, जो ऑक्सीजन लेती और छोड़ती है.
मामला सीतापुर ज़िले का है, जहां पुलिस ने चार लोगों को कथित तौर पर गोहत्या की बात करने को लेकर गोहत्या संरक्षण क़ानून के तहत हिरासत में लिया था. हाईकोर्ट ने एक आरोपी की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर नाराज़गी जताई और पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर पुलिस की एक टीम कई आपराधिक मामलों समेत अवैध गोकशी के आरोप में मांस विक्रेता मोहम्मद अकील क़ुरैशी को बीते 23 और 24 मई की दरमियानी रात में गिरफ़्तार करने गई थी. इसी दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में छत से गिरकर क़ुरैशी बुरी तरह से घायल हो गए थे. 27 मई को उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
मामला मुरादाबाद का है, जहां मांस ले जा रहे एक मीट विक्रेता को गोरक्षा वाहिनी के पदाधिकारी की अगुवाई वाले समूह ने रोककर मारपीट की और गो-तस्कर बताते हुए पुलिस को सौंप दिया. बाद में विक्रेता को छोड़ते हुए हमलावरों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया. घटना के बाद भारतीय गोरक्षा वाहिनी ने दावा किया है कि आरोपी उनसे संबद्ध नहीं हैं.
बनासकांठा के सरदारकृषिनगर दांतीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय ने 82 पशुओं की नीलामी का एक विज्ञापन दिया था, जिसे बाद में साल 2018 के एक आदेश का हवाला देते हुए अंतिम समय पर रद्द कर दिया गया. किसानों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई, जिसके चलते उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद हुए.