हबीब तनवीर के रंगमंच में साधारण की महिमा का रंगसंसार प्रगट होता है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हबीब तनवीर का रंगमंच असाधारण रूप से गाता-नाचता-भागता-दौड़ता रंगमंच था. प्रश्नवाचक और नैतिक होते हुए भी वह आनंददायी था. उनके यहां नाटक लीला है और कई बार वह आधुनिकता की गुरुगंभीरता को मुंह चिढ़ाता भी लगता है.

पशु कल्याण बोर्ड ने 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ के रूप में मनाने की अपील वापस ली

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की ओर से कहा गया था कि ‘काउ हग डे’ मनाने की अपील इसलिए की गई है, क्योंकि पश्चिमी संस्कृति की प्रगति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्त होने के कगार पर हैं. 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है.

ज़िंदगी को सकारात्मक ऊर्जा से भरने के लिए 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ मनाएं: पशु कल्याण बोर्ड

हर साल 14 फरवरी को ‘वैलेंटाइंस डे’ मनाया जाता है. पशुपालन और डेयरी विभाग के तहत आने वाले भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने एक नोटिस में कहा कि लोग इस दिन गायों को गले लगाएं, इससे ‘भावनात्मक संपन्नता आएगी और सामूहिक प्रसन्नता बढ़ेगी.’ बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि यह अपील केंद्रीय मत्स्य और पशुपालन मंत्रालय के निर्देश पर जारी की गई है.

साहित्य हमारे समय में हो रहे अन्यायों की शिनाख़्त करता है और उनसे संघर्ष की प्रेरणा देता है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: अच्छा साहित्य हमें हमेशा वहां ले जाता है जहां भाषा पहले न गई हो: वह हमारी अनुभूति और अभिव्यक्ति के भूगोल को विस्तृत करता है. साहित्य हमें अधिकार और शक्ति के सभी प्रतिष्ठानों से, फिर वे राज्यपरक हों या धर्म, प्रश्न पूछने की हिम्मत देता है.

क्या एक धर्म के त्योहार पर अपने धर्म की छाप छोड़ने की उतावली किसी हीनता के चलते है

ईद मुबारक के जवाब में अक्षय तृतीया या परशुराम जयंती की बधाई देना कैलेंडरवादी धार्मिकता का प्रतीक है. हम हर जगह अपना क़ब्ज़ा चाहते हैं. ध्वनिभूमि पर, ध्वनि तरंगों पर भी, दूसरों के उपासना स्थलों पर और समाज के मनोलोक पर.

प्रख्यात कथक नर्तक बिरजू महाराज का निधन

पारंपरिक भारतीय नृत्य शैली कथक को विश्व पटल पर ले जाने वाले प्रख्यात कथक नर्तक बिरजू महाराज एक शानदार गायक, कवि और चित्रकार भी थे. वह कथक नर्तकों के ‘महाराज परिवार’ के वंशज थे. उन्होंने अपने पिता और गुरु अचन महाराज और चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज से प्रशिक्षण लिया था.

आईआईटी खड़गपुर द्वारा जारी नए साल के कैलेंडर को लेकर क्यों हो रहा है विवाद

आईआईटी खड़गपुर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम द्वारा हाल ही में जारी साल 2022 के एक कैलेंडर में आर्यों के हमले की थ्योरी को ख़ारिज करते हुए कहा गया है कि उपनिवेशवादियों ने वैदिक संस्कृति को 2,000 ईसा पूर्व की बात बताया है, जो ग़लत है. इसे लेकर जानकारों ने कई सवाल उठाए हैं.

समलैंगिक विवाह को मान्यता की मांग पर केंद्र ने कहा, सिर्फ जैविक महिला-पुरुष के बीच विवाह मान्य

दिल्ली हाईकोर्ट में विशेष, हिंदू और विदेशी विवाह क़ानूनों के तहत समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने के अनुरोध वाली कई याचिकाएं लंबित हैं, जिन पर 30 नवंबर को अंतिम सुनवाई होगी. इस साल फरवरी में केंद्र ने इन याचिकाओं को ख़ारिज करने की मांग करते हुए अदालत में तर्क दिया था कि भारत में विवाह 'पुराने रीति-रिवाजों, प्रथाओं, सांस्कृतिक लोकाचार और सामाजिक मूल्यों' पर निर्भर करता है.

राम-कृष्ण के बिना भारत की संस्कृति अधूरी, उनके सम्मान के लिए क़ानून बने: इलाहाबाद हाईकोर्ट

भगवान राम और कृष्ण के ख़िलाफ़ अश्लील टिप्पणी करने के आरोपी एक को ज़मानत देते हुए जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि राम इस देश के हर नागरिक के दिल में बसते हैं, वह भारत की आत्मा हैं. बीते सितंबर महीने में एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस यादव ने कहा था कि संसद को गाय को ‘राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने वाला क़ानून बनाना चाहिए और गायों को मौलिक अधिकारों के दायरे

‘समझदार’ मुस्लिम नेता कट्टरपंथ के ख़िलाफ़ दृढ़ता से खड़ें होंः मोहन भागवत

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक ही थे और हर भारतीय हिंदू है. हिंदू शब्द मातृभूमि, पूर्वज और भारतीय संस्कृति के बराबर है. यह अन्य विचारों का अनादर नहीं है. हमें मुस्लिम वर्चस्व के बारे में नहीं बल्कि भारतीय वर्चस्व के बारे में सोचना है.

समलैंगिक विवाह के लिए दायर याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर एक ओसीआई कार्डधारक के विदेशी मूल के जीवनसाथी को उसकी लैंगिकता की परवाह किए बिना ओसीआई पंजीकरण की अनुमति देने की मांग की गई है. उन्होंने तमाम विवाह क़ानूनों के तहत समलैंगिक शादी को मान्यता प्रदान करने की गुज़ारिश की है.

पुलिस प्रताड़ना के ख़िलाफ़ कोर्ट का आदेश, कहा- एलजीबीटी समुदाय को हाशिए पर नहीं छोड़ सकते

पुलिस प्रताड़ना के ख़िलाफ़ दो समलैंगिक महिलाओं द्वारा दायर याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि एलजीबीटी समुदाय के संबंधों के प्रति समाज में परिवर्तन की ज़रूरत है. असली समस्या क़ानूनी मान्यता की नहीं बल्कि सामाजिक स्वीकृति की है. हमारा मानना है कि सामाजिक स्तर पर बदलाव होने चाहिए.

केंद्र ने समलैंगिक शादी पर सुनवाई का किया विरोध, कहा- विवाह सर्टिफिकेट के बिना कोई मर नहीं रहा

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई है. इससे पहले केंद्र सरकार ने अदालत में ऐसे विवाह का विरोध करते हुए कहा था कि हमारा समाज, हमारा कानून और हमारे नैतिक मूल्य इसकी मंजूरी नहीं देते. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में अपने एक फैसले में समलैंगिक यौन संबंध को सहमति प्रदान की थी, लेकिन इसमें समलैंगिकों की शादी का ज़िक्र नहीं था.

केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा- हमारा समाज समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देता

केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि हमारे क़ानून, हमारी न्याय प्रणाली, हमारा समाज और हमारे मूल्य समलैंगिकों के बीच विवाह को मान्यता नहीं देते. हिंदू मैरिज एक्ट के तहत विवाह के लिए महिला और पुरुष होना जरूरी है.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 24 संरक्षित स्मारक ग़ायब: केंद्रीय पर्यटन मंत्री

संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 321 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में अतिक्रमण की घटनाओं का पता चला है.