कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: आज जब कुछ शक्तियां गांधी को लांछित करने के सुनियोजित अभियान में लगी हैं, तब ‘ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित साहित्य में गांधी’ शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक याद दिलाती है कि गांधी कैसे अपने समय के लोकमानस में पैठे हुए थे.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने भारत सरकार को इस संबंध में एक पत्र लिखा है. इसके अलावा संगठन ने संसद भवन की ओर जाने वाली एक सड़क का नाम भी सावरकर के पर करने की मांग की है.
बीते दिनों संस्कृति मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर देश में कोई संग्रहालय नहीं है. इस पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र चंद्र कुमार बोस ने कहा कि क्या ब्रिटिश सरकार से दया की गुहार लगाने वाला शख़्स किसी सम्मान या संग्रहालय का हक़दार है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पी. साईनाथ की नई किताब 'द लास्ट हीरोज़: फुट सोल्जर्स ऑफ इंडियन फ्रीडम' पढ़कर एहसास होता है कि हम अपने स्वतंत्रता संग्राम में साधारण लोगों की हिस्सेदारी के बारे में कितना कम जानते हैं. यह वृत्तांत हमें भारतीय साधारण की आभा से भी दीप्त करता है.
मलप्पुरम ज़िले के एक सरकारी स्कूल में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में एक छात्र द्वारा कथित तौर पर वीडी सावरकर की वेशभूषा में भाग लेने पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकाला और बच्चे को सावरकर की वेशभूषा में तैयार करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज़ादी के 75 साल पूरा होने के मौके पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए ऐतिहासिक तथ्यों पर कोई भी ग़लतबयानी तथा गांधी-नेहरू-पटेल-आज़ाद जी जैसे महान राष्ट्रीय नेताओं को असत्यता के आधार पर कठघरे में खड़ा करने के हर प्रयास का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पुरज़ोर विरोध करेगी.
कर्नाटक सरकार द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को शामिल नहीं किया गया है. कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कहा कि जेल से रिहा करने के लिए अंग्रेज़ों से गुहार लगाने वाले सावरकर को विज्ञापन में अग्रिम स्थान मिलता है, लेकिन हाशिये की आवाज़ बन आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले आंबेडकर को आख़िरी पंक्ति में रखा जाता है. कर्नाटक भाजपा द्वारा अस्पृश्यता का प्रदर्शन, दुख की बात है.
आज़ादी के 75 साल: देश की आज़ादी के 75 साल बाद भी आदिवासी समुदाय अपने जल, जंगल, ज़मीन, भाषा-संस्कृति, पहचान पर हो रहे अतिक्रमणों के ख़िलाफ़ लगातार संघर्षरत है.
गांधी स्मृति और दर्शन समिति की हिंदी में प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका 'अंतिम जन' के हिंदुत्व नेता वीडी सावरकर पर निकाले गए विशेषांक की गांधीवादियों ने आलोचना की है. महात्मा गांधी के परपौत्र तुषार गांधी का कहना है कि यह गांधीवादी विचारधारा को भ्रष्ट करने की सुनियोजित रणनीति है.
‘स्कूल की पाठ्यपुस्तकों की सामग्री और डिज़ाइन में सुधार’ विषय पर स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कई ऐतिहासिक शख़्सियतों और स्वतंत्रता सेनानियों को अपराधियों के रूप में ग़लत तरीके से चित्रित किया गया है, इसे ठीक किया जाना चाहिए और उन्हें हमारी इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में उचित सम्मान दिया जाना चाहिए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को भगत सिंह की जयंती के मौक़े पर आयोजित कार्यक्रम में देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत की. नर्सरी से कक्षा बारहवीं तक के इस पाठ्यक्रम में अलग-अलग उम्र के विद्यार्थियों के लिए तीन श्रेणियों में हैंडबुक दी गई हैं, जिनमें स्वतंत्रता सेनानियों की सौ कहानियां शामिल हैं.
भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि 1921 का मालाबार विद्रोह हिंदू समाज के ख़िलाफ़ था और केवल असहिष्णुता के चलते किया गया था.
19 दिसंबर 1927 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अशफ़ाक़उल्ला ख़ां को फ़ैज़ाबाद जेल में फांसी दी गई थी. अयोध्या में उनके शहादत स्थल पर हर साल आयोजित होने वाले सभी श्रद्धांजलि कार्यक्रमों व समारोहों पर नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर प्रदर्शन की आशंका के चलते रोक लगा दी गई है.