बीते अप्रैल महीने में चारा घोटाले से संबंधित मामलों में ज़मानत पर रिहा होने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पार्टी की रजत जयंती के अवसर पर तीन साल में पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया. केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या के बाद कुछ लोग मथुरा की बात कर रहे हैं. ये लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, लेकिन हम पीछे हटने वाले लोग नहीं हैं.
खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से कहा गया कि एक मार्च से जीएसटी संबंधित मुद्दों को लेकर विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्रियों को लक्ष्य कर एक आक्रामक अभियान शुरू किया जाएगा. ट्रांसपोर्टरों ने भी इस बंद का समर्थन करते हुए पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी फ़र्ज़ी बिल दिखाकर जीएसटी से बचने की धोखाधड़ी करने वाले चार व्यवसायियों की याचिकाएं ख़ारिज करते हुए की. कोर्ट ने यह कहते हुए कि आवेदकों ने अनुचित अंतरिम राहत प्राप्त की, चारों याचिकर्ताओं को जीएसटी विभाग के पास 25-25 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया है.
केंद्र और कुछ राज्यों के बीच विवाद का विषय बने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में यह अहम क़दम माना जा रहा है. कोविड-19 संकट के चलते अर्थव्यवस्था में नरमी से जीएसटी संग्रह कम रहा है. इससे राज्यों का बजट गड़बड़ाया है. इस कमी को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय ने राज्यों के समक्ष क़र्ज़ लेने के दो विकल्प रखे थे, जिसे कुछ राज्यों ने स्वीकार नहीं किया था.
भारतीय अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए फंड का का इंतज़ाम करना एक राष्ट्रीय समस्या है. ऐसे समय में, ख़ासकर जब देश की अर्थव्यवस्था बाकी कई देशों के मुक़ाबले अधिक ख़राब है, तब केंद्र और राज्यों का क़र्ज़ लेने को लेकर उलझना अनुचित है.
कैग रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 और 2018-19 के दौरान वसूले गए कुल जीएसटी उपकर में से 47,272 करोड़ रुपये को जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर निधि में नहीं डाला गया. इस राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए किया जाना चाहिए था.
ये राज्य मुख्य रूप से भाजपा शासित और उन दलों की सरकार वाले हैं, जो केंद्र की नीतियों का समर्थन करते रहे हैं. चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी संग्रह में 2.35 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का अनुमान है. केंद्र ने क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे. इसके तहत 97,000 करोड़ रुपये रिज़र्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली विशेष सुविधा से या पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपये बाज़ार से उधार लेने का विकल्प
पिछले हफ्ते जीएसटी परिषद की बैठक के दो दिन बाद केंद्र सरकार ने 2.3 लाख करोड़ रुपये के मुआवज़े की कमी उधार लेकर पूरा करने के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे. आठ ग़ैर- भाजपा शासित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इस संबंध में पांच मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखा है.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. उन्होंने इसकी भरपाई के लिए राज्यों को दो विकल्प सुझाए हैं.
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लानिंग मैनेजमेंट के निदेशक अरिंदम चौधरी और उनके एक अन्य सहयोगी को 14 दिनों की हिरासत में भेजा गया है. उन्हें लगभग 23 करोड़ की रुपये की टैक्स चोरी के मामले में गिरफ़्तार किया गया है.
राज्यों को किए जाने वाले मुआवज़े के भुगतान के फॉर्मूला पर दोबारा काम करने के लिए जुलाई में जीएसटी परिषद की बैठक होने वाली थी. हालांकि, अब तक यह बैठक नहीं हो सकी है.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इससे पहले भी राजस्व की कमी से निपटने के लिए केंद्र सरकार से जीएसटी का लगभग 4,000 करोड़ रुपये बकाया जारी करने की मांग की थी.
कोरोना वायरस के इलाज में काम आने वाले मास्क, वेंटिलेटर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, सैनिटाइज़र, टेस्ट किट आदि पर जीएसटी न वसूलने की विभिन्न तबकों द्वारा मांग की जा रही है.
वैश्विक बैंकिंग समूह गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत सरकार ने अभी तक आर्थिक संकट को लेकर आक्रामक रवैया नहीं दिखाया है. प्रयासों को तेज करने की जरूरत है.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर एवं अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई चुनौतियों पर कहा कि सरकार राजनीतिक विभाजन की रेखा को लांघ कर विपक्ष से भी मदद ले सकती है, जिसके पास पिछले वैश्विक वित्तीय संकट से देश को निकालने का अनुभव है.