शिवपुरी ज़िले का मामला. बताया गया है कि 26 नवंबर को इंदरगढ़ गांव के सरपंच और उनके परिवार ने दलित समुदाय के 30 वर्षीय व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी. पुलिस ने कहा कि आरोपियों और मृतक के परिवारों के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद के चलते यह हत्या की गई.
एक हालिया सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में अनुसूचित जातियों के ख़िलाफ़ अत्याचार के सभी मामलों में से लगभग 97.7% मामले 13 राज्यों से दर्ज किए गए, जिनमें यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में ऐसे सर्वाधिक अपराध दर्ज हुए.
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कटनी में जीआरपी की एक थाना प्रभारी एक महिला और एक लड़के की पिटाई करती दिखाई दे रही हैं. बाद में कुछ अन्य पुलिसकर्मी भी महिला और लड़के की पिटाई करते दिखते हैं.
घटना फ़र्रुखाबाद ज़िले के कायमगंज के एक गांव की है, जहां 15 और 18 साल की दो दलित लड़कियां सोमवार रात जन्माष्टमी की झांकी देखने गई थीं और वापस नहीं लौटीं. अगली सुबह एक ही दुपट्टे से बंधे उनके शव पेड़ पर लटके मिले. परिवार ने आत्महत्या के दावे को ख़ारिज करते हुए हत्या का आरोप लगाया है.
सागर ज़िले में पिछले साल अगस्त में अपनी बहन के यौन उत्पीड़न का विरोध करने पर 18 वर्षीय दलित युवक की कथित ऊंची जाति के लोगों द्वारा कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. बीते 25 मई को महिला के चाचा की भी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. दोनों पर यौन उत्पीड़न का केस वापस लिए जाने का दबाव था. अब चाचा का शव ले जा रही युवती की भी आश्चर्यजनक तरीके से एम्बुलेंस से गिरकर मौत हो
मामला ग्वालियर ज़िले के करहिया गांव का है. पुलिस का कहना है कि दूल्हे नरेश जाटव के परिवार ने आरोप लगाया है कि कथित ऊंची जाति के लोगों ने बारात के उनके इलाके से गुज़रने पर आपत्ति जताई थी.
राजस्थान के अलवर ज़िले का मामला. शिकायत के अनुसार, घटना शनिवार को हुई, जब गांव के सरकारी स्कूल का कक्षा 4 का छात्र स्कूल परिसर में स्थित हैंडपंप पर पानी पीने गया, जहां पानी भर रहे कथित ऊंची जाति के एक व्यक्ति ने लड़के ने बाल्टी छूने पर उसे बेरहमी से पीटा.
लखनऊ के इंदिरानगर थानाक्षेत्र में यह घटना 13 जनवरी को हुई थी, जहां क्रिकेट मैच के दौरान हुए विवाद में युवाओं के एक समूह ने 18 वर्षीय दलित लड़के को मारा पीटा गया था. इसके बाद कई बार उसे पीटा गया और कथित तौर पर उस पर पेशाब किया गया.
मामला मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के खतौली थाना क्षेत्र के जसोला गांव का है, जहां एक 21 वर्षीय दलित व्यक्ति को गांव के ही कुछ लोगों ने घर में बंधक बनाकर कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला. पुलिस ने बताया है कि प्रथमदृष्टया मामला प्रेम संबंध से जुड़ा है.
बाराबंकी ज़िले के देवा इलाके का मामला. पुलिस ने बताया एक दलित महिला अपने घर जा रही थीं, जब चार लोग उन्हें जबरन पकड़कर ले गए और एक सुनसान मकान में ले जाकर कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया. सभी आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
घटना कानपुर की है, जहां घाटमपुर के एक गांव में बौद्ध कथा कार्यक्रम में कथित तौर पर हथियारों से लैस 'उच्च जाति' के एक समूह ने हमला किया. बताया गया है कि उन्होंने गोलियां चलाईं, तोड़फोड़ की और संत रविदास की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी. आठ आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज होने के बाद पांच को गिरफ़्तार किया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट केवल आंकड़े मात्र नहीं हैं, एससी-एसटी समाज के जीवन को असुरक्षित बनाने का भाजपाई काला चिट्ठा है. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के ख़िलाफ़ अपराध के कुल 57,582 और 10,064 केस दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में क्रमशः 13.1% और 14.3% अधिक है.
गुजरात के मोरबी शहर का मामला. एफ़आईआर के मुताबिक, 21 वर्षीय नीलेश दलसानिया अक्टूबर में महिला व्यवसायी की कंपनी के निर्यात विभाग में किए गए अपने 16 दिन के काम का वेतन मांगने गए थे, जब उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया गया. आरोपियों के ख़िलाफ़ आईपीसी के अलावा एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र का मामला. आटा चक्की में काम करने गई 40 वर्षीय एक दलित महिला की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई और शव को टुकड़ों में काट दिया गया. पुलिस ने बताया कि चक्की मालिक, उनके भाई बउवा शुक्ला और एक अन्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
पटना का मामला. एक साहूकार और उसके सहयोगियों द्वारा दलित महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई, उसके कपड़े उतार दिए गए और उसे पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया. बताया गया है कि महिला ने 1,500 रुपये का क़र्ज़ चुकाने के बाद सूद के और पैसे देने की मांग को ठुकरा दिया था.