छत्तीसगढ़: हसदेव अरण्य में विरोध प्रदर्शन तेज़, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा

हसदेव अरण्य में अब तक हज़ारों पेड़ों की कटाई और आगे लाखों पेड़ काटे जाने की आशंका को लेकर कई संगठनों ने परसा कोयला खदान को बंद करने की मांग करते हुए सरगुजा ज़िले के हरिहरपुर गांव में विरोध प्रदर्शन किया. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने आरोप लगाया है कि नवनिर्वाचित भाजपा सरकार कॉरपोरेट हित में काम कर रही है.

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने सत्ता में आते ही अडानी समूह के खनन के लिए पेड़ कटाई तेज़ की: एक्टिविस्ट

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि नई सरकार आने के बाद हसदेव अरण्य क्षेत्र में गतिविधियां अचानक तेज़ हो गई हैं. दिसंबर के आख़िरी हफ्ते में भारी पुलिस तैनाती के बीच बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की गई. केंद्र और राज्य सरकार अडानी समूह को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से काम कर रही हैं.

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य की तबाही में मोदी, अडानी, कांग्रेस सब शामिल

वीडियो: छत्तीसगढ़ के जैव-विविधता वाले हसदेव अरण्य में खनन गतिविधियों को लेकर यहां के मूल आदिवासी समुदाय लंबे समय से विरोध करते रहे हैं. हसदेव अरण्य एक घना जंगल है, जो 1,500 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. यह क्षेत्र राज्य के आदिवासी समुदायों का निवास स्थान है. इस जंगल के नीचे अनुमानित रूप से पांच अरब टन कोयला दबा है.

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में खनन परियोजना पर रोक लगाने से अदालत का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के जैव-विविधता वाले हसदेव अरण्य में अडाणी समूह द्वारा संचालित और राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के स्वामित्व वाली कोयला खनन परियोजना पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि हम विकास के रास्ते में नहीं आना चाहते हैं और हम इस मामले में बहुत स्पष्ट हैं.

छत्तीसगढ़: विरोध के बीच हसदेव अरण्य में कोयला खदान के लिए 45 हेक्टेयर में आठ हज़ार पेड़ काटे गए

सरगुजा ज़िले के जैव विविधता संपन्न हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदानों की मंज़ूरी के विरोध के बीच वन विभाग ने 27 सितंबर से परसा पूर्व कांते बासन कोयला खदान परियोजना के दूसरे चरण के लिए पेड़ों की कटाई शुरू की है. क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.

हसदेव अरण्य में सभी कोयला खदान परियोजनाएं रद्द होने तक चलेगा विरोध प्रदर्शन: प्रदर्शनकारी

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान परियोजनाओं को मंजूरी देने के ख़िलाफ़ इस साल मार्च से ही विरोध प्रदर्शन चल रहा है. हालांकि, राज्य सरकार ने इन तीन कोयला खदान परियोजना से संबंधित सारी प्रक्रियाएं रोक दी हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी इस परियोजना को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. 

छत्तीसगढ़: मंत्री के विरोध के बाद कोयला खनन परियोजनाओं का काम अगले आदेश तक रोका गया

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बीते छह जून को स्थानीय लोगों के समर्थन में हसदेव अरण्य क्षेत्र का दौरा किया था और कहा था कि प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ गोली या लाठी चलाई जाएगी, तब वह सबसे पहले इसका सामना करेंगे. ज़िलाधिकारी ने कहा कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित तीन प्रस्तावित कोयला खदान परियोजनाओं पर काम​ फिलहाल रोक दिया गया है. क्षेत्र की जिन खदानों में काम चल रहा है, वे खदानें काम करती रहेंगी.

छत्तीसगढ़: सीएम के हसदेव अरण्य में खनन जारी रखने के निर्णय के बाद मंत्री बोले- पुनर्विचार हो

कोयला खदान परियोजनाओं का विरोध कर रहे ग्रामीणों के समर्थन में सरगुजा पहुंचे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, 'जब हमारे पास 80 साल का कोयला भंडार है और हमने 2030 तक बिजली के लिए कोयले पर निर्भरता पूरी तरह से छोड़ देने का फ़ैसला किया है, तब घने जंगलों और जैव विविधता से भरपूर हसदेव को क्यों नष्ट करें. अगर मेरे वश में होता तो मैं यहां खनन नहीं होने देता.'

हसदेव अरण्य में खनन जारी रखने के फैसले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कायम

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश करने वालों को पहले बिजली और एयर-कंडीशनर, पंखे और कूलर का उपयोग बंद करना चाहिए और फिर इसके लिए लड़ना चाहिए. लोग दावा कर रहे हैं कि 8 लाख पेड़ काटे जाएंगे, जबकि वास्तव में इस साल सिर्फ़ 8,000 पेड़ ही काटे जाएंगे.

छत्तीसगढ़: हसदेव अरण्य में कोयला खनन के लिए पेड़ काटे, ग्रामीणों के विरोध के बाद कार्रवाई रोकी

इस साल मार्च में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस नेतृत्व वाली भूपेश बघेल सरकार ने सरगुजा ज़िले में परसा ईस्ट कांते बेसन दूसरे चरण के कोयला खनन के लिए वन भूमि के गैर-वानिकी उपयोग के लिए अंतिम मंज़ूरी दी थी. छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की ओर से कहा गया है​ कि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हसदेव अरण्य क्षेत्र में खनन से 1,70,000 हेक्टेयर वन नष्ट हो जाएंगे और मानव-हाथी संघर्ष शुरू हो जाएगा.

छत्तीसगढ़: हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई का विरोध, आदिवासियों-कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने परसा कोयला खनन परियोजना के लिए हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई और खनन गतिविधि को अंतिम मंज़ूरी दे दी है, जिसके ख़िलाफ़ आदिवासी और कार्यकर्ता ​‘चिपको आंदोलन’ जैसा प्रदर्शन कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पेड़ों की कटाई और खनन से 700 से अधिक लोगों के विस्थापित होने की संभावना है. इससे आदिवासियों की स्वतंत्रता और आजीविका को ख़तरा है.

छत्तीसगढ़: विरोध के बीच केंद्र ने परसा कोयला खदान में दूसरे चरण के खनन को मंज़ूरी दी

हसदेव अरण्य जंगल के लिए आंदोलन चला रहे समूहों में से एक छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की ओर से कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें अडानी समूह की मदद करने की कोशिश कर रही हैं, जो परसा ब्लॉक के लिए माइन डेवलेपर और ऑपरेटर हैं.आदिवासियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है. हमारी मांग है कि इस मंज़ूरी को रद्द किया जाए.