भारत में लता मंगेशकर को व्यापक रूप से सबसे महान और सबसे सम्मानित पार्श्व गायिकाओं में से एक माना जाता था. भारतीय संगीत उद्योग में उनके योगदान के लिए उन्हें ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’, ‘स्वर कोकिला’ और ‘क्वीन ऑफ मेलोडी’ जैसी उपाधियां भी दी गई थीं.
रमेश देव ने 1962 में आई फिल्म ‘आरती’ में एक खलनायक की भूमिका निभाकर हिंदी सिनेमा में अपनी यात्रा शुरू की थी. इसके बाद उन्होंने अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा और हेमा मालिनी और धर्मेंद्र जैसे सितारों के साथ यादगार भूमिकाएं कीं. उनके नाम कई लोकप्रिय फिल्में दर्ज हैं, जिनमें कल्ट क्लासिक- ‘आनंद’, ‘आप की कसम’, ‘मेरे अपने’ और ‘ड्रीम गर्ल’ जैसी फिल्में भी शामिल हैं.
गए बरस इरफ़ान के जनाज़े में शामिल न होने का मलाल लिए जब साल भर बाद मैं उनकी क़ब्र पर पहुंचा तो ज़िंदगी-मौत, सच और झूठ के अलावा मोहब्बत पर भी बात निकली. और जो निकली तो फिर दूर तलक गई.
12 साल के लंबे अंतराल के बाद फिल्मों में वापसी कर रहे दिग्गज अभिनेता अमोल पालेकर का मानना है कि हिंदी सिनेमा में जाति को एक मुद्दे के रूप में शायद ही कभी उठाया जाता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के विषय परेशान करने वाले होते हैं और परंपरागत रूप से मनोरंजक नहीं होते हैं. निर्माता अपनी सिनेमाई यात्रा के दौरान ऐसी फिल्मों को बनाने से कतराते हैं.
अनुभवी अभिनेत्री सुरेखा सीकरी ने साल 1978 में अपने फिल्मी परदे का सफ़र राजनीतिक ड्रामा फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ से शुरू किया गया था. 1986 में आई गोविंद निहलानी की फिल्म ‘तमस’, 1994 में आई श्याम बेनेगल की फिल्म ‘मम्मो’ और साल 2018 में अमित रवींद्रनाथ शर्मा के निर्दशन में बनी फिल्म ‘बधाई हो’ के लिए उन्हें तीन बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था.
ट्रैजिक हीरो की भूमिकाओं के साथ-साथ ही हल्की-फुल्की कॉमेडी करने की भी क्षमता के लिए मशहूर दिलीप कुमार को उनके प्रशंसकों और साथ काम करने वालों द्वारा भी हिंदी सिनेमा का महानतम अभिनेता माना जाता है.
हिंदी फिल्म जगत में ‘ट्रैजडी किंग’ के नाम से मशहूर दिलीप कुमार 98 वर्ष के थे. अपने पांच दशक लंबे करिअर में उन्होंने ‘मुग़ल-ए-आज़म’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’ तथा ‘राम और श्याम’ जैसी अनेक हिट फिल्में दीं. ‘गंगा जमुना’, ‘मधुमति’, ‘क्रांति’, ‘विधाता’, ‘शक्ति’ और ‘मशाल’ जैसी फिल्मों में बेजोड़ अभिनय के लिए उन्हें जाना जाता है.
श्याम बेनेगल के साथ 94 वर्षीय वनराज भाटिया ने दो दशक से अधिक समय तक काम किया था. बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘मंडी’ के अलावा उनके धारावाहिक ‘यात्रा’ और ‘भारत एक खोज’ के लिए उन्होंने संगीत दिया था. उन्होंने समानांतर सिनेमा में दिए गए अपने संगीत से काफी नाम कमाया था. भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ पश्चिमी शैली का मिश्रण उनकी पहचान रही है.
1971 रिवाइंड: पचास साल बाद भी हृषिकेश मुखर्जी का 'आनंद' भाषा, जाति, मज़हब की हदों के परे जाकर उसी तरह ख़ुशियां लुटा रहा है.
संगीतकार श्रवण राठौड़ के बेटे संजीव ने बताया कि कुंभ से लौटने के बाद उनके पिता ने सांस लेने में तकलीफ़ की शिकायत की थी. जांच के बाद उनके माता-पिता संक्रमित पाए गए थे. संजीव और उनके भाई भी संक्रमित हैं. नदीम-श्रवण की जोड़ी को आशिकी, सड़क, साजन, दीवाना, राजा हिंदुस्तानी, जुदाई, सिर्फ़ तुम जैसी फिल्मों के संगीत के लिए जाना जाता है.
वीडियो: अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर बॉलीवुड का एक जाना माना चेहरा हैं. कांग्रेस के बाद शिवसेना में शामिल होने से लेकर अपनी ज़िंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से उन्होंने साझा किए. बॉलीवुड का कुछ चुने हुए मुद्दों पर ही बोलने के क्या मायने हैं और देश के लोकतंत्र को वो किस तरह देखती हैं? आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की उनसे बातचीत.
90 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए धारावाहिक ‘शांति’ से चर्चा में आए अभिनेता राजेश जैस हाल ही में ‘स्कैम 92’, ‘पाताललोक’ और ‘पंचायत’ जैसी वेब सीरीज़ में नज़र आ चुके हैं. उनसे प्रशांत वर्मा की बातचीत.
वीडियो: स्वयंभू बाबाओं पर आधारित वेब सीरीज़ आश्रम का दूसरा संस्करण ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर पर रिलीज़ हो चुका है. इसके निर्देशक प्रकाश झा से दामिनी यादव की बातचीत.
गीतकार जावेद अख़्तर ने अदालत से शिकायत में कहा है कि कंगना रनौत ने उनके ख़िलाफ़ निराधार टिप्पणयां की हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. उन्होंने अभिनेत्री के ख़िलाफ़ मानहानि संबंधी धाराओं में कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
वीडियो: नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म गुंजन सक्सेना में गुंजन के पिता का रोल निभाने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी से नम्रता जोशी की बातचीत.