दिल्ली के जहांगीरपुरी में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गया था. पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 30 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, जिनमें से तीन नाबालिग हैं.
वीडियो: बीते कुछ हफ्तों में पूरे भारत में विशेष रूप से मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में सांप्रदायिक हिंसा के बाद दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में ही ऐसी ही घटना हुई. इन घटनाओं पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.
वीडियो: सांप्रदायिक हिंसा के बाद बीते 20 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया है. क्या उत्तर दिल्ली नगर निगम ने यहां के लोगों को तोड़फोड़ से पहले कोई नोटिस दिया था और वे क़ानूनी रूप से रह रहे थे या यह अतिक्रमण था? इन मुद्दों पर द वायर के याक़ूत अली की रिपोर्ट.
दिल्ली विधानसभा में फिल्म कश्मीर फाइल्स पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के ख़िलाफ़ 30 मार्च को भाजयुमो ने अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. इस दौरान कुछ सदस्यों ने बैरिकेड और मेनगेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की थी. अदालत ने घटना को ‘बहुत परेशान करने वाली स्थिति’ क़रार देते हुए पुलिस कमिश्नर को जांच करने के लिए कहा है.
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद इलाके में तनाव के माहौल के चलते कर्फ्यू लगा दिया गया था. स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इस तिरंगा यात्रा से इलाके में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी.
वीडियो: उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर निकले जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी. इसके अगले दिन शाम तक पुलिस ने 22 लोगों को हिंसा के लिए गिरफ़्तार किया था और ये सभी मुसलमान हैं.
ईडी ने जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी बनाए गए मोहम्मद अंसार समेत विभिन्न संदिग्धों के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि अंसार के कई बैंक खातों में रुपये हैं और उसके पास कई संपत्तियां भी हैं, जिन्हें कथित तौर पर जुए की रकम से ख़रीदा गया है.
उमर ख़ालिद ने फरवरी 2020 में महाराष्ट्र के अमरावती में दिए गए भाषण में मोदी सरकार की आलोचना की थी, सीएए विरोधी आंदोलन का उल्लेख किया था और नफ़रत को प्यार से जीतने की बात कही थी.
बीते चार-पांच दिनों में जहांगीरपुरी में जो कुछ भी घटित हुआ, उसने इस देश की निकृष्टतम और श्रेष्ठतम, दोनों तस्वीरों को साफ़ कर दिया है. इस छोटी-सी अवधि में ही हम जान गए हैं कि भारत को पूरी तरह से तबाह कैसे किया जा सकता है. साथ ही यह भी कि अगर उसे बचाना है तो क्या करना होगा.
दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को एक हलफ़नामे के ज़रिये सूचित किया था कि पिछले साल 19 दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी में हिंदू युवा वाहिनी द्वारा आयोजित ‘धर्म संसद’ में किसी समुदाय के ख़िलाफ़ कोई भी नफ़रत भरा भाषण नहीं दिया गया था. अदालत ने इससे अप्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए पुलिस को ‘बेहतर हलफ़नामा’ दाख़िल करने का निर्देश दिया है.
पुलिस ने कहा कि घटना तब हुई जब हमलावरों ने भाजपा कार्यकर्ता जीतू चौधरी को उपके घर के बाहर कुछ बातचीत करने के बहाने बुलाया था. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में केस दर्ज कर लिया गया है.
बीते 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद वहां भाजपा शासित नगर निगम द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ये गरीबों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने का सरकार प्रायोजित क़दम है. माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने कहा कि क़ानून के साथ-साथ संविधान को भी अवैध तरीके से ध्वस्त किया गया है. आम आदमी पार्टी ने कहा कि जिस दिन अमित शाह के घर
दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत आरोपियों के कथित अवैध निर्माणों को तोड़ा जा रहा था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं रोकी गई. बाद में, जब याचिकाकर्ता के वकील ने वापस शीर्ष अदालत पहुंचे, तब तोड़-फोड़ की कार्रवाई रुकी.
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस द्वारा जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य साज़िशकर्ता बताए गए मोहम्मद अंसार का जुड़ाव भाजपा से है. उन्होंने कुछ पुरानी तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें अंसार को जहांगीरपुरी में भाजपा की एमसीडी उम्मीदवार के लिए प्रचार करते देखा जा सकता है.
विश्व हिंदू परिषद की ओर से यह बयान तब आया जब सोमवार को जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस ने शोभायात्रा के आयोजकों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था. इस प्राथमिकी में परिषद और बजरंग दल का नाम भी शामिल था, जिसे बाद में हटा दिया गया.