कुलदीप नैयर का जाना पत्रकारिता में सन्नाटे की ख़बर है. छापे की दुनिया में वे सदा मुखर आवाज़ रहे.
आपातकाल के दौरान इसका विरोध करने की वजह से जेल गए. तकरीबन 15 किताबें लिखने वाले कुलदीप नैयर तमाम प्रतिष्ठित अख़बारों के संपादक रह चुके थे.
संपादकों का काम सत्ता के प्रचार के अनुकूल कंटेट को बनाए रखने का है और हालात ऐसे हैं कि सत्तानुकूल प्रचार की एक होड़ मची हुई है. धीरे-धीरे हालात ये भी हो चले हैं कि विज्ञापन से ज़्यादा तारीफ़ न्यूज़ रिपोर्ट में दिखाई दे जाती है.
अनेक ‘शुभचिंतक’ दलों के बावजूद भेदभावों के ख़िलाफ़ दलितों की लड़ाई अभी लंबी ही है. ये ‘शुभचिंतक’ दल दलितों के वोट तो पाना चाहते हैं लेकिन उन पर हो रहे अत्याचारों के लिए जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं.
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी उस परिपत्र का हवाला दिया था जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी गई थी.
मीडिया मालिक अख़बारों और न्यूज़ चैनलों को सुधारने के लिए कुछ करें या न करें, लेकिन यह तो तय है कि जब तक हर रोज़, हर न्यूज़रूम में प्रतिरोध की आवाज़ें मौजूद रहेंगी, तब तक भारतीय पत्रकारिता बनी रहेगी.
टाइम्स समूह ने अपने बयान में कहा है, ‘हमें पता था कि कोबरापोस्ट का रिपोर्टर संदेहास्पद है. हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी सच्चाई जानने के लिए उसे लपेटे में लिया ताकि उसके पीछे कौन है, इसका पता लगाया जा सके.’
कोबरापोस्ट के स्टिंग आॅपरेशन में टाइम्स समूह के एमडी विनीत जैन कहते नज़र आ रहे हैं कि एक कॉरपोरेट के तौर पर हमें निष्पक्ष दिखना है, मतलब देखने में निष्पक्ष लगना चाहिए.
मीडिया की कोबरापोस्ट स्टिंग पर कवरेज दिखाती है कि जब ख़ुद मीडिया पर सवाल उठते हैं, तब वह उसे कैसे रिपोर्ट करता है.
कोबरापोस्ट के स्टिंग ‘ऑपरेशन 136’ की दूसरी कड़ी में देश के कई नामचीन मीडिया संस्थान सत्ताधारी दल के लिए चुनावी हवा तैयार करने के लिए आध्यात्मिकता और धार्मिक प्रवचन के ज़रिये हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए सहमत होते नज़र आए.
जब कोबरापोस्ट के स्टिंग में देश के प्रमुख मीडिया संस्थान बिकने को बेताब दिखे, वहीं पश्चिम बंगाल के बर्तमान पत्रिका और दैनिक संबाद अख़बारों ने कोबरापोस्ट की पेशकश यह कहते हुए ठुकरा दी कि इस तरह का कंटेंट प्रकाशित करना कंपनी पॉलिसी और संस्थान की आत्मा के ख़िलाफ़ है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने वेब पोर्टल कोबरापोस्ट के उस खुलासे पर रोक लगा दी है, जिसमें वह पेड न्यूज़ से जुड़ी अपनी खोजी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने वाला था.
'आई नेक्स्ट' अख़बार ने वाराणसी के फ्लाईओवर हादसे के लिए सूर्य, मंगल और शनि ग्रह के त्रिकोण को ज़िम्मेदार बताते हुए लिखा कि इन ग्रहों के कारण आगे ऐसी और भी घटनाएं होने की आशंका है.
'नई दुनिया' अख़बार के 26 अप्रैल के मध्य प्रदेश संस्करण में 24 में से 23 पृष्ठों पर सरकारी विज्ञापन छपे थे. शेष बचे एक पृष्ठ पर अख़बार के संपादक का लेख ‘देश को गति देती मध्य प्रदेश की योजनाएं’ शीर्षक से छपा था.
कठुआ रेप पीड़िता के नाम का खुलासा करने पर अदालत में चल रही सुनवाई में एक मीडिया घराने ने बचाव में कहा कि उसने जनभावनाएं जगाने, सहानुभूति बटोरने तथा न्याय सुनिश्चित करने के लिए बच्ची का नाम और तस्वीर प्रकाशित की.