इज़रायल और हिजबुल्लाह ने लेबनान में जारी संघर्ष रोकने के लिए युद्धविराम समझौते पर दस्तख़त किए

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस समझौते की घोषणा की है, जिसके तहत इज़रायल को अगले 60 दिनों के भीतर लेबनान से सेना वापस बुलाने के लिए कहा गया है.

क्या साहित्य सियासत से पंजे लड़ा सकता है?

नासिरा शर्मा ने कई फ़िलिस्तीनी रचनाकारों का अनुवाद किया है. उनकी हालिया किताब, फ़िलिस्तीन: एक नया कर्बला, में उनके अनुवादों के साथ इस विषय पर राजनीतिक निबंध भी शामिल हैं. वे इस लेख में अनुवाद प्रक्रिया से जुड़े अपने अनुभव साझा कर रही हैं. उनके अनुसार ये रचनाएं समय की छाती पर लिखी इबारतें हैं जो हथियारों के सामने तनकर खड़ी हैं.

अपने ही देश से खदेड़े जा रहे फ़िलिस्तीनी

पुस्तक अंश: 'फ़िलिस्तीन के लोगों के व्यवहार से लगता है कि उन्हें लोगों से मुहब्बत करना आता है. मैंने देखा कि कितनी छोटी-छोटी चीज़ों का वे ध्यान रखते थे. पूरे मिडिल-ईस्ट में बहुत मुहब्बत है, और बेपनाह मुहब्बत है हिंदुस्तान के लिए.'

मुंबई: एनएफडीसी ने व्यापक विरोध के बाद इज़रायल फिल्म महोत्सव रद्द किया

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, रत्ना पाठक शाह, निर्देशक आनंद पटवर्धन और अन्य लोगों के समूह ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर एनएफडीसी से आग्रह किया था कि गाजा में इज़रायल द्वारा किए जा रहे नरसंहार को ध्यान में रखते हुए फिल्म महोत्सव को रद्द कर दिया जाए.

फ़िलिस्तीन के प्रधानमंत्री ने भारत से गाज़ा पर ‘दृढ़ रुख़’ अपनाने को कहा

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके तीसरे कार्यकाल के लिए भेजे गए बधाई संदेश में फ़िलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफ़ा ने लिखा है कि एक वैश्विक नेता और मानवाधिकारों तथा शांति को महत्व देने वाले राष्ट्र के रूप में भारत, गाज़ा में हो रहे नरसंहार को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

इज़रायल का जन्म: सहमति का मिथ और असहमति का इतिहास

फ़िलिस्तीन का उपनिवेशीकरण विभाजित पश्चिमी समाज के लिए एकता क़ायम करने का ज़रिया बन जाता है. यहूदी समस्या पश्चिम को दिखाई देती है, वहीं फ़िलिस्तीन को वह नज़रअंदाज़ करता है. एडवर्ड सईद ने इसे ‘दोहरा विज़न’ कहा है.

अमेरिका: फिलिस्तीन में नरसंहार के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों और शिक्षकों का दमन जारी

अमेरिका के न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन के समर्थन में हो रहे विद्यार्थियों के प्रदर्शन में कुछ फैकल्टी सदस्य भी शामिल थे, जो प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के लिए वहां मौजूद थे. न्यूयॉर्क पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लिया गया था. उनमें से एक प्रोफेसर डेविड लडन ने अपना अनुभव साझा किया है.

मुक्तिबोध का हिंदी के केंद्रों से दूर रहकर भी साहित्य, विचार के केंद्र में रहना विस्मयकारी है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: मुक्तिबोध साहित्य और जीवन संबंधी अपने विचार और स्थापनाएं रोज़मर्रा की ज़िंदगी में रसे-बसे रहकर ही व्यक्त और विकसित करते थे. ऐसे रोज़मर्रा के जीवन के कितने ही चित्र, प्रसंग और छवियां उनकी कविताओं और विचारों में गहरे अंकित हैं. 

मदद सामग्री लेने पहुंची भीड़ पर इज़रायली सेना ने गोलियां बरसाईं, 100 से अधिक की मौत

गाजा शहर में गुरुवार को सहायता दल से खाना लेने की कोशिश कर रहे फिलिस्तिनियों की बड़ी भीड़ पर गोलियां बरसाने की बात इज़रायली अधिकारियों ने भी स्वीकारी है. वहीं, फिलीस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे नरसंहार ठहराते हुए कहा कि कम से कम 104 लोगों की मौत हुई और लगभग 760 लोग घायल हुए हैं.

इज़रायल के लिए हथियार ले जाने वाले जहाजों के लिए काम नहीं करेंगे: जल परिवहन श्रमिक संघ

प्रमुख भारतीय बंदरगाहों पर लगभग 3,500 श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले वॉटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि उसने इज़रायल या किसी अन्य देश से हथियारबंद कार्गो को लोड या अनलोड करने से इनकार करने का फैसला किया है, जो फिलिस्तीन के साथ युद्ध का हिस्सा हो सकते हैं.

अडानी समूह की हिस्सेदारी वाले उपक्रम के इज़रायल को निर्यात ड्रोन का इस्तेमाल गाज़ा नरसंहार में हुआ

इज़रायली रक्षा बलों द्वारा गाज़ा के घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में हमलों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे ड्रोन हर्मेस 900 की आपूर्ति में एक भारतीय समूह की भूमिका मोदी सरकार की तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाली आधिकारिक स्थिति के विपरीत प्रतीत होती है.

यूएन विशेषज्ञों ने गाज़ा नरसंहार की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अदालत में शुरू होने का स्वागत किया

इज़रायल द्वारा गाज़ा में जारी नरसंहार के मामले को लेकर दक्षिण अफ्रीका ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया है, जिसका स्वागत करते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि हम इस मामले को आईसीजे में लाने के लिए दक्षिण अफ्रीका की सराहना करते हैं, जब गाज़ा में फिलिस्तीनियों के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है.

इस भयावह समय में फ़िलिस्तीनी कविता सारी मनुष्यता का शायद सबसे मार्मिक और प्रश्नवाचक रूपक है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: फ़िलिस्तीनी कविता में गवाही, हिस्सेदारी और ज़िम्मेदारी एक साथ है. यह कविता मातृभूमि को भूगोल भर में नहीं, कविता में बचाने की कोशिश और संघर्ष है. दुखद अर्थ में यह कविता मानो फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि ही होती जा रही है- वह ज़मीन जिस पर कब्ज़ा नहीं किया जा सकेगा.

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने देश में नए साल के जश्न पर रोक लगाई

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकड़ ने कहा कि फिलिस्तीन की गंभीर चिंताजनक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और वहां के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सरकार द्वारा नए साल के जश्न के किसी भी तरह के आयोजन पर सख़्त पाबंदी लगाई जाती है.

भारत-पाकिस्तान ने बातचीत से समाधान नहीं निकाला तो कश्मीर भी गाज़ा बन जाएगा: फ़ारुक़ अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने भारत-पाक के बीच कश्मीर मुद्दे का समाधान बातचीत से करने की पैरवी करते हुए कहा कि आगामी चुनाव में नवाज़ शरीफ के पाकिस्तान का पीएम बनने की संभावना है. उन्होंने बार-बार कहा है कि वे बातचीत को तैयार हैं. क्या वजह है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं.

1 2 3 4