कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2022 के पहले 10 महीनों में 1,83,741 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी, यानी हर दिन 604 लोग देश छोड़कर गए. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि ‘अच्छे दिन’ भारत में क्यों नहीं आए, रोज़ उच्च आय श्रेणी वाले भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?
नोटबंदी पर अपने अल्पमत के फैसले में जस्टिस बीवी नागरत्ना ने मोदी सरकार के इस क़दम पर कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अधिसूचना की बजाय इसके लिए संसद में चर्चा होनी चाहिए थी. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसे लेकर आरबीआई ने स्वतंत्र रूप से सोच-विचार नहीं किया और पूरी कवायद 24 घंटे में कर दी गई.
केंद्र सरकार ने 2016 में 1,000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इस फैसले का एक प्रमुख उद्देश्य जाली नोटों की समस्या को ख़त्म करना था. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2016 से 2021 के बीच 245.33 करोड़ के मूल्य के जाली नोट जब्त किए हैं. सबसे अधिक 92.17 करोड़ रुपये के जाली नोट 2020 में जब्त किए गए थे.
2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के पीछे उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना, जाली नोटों पर लगाम लगाना और काले धन को रोकना था. हालांकि, आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि नोटबंदी से पहले चलन में मुद्रा या नोट 17.74 लाख करोड़ रुपये थे, जो 23 दिसंबर 2022 को बढ़कर 32.42 लाख करोड़ रुपये हो गए.
एक मीडिया रिपोर्ट ने नोटबंदी की निर्णय संबंधी प्रक्रिया का हिस्सा रहे एक उच्चस्तरीय सूत्र के हवाले से दावा किया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में इस मुद्दे पर उचित चर्चा नहीं हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार मोदी सरकार द्वारा 2016 में लिए गए नोटबंदी के निर्णय के ख़िलाफ़ दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस फैसले को 4:1 के बहुमत से वैध क़रार दिया था.
मोदी सरकार के 2016 में नोटबंदी के निर्णय के ख़िलाफ़ कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इसे वैध ठहराते हुए कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य कालाबाज़ारी, टेरर फंडिंग आदि को ख़त्म करना था, यह प्रासंगिक नहीं है कि इन उद्देश्यों को पाया गया या नहीं.
पिछले महीने केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दाख़िल करते हुए कहा था कि नोटबंदी करने का फैसला आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की विशेष सिफ़ारिश पर लिया गया था. हालांकि आरटीआई के माध्यम से सामने आए निष्कर्ष केंद्र सरकार द्वारा शीर्ष अदालत में प्रस्तुत किए गए इस हलफ़नामे के विपरीत हैं.
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 'कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था और डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम की ओर बढ़ना' सरकार की नीति है.
नकली नोट, काला धन और आतंकवाद को नियंत्रित करने की बात कहते हुए मोदी सरकार ने 2016 में नोटबंदी की घोषणा की थी और 2,000 रुपये के नोट जारी किए थे. अब भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में कहा है कि बड़े पैमाने पर लोगों ने इस नोट की जमाखोरी कर रखी है. केवल अवैध व्यापार में इनका इस्तेमाल हो रहा है.
मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय के ख़िलाफ़ कई याचिकाएं सुन रहे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत सरकार के फैसले के गुण-दोष पर नहीं जाएगी, लेकिन वह हमेशा निर्णय लेने के तरीके पर गौर कर सकती है. सिर्फ इसलिए कि यह एक आर्थिक नीति है, इसका मतलब यह नहीं होगा कि अदालत चुपचाप बैठ जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इस दौरान हुई बहस में कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अगर आरबीआई ने नोटबंदी पर आपत्ति दर्ज की होती तो क्या सरकार ने उसे दरकिनार कर दिया होता.
मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने पांच सौ रुपये और हजार रुपये के नोट बंद करने फैसले को ‘गंभीर रूप से त्रुटिपूर्ण’ बताते हुए उच्चतम न्यायालय से कहा कि केंद्र सरकार वैध नोट से संबंधित कोई भी प्रस्ताव खुद से नहीं कर सकती है.
मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. इस बारे केंद्र सरकार ने हलफ़नामा पेश करते हुए कहा है कि नोटबंदी के बारे में उसने फरवरी 2016 में आरबीआई के साथ विचार-विमर्श शुरू किया था और उसी के परामर्श पर यह फैसला लिया गया.
मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ से केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल ने हलफ़नामा तैयार न होने की बात कहते हुए कार्रवाई स्थगित करने को कहा था. कोर्ट ने कहा कि संविधान पीठ ऐसे काम नहीं करती और यह बहुत असहज करने वाली स्थिति है.
नोटबंदी के छह साल पूरे होने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री के सूट-बूट वाले मित्रों का काला धन सफेद करने की एक चालाकी भरी स्कीम थी.