मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना को 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण लेकर आए थे. जिसे बाद में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भी आगे बढ़ाया था, जबकि पर्यावरण कार्यकर्ता लगातार इसके विरोध में थे. 2019 में जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई तो उसने इस परियोजना पर रोक लगा दी थी. अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सत्ता संभालने के तुरंत बाद इसे हरी झंडी दे दी है.
पहला मामला वर्ष 2021 का है, जो उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने नेता विपक्ष रहते हुए तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार के नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच साठगांठ के आरोप लगाते हुए कहा था कि पैसों के बदले मलाईदार पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं. वहीं, दूसरा मामला भाजपा नेता गिरीश महाजन व 28 अन्य के ख़िलाफ़ दर्ज है, जो जबरन वसूली और आपराधिक साज़िश रचने से संबंधित है.
उद्धव ठाकरे सरकार ने 2019 में पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना के काम पर रोक लगा दी थी, लेकिन एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस द्वारा 30 जून को क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद मेट्रो कार शेड पर काम फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया था. आरे वन क्षेत्र मुंबई के उपनगर गोरेगांव में एक हरित क्षेत्र है. इस शहर का
हाथों में तख़्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की नई सरकार के उस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की, जिसमें मेट्रो-3 कार शेड परियोजना को दोबारा मुंबई के आरे वन क्षेत्र में स्थानांतरित करने का फैसला किया गया है. शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में 600 से अधिक मुंबईकरों ने भाग लिया.
मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो-3 कारशेड परियोजना को 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण लेकर आए थे. जिसे बाद में आई देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भी आगे बढ़ाया था, जबकि पर्यावरण कार्यकर्ता लगातार इसके विरोध में थे. 2019 में जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई तो उसने इस परियोजना पर रोक लगा दी, लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार ने फिर से आरे वन क्षेत्र में मेट्रो परियोजना को आगे
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के गिरने के बाद महाराष्ट्र में सत्ता में वापस आने का जश्न मनाने के उद्देश्य से दक्षिण मुंबई में स्थित भाजपा कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. देवेंद्र फडणवीस के इसमें शामिल नहीं थे. उन्होंने बीते 30 जून को घोषणा की थी कि वह एकनाथ शिंदे नीत सरकार का हिस्सा नहीं होंगे, परंतु बाद में उन्होंने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी.
भाजपा के इस दौर में हर काम मोदी के नाम पर होता है. राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने रूटीन फ़ैसले के पीछे माननीय प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व को श्रेय देते हैं. महाराष्ट्र के केस में भाजपा कहना क्या चाहती है. वो पहले तय कर ले कि उपमुख्यमंत्री के पद को सम्मान बताकर देवेंद्र फडणवीस का अपमान करना है या जेपी नड्डा का? क्या यह नड्डा को मज़ाक़ का पात्र बनाना नहीं है कि वे कम से कम उपमुख्यमंत्री बनाने का
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के बाग़ी एकनाथ शिंदे ने गुरुवार दिन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी, जिसके बाद स्वयं फडणवीस ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान किया था.
भाजपा की फूहड़, हिंसक, बेहिस विभाजनकारी शासन नीति से अलग सभ्य, शालीन, ज़िम्मेदार शासन नीति और आचरण के लिए उद्धव ठाकरे की सरकार को याद किया जाएगा. कम से कम इस प्रयास के लिए कि एक अतीत के बावजूद सभ्यता का प्रयास किया जा सकता है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी पदाधिकारियों से बातचीत में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास खाली किया है, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प बरकरार है. उधर, पार्टी के बाग़ी विधायक एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को दिए बयान से पटलते हुए कहा कि कोई भी राष्ट्रीय दल उनके संपर्क में नहीं है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का देश के दो राज्यों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है. एक पश्चिम बंगाल है और दूसरा महाराष्ट्र है. यह स्पष्ट है कि जो देश पर शासन कर रहे हैं, वे इन दो राज्यों में किसी भी क़ीमत पर सत्ता चाहते हैं.
लातूर से भाजपा सांसद सुधाकर श्रंगारे ने आरोप लगाया है कि उन्हें सरकारी एजेंसियों द्वारा स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में जानबूझकर नहीं बुलाया जाता है क्योंकि वह दलित हैं. श्रंगारे ने यह आरोप उस समय लगाया जब औरंगाबाद में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में एक उद्यान में बाबासाहेब आंबेडकर की 72 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया.
प्रवर्तन निदेशालय ने नागपुर के वकील सतीश उके और उनके भाई प्रदीप को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ़्तार किया. उके 2014 के चुनावी हलफनामे में अपने ख़िलाफ़ दो आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने के लिए भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही की मांग की थी.
जुलाई 2021 में महाराष्ट्र विधानसभा के पीठासीन अधिकारी के साथ कथित दुर्व्यवहार करने पर भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था, जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने उनके पक्ष में फ़ैसला देते हुए कहा कि विधानसभा सत्र से परे विधायकों को निलंबित नहीं किया जा सकता.
महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित मराठी साहित्य सम्मेलन में दैनिक लोकसत्ता के संपादक गिरीश कुबेर पर स्याही फेंकी गई. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में संभाजी ब्रिगेड के दो कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है. संभाजी ब्रिगेड कुबेर की पुस्तक में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में दिए गए कुछ संदर्भों से नाराज़ है.