मध्य प्रदेश के राजगढ़ ज़िले के माचलपुर थाना क्षेत्र का मामला है. एक दलित व्यक्ति की शादी में डीजे बजाने, जुलूस निकालने को लेकर ग्रामीणों द्वारा घर पर हमला करके तोड़फोड़ की गई. पुलिस ने इस संबंध में 38 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह की के आश्रम के पास की जमीन से बीते 10 फरवरी को 22 वर्षीय दलित युवती का क्षत-विक्षत शव मिला था. युवती के लापता होने की शिकायत पर एफआईआर एक महीने बाद 10 जनवरी को दर्ज की गई थी. आरोपी को बीते 24 जनवरी को युवती के अपहरण के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला है. 22 वर्षीय दलित युवती के लापता होने की शिकायत पिछले साल आठ दिसंबर को की गई थी और एफआईआर एक महीने बाद 10 जनवरी को दर्ज की गई थी. युवती का क्षत-विक्षत शव एक आश्रम के पास से निकाला गया, जो कि सपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह के स्वामित्व में है. राजोल को बीते 24 जनवरी को युवती के अपहरण के आरोप में गिरफ़्तार
यह घटना गुना ज़िले के विजयपुरा थानाक्षेत्र की है. लाड़पुरा गांव में मोबाइल फोन चोरी करने के संदेह में दो लोगों ने दलित युवक की लाठी और जलती हुई लकड़ी से बेरहमी से पिटाई की. उसे निर्वस्त्र कर पीटते हुए वीडियो बनाया. पुलिस ने बताया है कि एक आरोपी की गिरफ़्तारी हुई है और दूसरे की तलाश जारी है.
उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले के नवाबगंज थाना क्षेत्र का मामला है. पुलिस के मुताबिक, 17 वर्षीय दलित किशोरी का शव एक खेत में बरामद किया गया. सर्विलांस के आधार पर मामले में तीन आरोपियों की संलिप्तता का पता चला था. तीसरे आरोपी की तलाश में एक पुलिस टीम लगाई गई है.
मध्य प्रदेश के सागर ज़िले के बंडा थाना क्षेत्र का मामला. परंपरा के ख़िलाफ़ एक दलित दूल्हे की बारात घोड़ी पर बैठाकर निकालने से नाराज़ गांव के एक वर्ग ने कथित रूप से उनके घर पर पथराव और तोड़फोड़ की थी. पुलिस ने बताया कि 20 लोगों के ख़िलाफ़ एसीटी/एससी अधिनियम और आईपीसी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बिहार के औरंगाबाद ज़िले के अंबा थाना क्षेत्र का मामला है. आरोपी बलवंत सिंह ने डुमरी पंचायत के मुखिया पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आरोपी कथित तौर पर कुछ लोगों को ज़मीन पर थूकने और चाटने के लिए मजबूर करते, जूतों से पीटते हुए जातिसूचक अपशब्द कहते नज़र आ रहे हैं.
राजस्थान पुलिस ने हाल ही में राज्य में दलित वर्ग के लोगों की बारात पर पथराव सहित कुछ घटनाएं सामने आने का बाद दिशानिर्देश जारी कर पुलिस अधिकारियों से कहा है कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने तथा ऐसी घटना के बाद क़ानूनी कार्रवाई करने के लिए विशेष सतर्कता बरतें.
मामला जयपुर के कोटपूतली क़स्बे का है. पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने दलित दूल्हे के घोड़ी चढ़ने पर आपत्ति जताई थी. परिवार ने विवाह को लेकर पहले ही पुलिस को सूचना दी थी और इस दौरान पुलिस तैनात भी थी. इसके बावजूद बारात पर पत्थर फेंके गए. घटना को लेकर तीन अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है.
घटना 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के बड़गांव थाना क्षेत्र के शिमलाना गांव में हुई थी. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने बताया कि नाई समेत सात आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत केस दर्ज किया गया है.
मामला यादाद्री-भुवनगिरी ज़िले के अड्डागुडुर थाने का है, जहां बीते 18 जून को बावर्ची के रूप में काम करने वाली 40 वर्षीय मरियम्मा को चोरी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. बताया गया कि कथित पुलिस प्रताड़ना के चलते थाने के लॉकअप में महिला की मौत हो गई. मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला. आरोप है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी. कथित रूप से सरकारी हैंडपंप छू लेने के आरोप में बीते 25 दिसंबर को दबंगों ने दलित परिवार के कुछ सदस्यों की पिटाई की थी. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने वास्तविक घटना छिपाकर मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है.