कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित आदिचुनचनागिरी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज का मामला. छात्रों का आरोप है कि अगले शैक्षणिक सत्र की फीस का अग्रिम भुगतान नहीं करने के कारण कॉलेज प्रबंधन द्वारा उन्हें कई दिनों से एक अलग कमरे में ज़मीन पर बैठाया गया और उनकी कक्षाएं भी नहीं ली गईं.
गुजरात के मेहसाणा ज़िले में हुए एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को नंबर एक देश बना देगी.
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के मद्देनज़र हरियाणा शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों से कहा है कि वे बच्चों के घर पर अध्ययन का अनुकूल माहौल बनाने के लिए ग्राम पंचायतों से संपर्क करें. इस तरह के प्रयास करें कि गांवों में सुबह के समय पढ़ाई का माहौल बने.
असम के शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में बताया कि 1,100 से अधिक स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है और बिजली का कनेक्शन भी तक़रीबन इतने ही स्कूलों में नहीं है. इसके अलावा 2,900 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चलाए जा रहे हैं, जबकि लगभग 4,800 शैक्षणिक संस्थान एक कमरे में संचालित होते हैं.
देश भर के 23 आईआईटी और 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को 5 सितंबर 2021 से 5 सितंबर 2022 के बीच अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रिक्त फैकल्टी पदों को मिशन मोड पर भरने के निर्देश दिए गए थे. इस अवधि में 1,439 रिक्त पदों की पहचान की गई, लेकिन भर्तियां सिर्फ 449 हुईं.
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री की ओर से सभी सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों को भेजे एक पत्र में कहा गया है कि अगली सूचना तक महिलाओं की शिक्षा स्थगित करने के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आगाह किया कि कट्टरपंथी इस्लामी शासन को इसके परिणाम झेलने होंगे.
अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में को लेकर उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से यह प्रदर्शित होता है कि वंचित और आदिवासी बच्चे शिक्षा विभाग द्वारा असहाय छोड़ दिए गए. स्कूल दो साल बंद रहे, लेकिन बच्चों के लिए कुछ नहीं किया गया. इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा केवल मज़ाक बन कर रह गई, क्योंकि सरकारी स्कूलों में 87 प्रतिशत छात्रों की पहुंच स्मार्टफोन तक नहीं थी.
जेएनयू के अंतिम वर्ष के पीएचडी और एमफिल छात्रों को इस महीने के अंत तक शोध प्रबंध जमा करवाने को कहा गया है. छात्रों का कहना है कि कोविड महामारी के चलते बर्बाद हुए समय के एवज में पर्याप्त समय न मिलने के चलते वे इस समयसीमा में थीसिस नहीं दे सकेंगे और उन्हें समय विस्तार दिया जाना चाहिए.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक न्यूज़ रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें दावा किया गया था कि ऐप आधारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ‘बायजूस’ अपने पाठ्यक्रम बेचने के लिए बच्चों और उनके माता-पिता को प्रलोभन देती है और फिर उनका शोषण करती है. आयोग ने उन आरोपों के संबंध में कंपनी के सीईओ बायजू रवींद्रन को तलब किया है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया है कि देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम में 11,000 से अधिक फैकल्टी पद ख़ाली हैं. सरकार ने लोकसभा को यह भी बताया कि एक नवंबर तक देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में 12,723 शिक्षक पद और 1,422 ग़ैर-शिक्षक पद रिक्त पड़े थे.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बताया कि अल्पसंख्यक समुदायों के रिसर्च स्कॉलर्स को मिलने वाली मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप को इस शैक्षणिक वर्ष से बंद किया जा रहा है. यह फेलोशिप सच्चर समिति की सिफ़ारिशों को लागू करने के लिए यूपीए शासनकाल में शुरू की गई थी.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि क़ानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई जा रही इस किताब में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बल मिलता है. एफ़आईआर किताब की लेखक डॉ. फ़रहत ख़ान, प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान और संस्थान के प्रोफेसर मिर्ज़ा मोजिज बेग के ख़िलाफ़ दर्ज की गई है.
मामला इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय का है. एबीवीपी ने हंगामा करते हुए दावा किया था कि महाविद्यालय में कुछ शिक्षक विद्यार्थियों के बीच कट्टरता, लव जिहाद और देश के संबंध में नकारात्मक बातों को बढ़ावा दे रहे हैं. इसके बाद कॉलेज द्वारा अस्थायी तौर पर हटाए गए छह अध्यापकों में से चार मुस्लिम हैं.
यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई+) की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, मेघालय, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा में 80 से 85 प्रतिशत स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है.
केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार क़ानून का हवाला देते हुए एक नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वह इस क़ानून के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान कर रही है, इसलिए स्कॉलरशिप दिए जाने की ज़रूरत नहीं है.