पाशविकता के कई हज़ार वर्ष

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: वर्ण भेद की सामाजिक व्यवस्था का इतनी सदियों से चला आना इस बात का सबूत है कि उसमें धर्म निस्संदेह और निस्संकोच लिप्त रहा है.

तेलंगाना: चोरी के संदेह में दलित व्यक्ति को उल्टा लटकाकर पीटा गया, चार गिरफ़्तार

तेलंगाना के मांचेरियल ज़िले का मामला. एक बकरी और लोहे की पाइप चुराने के संदेह में एक व्यक्ति और उसके परिवार ने एक दलित शख़्स को कथित रूप से उल्टा लटकाकर लाठी-डंडों से पीटा और फर्श पर आग जला दी थी.

महाराष्ट्र: चोरी के संदेह में चार दलित युवकों को पेड़ से उल्टा लटकाकर पीटा गया

महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले का मामला. श्रीरामपुर तालुका के हरेगांव गांव में एक बकरी और कुछ कबूतर चुराने के संदेह में छह लोगों ने चार दलित युवकों को कथित तौर पर एक पेड़ से उल्टा लटकाकर लाठियों से पीटा था. वहीं, राज्य के जालना ज़िले में हुई एक अन्य घटना में वाहन चोरी के संदेह में दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर देने का मामला सामने आया है.

मध्य प्रदेश: बहन के यौन उत्पीड़न की शिकायत वापस न लेने पर दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या

मध्य प्रदेश के सागर ज़िले का मामला. पुलिस के अनुसार, लड़की के यौन उत्पीड़न की शिकायत 2019 में दर्ज कराई गई थी. इसे वापस लेने के लिए मुख्य आरोपी उसके भाई और परिवार पर लगातार दबाव बना रहा था. बीते 24 अगस्त को इसी बात पर लड़की के भाई और आरोपी के बीच विवाद हो गया और भाई की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. मां को भी निर्वस्त्र करने का आरोप है.

भीम आर्मी का भविष्य क्या है

चंद्रशेखर आज़ाद द्वारा स्थापित भीम आर्मी लगातार दलितों से जुड़े मुद्दों को उठाने का दावा करती रही है, लेकिन क्या बहुजन समाज को इस पर भरोसा है?

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत ने देश के राजनीतिक विमर्श को बदल दिया है

कांग्रेस की सामाजिक न्याय की राजनीति ने भाजपा की ब्राह्मणवादी हिंदुत्व की राजनीति पर ब्रेक लगा दिया है. ज़ाहिर तौर पर इसका दूरगामी असर होगा.

हिंदुत्व या हिंदू धर्म के स्थान पर सनातन शब्द के प्रयोग के मायने क्या हैं?

बीते कुछ समय से भाजपा, आरएसएस तथा उनके द्वारा पोषित-समर्थित अन्य संगठन सनातन शब्द के प्रयोग पर ज़ोर देते नज़र आ रहे हैं. क्या वे हिंदुत्व शब्द से पीछा छुड़ाना चाहते हैं? सांप्रदायिक और दमनकारी हिंदुत्व की राजनीति के कारण भाजपा और संघ की बदरंग हुई छवि क्या सनातन शब्द से उजली हो जाएगी?

अमेरिकी आयोग ने चौथी बार भारत को ‘विशेष चिंता वाले’ देशों की सूची में रखने की सिफ़ारिश की

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति बिगड़ती रही. राज्य और स्थानीय स्तर पर धार्मिक रूप से भेदभावपूर्ण नीतियों को बढ़ावा दिया गया.

यूपी: पंचायत चुनाव में जाट प्रत्याशी का विरोध करना पड़ा भारी, दलित परिवार को न्याय का इंतजार

संभल ज़िले के एक गांव में जाटव परिवार का ग्राम पंचायत चुनाव में उनकी पसंद के उम्मीदवार को वोट देना एक जाट प्रत्याशी को रास नहीं आया और चुनाव जीतने के बाद उसने इस परिवार को निशाना बनाया. इस बीच जाटव परिवार की एक महिला पर एसिड अटैक हुआ और पीड़ित परिवार को गांव छोड़ना पड़ा.

सांसद निधि योजना में हुए नए बदलाव इसे अधिक केंद्रीकृत और कम समावेशी बनाएंगे

सांसदों को मिलने वाली स्थानीय विकास निधि योजना में हुए हाल के बदलावों में उन्हीं को नज़रअंदाज़ किया गया है जिनके लिए यह मुख्य रूप से बनाई गई है- हाशिये पर पड़े ग़रीब वर्ग. साथ ही योजना के कामकाज को केंद्रीकृत करने का प्रयास भी किया गया है.

अमेरिका में भेदभाव विरोधी क़ानून में जाति को जोड़ने पर सिर्फ़ हिंदू ख़फ़ा क्यों हैं?

भले ही शास्त्रीय मान्यता न हो, व्यवहार में जातिगत भेद भारत के हर धार्मिक समुदाय की सच्चाई है. अमेरिका जाने वाले सिर्फ़ हिंदू नहीं, अन्य धर्मों के लोग भी हैं. अमेरिका के सिएटल में लागू जातिगत भेदभाव संबंधी क़ानून सब पर लागू होगा, सिर्फ़ हिंदुओं पर नहीं. फिर हिंदू ही क्यों क्षुब्ध हैं?

मध्य प्रदेश: शिवरात्रि पर दो मंदिरों में दलितों को प्रवेश से रोकने पर विवाद, 100 लोगों पर केस दर्ज

मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले के दो मंदिरों का मामला. सनावद थाने के तहत आने वाले छापरा गांव स्थित मंदिर में प्रवेश को लेकर दो पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव कर दिया था, जिसमें लगभग 19 लोग घायल हैं. वहीं, छोटी कसरावद स्थित एक अन्य मंदिर में प्रवेश को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी. यहां हिंसा की सूचना नहीं है.

प्रोफेसर तुलसीराम: अपने समय के कबीर

पुण्यतिथि विशेष: प्रोफेसर तुलसीराम जाति व्यवस्था को परमाणु बम से भी ज़्यादा घातक मानते और कहते थे कि आप किसी शहर पर परमाणु बम गिरा दें तो वह उसकी एक-दो पीढ़ियों को ही नष्ट कर पाएगा. पर हमारे समाज पर थोपी गई जाति व्यवस्था पीढ़ी दर पीढ़ी संभावनाओं का संहार करती आ रही है.

क्या आरएसएस किसी दलित स्वयंसेवक को सरसंघचालक बनाएगा?

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बीते दिनों कहा था कि ईश्वर की दृष्टि में हर कोई समान है और उसके सामने कोई जाति या संप्रदाय नहीं है. यह सब पंडितों ने बनाया, जो ग़लत है.

1 2 3 4 7