क्या श्रमिकों का फैक्ट्रियों से खेतों में बड़ी संख्या में पलायन ‘विकास’ की गाड़ी का उल्टी दिशा में जाना है

सतत आर्थिक विकास के किसी भी दौर के साथ-साथ ग़रीबी में कमी आती है और श्रमबल कृषि से उद्योगों और सेवा क्षेत्रों की तरफ गतिशील होता है. हालिया आंकड़े दिखाते हैं कि देश में एक साल में क़रीब 1.3 करोड़ श्रमिक ऐसे क्षेत्रों से निकलकर खेती से जुड़े हैं. वैश्विक महामारी एक कारण हो सकता है, लेकिन मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों ने इसकी ज़मीन पहले ही तैयार कर दी थी.

मांग में वृद्धि की वजह से नहीं केंद्र की ग़लत नीतियों और कुप्रबंधन से बढ़ी महंगाई: पी. चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यापक संकट की ऐसी स्थिति में बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और इसके लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ज़िम्मेदार है. अगर सरकार यह ढोंग करती रही कि महंगाई नहीं है तो यह मुद्दा ज्यों का त्यों बना रहेगा.

परिवार के ऊपर क़र्ज़ 2020-21 में उछलकर जीडीपी का 37.3 प्रतिशत पहुंचा: एसबीआई रिपोर्ट

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी की दूसरी लहर के कारण क़र्ज़ का यह अनुपात चालू वित्त वर्ष में और बढ़ सकता है. परिवारिक क़र्ज़ का स्तर जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से बढ़ रहा है. इससे पहले नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू की गई थी. परिवार पर बढ़ता क़र्ज़ का मतलब है कि उनकी वित्तीय बचत दर, खपत और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ने के कारण कम हुई है.

देश को पीछे धकेल दिया गया है, अर्थव्यवस्था और सामाजिक सद्भाव बर्बाद हो गए हैं: लालू यादव

बीते अप्रैल महीने में चारा घोटाले से संबंधित मामलों में ज़मानत पर रिहा होने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पार्टी की रजत जयंती के अवसर पर तीन साल में ​पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया. केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या के बाद कुछ लोग मथुरा की बात कर रहे हैं. ये लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, लेकिन हम पीछे हटने वाले लोग नहीं हैं.

व्यापार संगठनों द्वारा जीएसटी की समीक्षा को लेकर बुलाए गए भारत बंद का मिला-जुला असर

खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से कहा गया कि एक मार्च से जीएसटी संबंधित मुद्दों को लेकर विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्रियों को लक्ष्य कर एक आक्रामक अभियान शुरू किया जाएगा. ट्रांसपोर्टरों ने भी इस बंद का समर्थन करते हुए पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया.

हत्या और डक़ैती से अधिक गंभीर हैं ह्वाइट कॉलर अपराध: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी फ़र्ज़ी बिल दिखाकर जीएसटी से बचने की धोखाधड़ी करने वाले चार व्यवसायियों की याचिकाएं ख़ारिज करते हुए की. कोर्ट ने यह कहते हुए कि आवेदकों ने अनुचित अंतरिम राहत प्राप्त की, चारों याचिकर्ताओं को जीएसटी विभाग के पास 25-25 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया है.

जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों की तरफ़ से केंद्र 1.10 लाख करोड़ रुपये का क़र्ज़ लेगा: मंत्रालय

केंद्र और कुछ राज्यों के बीच विवाद का विषय बने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में यह अहम क़दम माना जा रहा है. कोविड-19 संकट के चलते अर्थव्यवस्था में नरमी से जीएसटी संग्रह कम रहा है. इससे राज्यों का बजट गड़बड़ाया है. इस कमी को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय ने राज्यों के समक्ष क़र्ज़ लेने के दो विकल्प रखे थे, जिसे कुछ राज्यों ने स्वीकार नहीं किया था.

जीएसटी गतिरोध: अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राज्यों की ओर से केंद्र को क़र्ज़ लेना चाहिए

भारतीय अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए फंड का का इंतज़ाम करना एक राष्ट्रीय समस्या है. ऐसे समय में, ख़ासकर जब देश की अर्थव्यवस्था बाकी कई देशों के मुक़ाबले अधिक ख़राब है, तब केंद्र और राज्यों का क़र्ज़ लेने को लेकर उलझना अनुचित है.

सरकार ने नियमों का उल्लंघन कर जीएसटी क्षतिपूर्ति फंड को अन्य कामों में ख़र्च किया: कैग

कैग रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 और 2018-19 के दौरान वसूले गए कुल जीएसटी उपकर में से 47,272 करोड़ रुपये को जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर निधि में नहीं डाला गया. इस राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए किया जाना चाहिए था.

जीएसटी क्षतिपूर्ति: 21 राज्यों ने 97,000 करोड़ रुपये के उधार के प्रस्ताव का समर्थन किया

ये राज्य मुख्य रूप से भाजपा शासित और उन दलों की सरकार वाले हैं, जो केंद्र की नीतियों का समर्थन करते रहे हैं. चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी संग्रह में 2.35 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का अनुमान है. केंद्र ने क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे. इसके तहत 97,000 करोड़ रुपये रिज़र्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली विशेष सुविधा से या पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपये बाज़ार से उधार लेने का विकल्प

जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर केंद्र के विकल्पों को राज्यों ने ठुकराया, कहा- सरकार ख़ुद उधार ले

पिछले हफ्ते जीएसटी परिषद की बैठक के दो दिन बाद केंद्र सरकार ने 2.3 लाख करोड़ रुपये के मुआवज़े की कमी उधार लेकर पूरा करने के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे. आठ ग़ैर- भाजपा शासित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इस संबंध में पांच मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखा है.

‘एक्ट ऑफ गॉड’ का दावा कर वित्त मंत्री ने कहा, इस वित्त वर्ष अर्थव्यवस्था में हो सकता है संकुचन

जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. उन्होंने इसकी भरपाई के लिए राज्यों को दो विकल्प सुझाए हैं.

आईआईपीएम के निदेशक अरिंदम चौधरी कर चोरी के मामले में गिरफ़्तार

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लानिंग मैनेजमेंट के निदेशक अरिंदम चौधरी और उनके एक अन्य सहयोगी को 14 दिनों की हिरासत में भेजा गया है. उन्हें लगभग 23 करोड़ की रुपये की टैक्स चोरी के मामले में गिरफ़्तार किया गया है.

केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी बकाये का भुगतान करने में सक्षम नहीं है: केंद्रीय वित्त सचिव

राज्यों को किए जाने वाले मुआवज़े के भुगतान के फॉर्मूला पर दोबारा काम करने के लिए जुलाई में जीएसटी परिषद की बैठक होने वाली थी. हालांकि, अब तक यह बैठक नहीं हो सकी है.

केंद्र जीएसटी का बकाया पैसा दे, वरना मैं तनख्वाह नहीं दे पाऊंगाः अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इससे पहले भी राजस्व की कमी से निपटने के लिए केंद्र सरकार से जीएसटी का लगभग 4,000 करोड़ रुपये बकाया जारी करने की मांग की थी.

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