Custodial Deaths

गुजरात: पिछले पांच वर्षों में पुलिस हिरासत में सर्वाधिक 80 लोगों की मौत हुई

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संसद में पेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के बाद पिछले पांच साल में महाराष्ट्र में 76, मध्य प्रदेश में 49, उत्तर प्रदेश में 41, तमिलनाडु में 40, बिहार में 38, राजस्थान में 32, पंजाब में 31, पश्चिम बंगाल में 30 और दिल्ली में 29 लोगों की मौत हिरासत में हुई है.

असम: हिमंता बिस्वा शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद पुलिस हिरासत में 66 की मौत, 158 घायल

असम विधानसभा में पूछे गए एआईयूडीएफ विधायक अशरफुल हुसैन के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री शर्मा ने यह जानकारी दी है. बीते 24 फरवरी को राज्य के उदलगुरी ज़िले में एक पुलिस एनकाउंटर में डकैत होने के संदेह में एक व्यक्ति की मौत की सीआईडी जांच ने पुष्टि की कि यह ‘ग़लत पहचान’ का मामला था. मृतक एक किसान थे.

जम्मू कश्मीर: सेना की हिरासत से ‘ग़ायब’ होने के दो महीने बाद मिला कश्मीरी युवक का शव

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के कुनन गांव के रहने वाले 35 वर्षीय अब्दुल राशिद डार को पिछले साल 15 दिसंबर की उनके घर से 41 राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने पुलिस को सूचित किए हिरासत में लिया था. राशिद के परिवार ने हिरासत में उनकी हत्या का आरोप लगाया है, जबकि सेना ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है.

हैदराबाद: पुलिस हिरासत में प्रताड़ना का आरोप लगाने वाले मज़दूर ने अस्पताल में दम तोड़ा

हैदराबाद पुलिस ने चेन स्नेचिंग के एक मामले में मोहम्मद क़ादिर को पकड़ा था. परिवार का दावा है कि इस घटना से क़ादिर का कोई संबंध नहीं था. मौत से पहले अस्पताल से क़ादिर ने एक वीडियो जारी कर पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के आरोप लगाए थे.

बीते पांच वर्षों में पुलिस हिरासत में मौत के सर्वाधिक मामले गुजरात में दर्ज किए गए: केंद्र

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया है कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच गुजरात में पुलिस हिरासत में 80 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद महाराष्ट्र में 76, उत्तर प्रदेश में 41, तमिलनाडु में 40 और बिहार में 38 लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं.

पुलिस हिरासत में मौत के मामलों में पिछले तीन सालों में तेज़ वृद्धि: केंद्र

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया है कि पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों की संख्या में पिछले तीन वर्षों में लगभग 60 फीसदी और पिछले दो वर्षों में 75 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. महाराष्ट्र में ऐसे मामलों में दस गुना की वृद्धि हुई है.

गुजरात में लगातार दूसरे साल हिरासत में मौतों के सर्वाधिक मामले: एनसीआरबी डेटा

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि वर्ष 2021 में गुजरात में कुल 23 लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई, जिनमें से 22 मौतें पुलिस हिरासत या लॉक-अप में तब हुईं जब आरोपी रिमांड पर नहीं थे. इसी अवधि में पूरे देश में इस तरह की 88 मौतें हुईं.

झारखंड में बीते तीन सालों में जेल में 156 मौतें हुईं, पुलिस हिरासत में 10 मौतेंः सरकारी डेटा

झारखंड के गृह विभाग, जेल और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों से यह जानकारी प्राप्त हुई है. इसके मुताबिक़, साल 2018-19 में 167, 2019-20 में 45 और 2020-21 में हिरासत में 54 मौतें हुई हैं. 

हरियाणा: युवक की हिरासत में मौत के आरोप में 12 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

परिजनों का आरोप है कि 24 वर्षीय जुनैद को ग़लत तरीके से बीते 31 मई को फ़रीदाबाद की साइबर पुलिस ने हिरासत में लिया गया था और इस दौरान उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया, जिससे उनकी मौत हो गई. हालांकि पुलिस ने आरोप से इनकार करते हुए कहा है कि जुनैद की मौत किडनी संबंधी दिक्कत की वजह से हुई.

कर्नाटक: हिरासत में मानसिक रूप से विक्षिप्त की कथित पिटाई के बाद मौत, आठ पुलिसकर्मी निलंबित

कर्नाटक के कोगडु ज़िले के विराजपेट क़स्बे का मामला. आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बीते आठ जून को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर मानसिक रूप से विक्षिप्त रॉय डी’सूजा को हिरासत में लिया था. इस दौरान उनके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई. इलाज के दौरान 12 जून को उनकी मौत हो गई. मृतक के भाई की शिकायत पर पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.

यूपीः दलित युवक की कथित तौर पर हिरासत में मौत, तीन पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर​ ज़िले का मामला. एक नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोपी दलित युवक की मां की शिकायत के आधार पर तीनों पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज करने के साथ उन्हें निलंबित कर दिया गया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि तीनों पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे को मारने की मंशा से उसका गला घोंटा और डंडे से बेरहमी से उसकी पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.

गुजरात: पिछले दो सालों में राज्य में पुलिस हिरासत में 157 लोगों की मौत

गुजरात सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विधानसभा को बताया कि 2019 में पुलिस हिरासत में 70 मौतें हुईं, जबकि 2020 में 87 लोगों की जान गई थी.

उत्तर प्रदेश: पुलिस हिरासत में युवक की मौत, थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मी निलंबित

उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले के बक्शा थाने का मामला. लूट के एक मामले में अपराध शाखा का दल मृतक युवक समेत चार-पांच लोगों को पूछताछ के लिए बक्शा थाने लाया था. परिवारवालों ने पिटाई द्वारा युवक की हत्या करने का आरोप पुलिस पर लगाया है.

गुजरातः कथित ‘अवैध’ हिरासत में रखे गए दूसरे शख़्स की भी पुलिस की पिटाई से मौत

कच्छ ज़िले के मुंद्रा थाने का मामला. 12 जनवरी को चोरी के संदेह में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिनमें से एक की मौत 19 जनवरी को हो गई थी. तब भी आरोप लगा था कि पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद उनकी जान गई.

गुजरातः हिरासत में मौत के मामले में तीन पुलिसकर्मी निलंबित, हत्या का मामला दर्ज

गुजरात के कच्छ ज़िले के मुंद्रा पुलिस स्टेशन का मामला. चोरी के संदेह में गिरफ़्तार किए गए एक मज़दूर की 19 जनवरी को मौत हो गई थी. आरोप है कि हिरासत में बेरहमी से उनकी पिटाई की गई थी. मामले में मुंद्रा पुलिस इंस्पेक्टर को भी लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित किया गया है.