दिल्ली पुलिस ने बताया कि 2021 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हुई. 2021 में बलात्कार के 1,969 मामले दर्ज किए गए, यह संख्या 2020 में 1,618 थी. इसके अलावा 2021 में 2,429 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए, जो साल 2020 की तुलना में 17.51 प्रतिशत की वृद्धि है.
गुजरात के सूरत शहर में बीते 12 फरवरी को बीकॉम प्रथम वर्ष की 21 वर्षीय छात्रा की उस समय बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जब उन्होंने कथित तौर पर आरोपी युवक के प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. उन्हें बचाने की कोशिश में उनके भाई और एक रिश्तेदार भी घायल हो गए थे.
बीते पांच सालों में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने औरतों, अल्पसंख्यकों और असहमति ज़ाहिर करने वालों पर हुए ज़ुल्म की अनदेखी की है, या इसमें स्वयं उसकी भूमिका रही. ऐसे हालात में भी विडंबना यह है कि भाजपा प्रदेश में क़ानून व्यवस्था के अपने रिकॉर्ड को उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है.
यह घटना गुना ज़िले के विजयपुरा थानाक्षेत्र की है. लाड़पुरा गांव में मोबाइल फोन चोरी करने के संदेह में दो लोगों ने दलित युवक की लाठी और जलती हुई लकड़ी से बेरहमी से पिटाई की. उसे निर्वस्त्र कर पीटते हुए वीडियो बनाया. पुलिस ने बताया है कि एक आरोपी की गिरफ़्तारी हुई है और दूसरे की तलाश जारी है.
उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले के नवाबगंज थाना क्षेत्र का मामला है. पुलिस के मुताबिक, 17 वर्षीय दलित किशोरी का शव एक खेत में बरामद किया गया. सर्विलांस के आधार पर मामले में तीन आरोपियों की संलिप्तता का पता चला था. तीसरे आरोपी की तलाश में एक पुलिस टीम लगाई गई है.
बीते दिनों गोरखपुर की एक अदालत में 31 वर्षीय दिलशाद की गोली मारकर की गई हत्या को 'बलात्कारी' की हत्या बताया जा रहा है. दिलशाद के पिता ने इसे 'ऑनर किलिंग' बताते हुए कहा कि उनके बेटे के हत्यारोपी भागवत निषाद उनके क़रीबी दोस्त थे और दिलशाद ने हिंदू धर्म अपनाकर उनकी बेटी से शादी की थी. इससे नाराज़ भागवत ने दिलशाद पर अपहरण और पॉक्सो के तहत केस दर्ज करवाया था.
दस दिन पहले उत्तरी मुंबई के मलाड में भीड़ ने शाहरुख शेख़ नामक व्यक्ति को चोर होने की आशंका में कथित तौर पर इतना पीटा था कि उनकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन कर घटना में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की. पुलिस ने मृतक के ख़िलाफ़ चोरी का भी मामला दर्ज किया है.
मामला तमिलनाडु के तंजावुर ज़िले के एक मिशनरी स्कूल के छात्रावास का है. 17 वर्षीय छात्रा ने बीते नौ जनवरी को ज़हर खा लिया था और 19 जनवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
आरोप है कि गोरखपुर ज़िले की एक अदालत के गेट के सामने सेवानिवृत्त जवान भागवत निषाद ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से दिलशाद नामक व्यक्ति के सिर में गोली मार दी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. फरवरी 2020 में भागवत ने दिलशाद के ख़िलाफ़ बेटी के अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था.
छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाली 32 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति और उसके साथियों ने नवंबर 2019 से अक्टूबर 2021 के बीच फार्म हाउस में उसके साथ कई बार सामूहिक रूप से बलात्कार तथा अप्राकृतिक कृत्य किया. इस दौरान उसके निजी अंगों को सिगरेट से दागा जाता था. इस मामले में पुलिस ने उसके पति समेत पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.
अभिनेता दिलीप समेत दस लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 17 फरवरी 2017 की रात एक फिल्म अभिनेत्री को कथित तौर पर बंदी बनाकर उन्हीं की कार में दो घंटे तक कथित तौर पर यौन शोषण किया और इसका वीडियो बनाया. अब दिलीप पर इस केस की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकाने का मामला दर्ज किया गया है.
2014 के बाद हिंसा जैसे इस समाज के पोर-पोर से फूटकर बह रही है. कहना होगा कि भारत के हिंदू समुदाय में हिंसा का भाव और दूसरे समुदायों से घृणा बढ़ी है. ग़ैर-हिंदू समुदायों में हिंदू विरोधी घृणा के प्रचार के उदाहरण नहीं मिलते हैं. यह घृणा और हिंसा एकतरफा है.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले का मामला. पुलिस ने इस संबंध में एक और व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है, जबकि एक अन्य की तलाश की जा रही है. पुलिस ने बताया कि युवती के परिवार ने आरोपी के ख़िलाफ़ साल 2017 में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में आरोपी ज़मानत पर बाहर था.
अगस्त में पारित किए गए असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 में हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक मंदिर या वैष्णव मठों के पांच किलोमीटर के दायरे में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री पर रोक लगाई गई थी. अब हुए संशोधन के तहत पुलिस आरोपी के घर में प्रवेश कर जांच कर सकती है और अवैध पशु कारोबार के ज़रिये अर्जित संपत्ति को ज़ब्त करने की कार्रवाई भी कर सकती है.
आंध्र प्रदेश के ‘दिशा क़ानून’ पर आधारित शक्ति आपराधिक क़ानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक में महिलाओं व बच्चों से बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के मामलों में मौत की सज़ा या आजीवन कारावास का प्रावधान है. ऐसे अपराधों की जांच घटना की तारीख से 30 दिनों में पूरे किए जाने का प्रावधान दिया गया है.