द वायर को दिए एक इंटरव्यू में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें एक आरोप यह भी है कि वर्ष 2019 में हुआ पुलवामा हमला मोदी सरकार की ‘अक्षमता’ का नतीजा था. कांग्रेस ने पीएम मोदी पर 2019 के आम चुनावों से पहले अपनी छवि को ‘बचाने’ के लिए इस घटना को ‘दबाने’ का आरोप लगाया है.
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद कक्षा 11वीं की किताब से भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के सभी संदर्भों को भी हटा दिया है. कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा इतिहास को फिर से लिखने और झूठ और असत्य पर बनी मनगढ़ंत, विकृत विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए एक ठोस प्रयास किया जा रहा है.
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी ) ने कक्षा 11वीं की राजनीति विज्ञान की नई किताब से जम्मू कश्मीर के भारत में विलय से जुड़ी वह शर्त हटा दी है, जिसमें इसे स्वायत्त बनाए रखने की बात कही गई थी. इससे पहले एनसीईआरटी इतिहास की किताब से मुग़ल, गुजरात दंगों और महात्मा गांधी पर कुछ संदर्भ हटा चुका है.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती को इस सप्ताह की शुरुआत में अदालती हस्तक्षेप के बाद ‘सशर्त’ पासपोर्ट जारी किया गया था. हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के जवाब में श्रीनगर के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने कहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस सीआईडी उन्हें पासपोर्ट जारी करने के पक्ष में नहीं है.
इस साल 1-2 जनवरी को जम्मू कश्मीर के राजौरी ज़िले के ऊपरी डांगरी गांव में आतंकवादियों द्वारा सात नागरिकों की हत्या मामले में जांच में कोई प्रगति न होने से पीड़ित परिवारों ने नाराज़गी जताई है. परिवारों ने मुआवज़ा राशि और मृतक आश्रित नौकरी छोड़ने की भी बात कही है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का अधिकारी बनकर जम्मू कश्मीर के दौरे कर रहे गुजरात के ठग किरण पटेल की ठगी का तो पर्दाफ़ाश हो गया है, लेकिन बड़ी ठगी जम्मू कश्मीर में स्थिति को सामान्य रूप में पेश करने की है, जबकि वास्तविक हालात अलग हैं.
इसी मामले में जेल में बंद कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ भी आरोपी हैं. 2020 में दर्ज राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एफ़आईआर में कश्मीर स्थित कुछ एनजीओ पर भारत विरोधी गतिविधियों को प्रायोजित करने के आरोप लगाए गए हैं.
जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड द्वारा भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए ब्लैकलिस्टेड कंपनी ‘एप्टेक लिमिटेड’ को नियुक्त करने के प्रशासन के फैसले को लेकर उपराज्यपाल की आलोचना की जा रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह सरकार लोगों के मुद्दों को हल करने की कोशिश नहीं कर रही है. हम इस बात की जांच चाहते हैं कि एप्टेक को कौन लाया और धोखाधड़ी कहां हुई.
गुजरात के किरण पटेल नामक ठग को जम्मू कश्मीर पुलिस ने बीते 3 मार्च को गिरफ़्तार किया है. किरण पटेल ख़ुद को पीएमओ अधिकारी बताकर कई बार कश्मीर का दौरा कर चुके हैं. इस दौरान उनके रहने के लिए पांच सितारा होटल की व्यवस्था करने के साथ ही ज़ेड प्लस सुरक्षा भी दी गई थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को ‘अयोग्य’ क़रार दिया है.
जम्मू कश्मीर के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र के अधिकारियों और सुरक्षा बलों को बरगलाने वाले इस आरोपी की पहचान अहमदाबाद के रहने वाले किरण जगदीश भाई पटेल के रूप में हुई है. आरोपी ने कम से कम तीन मौकों पर कश्मीर का दौरा किया. इस दौरान प्रशासन ने उन्हें ज़ेड-प्लस सुरक्षा कवर प्रदान किया था.
द कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन द्वारा कश्मीर में पत्रकारों की स्थिति पर न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे आलेख को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 'शातिर और काल्पनिक बताते हुए दुष्प्रचार' क़रार दिया था. भसीन ने कहा कि मंत्री की प्रतिक्रिया उनकी कही बातों को सही साबित करती है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार पर उन्हें दी गई सुरक्षा को कम करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का समर्थन करने और अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना का विरोध करने के कारण ऐसा किया गया है.
एक ब्लैकलिस्ट कंपनी को जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड के लिए भर्ती परीक्षा कराने का ठेका दिया गया है. इसका विरोध जताने के लिए तमाम युवा जम्मू समेत विभिन्न जगहों पर सड़क पर उतरे थे, जब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर हिरासत में ले लिया था.
वीडियो: कश्मीरियों के लिए विदेश जाना अब और चुनौतीपूर्ण हो चुका है. सुरक्षा कारणों से पासपोर्ट न दिए जाने के मामले बढ़ रहे हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, पुलिस वेरिफिकेशन न होने या प्रतिकूल पुलिस रिपोर्ट के कारण पासपोर्ट न पाने वाले लोगों की संख्या दस हज़ार के पार जा चुकी है. आख़िर मसला क्या है और आम लोगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, बता रहे हैं ज़ीशान कास्कर.
मई 2022 से कश्मीर में बढ़े लक्षित हत्याओं के मामलों के बाद से प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे अनेक कश्मीरी पंडित घाटी से तबादले की मांग को लेकर जम्मू में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 4 मार्च को प्रदर्शन ख़त्म करते हुए उन्होंने कहा कि कई महीनों से वेतन रोके जाने से वे आर्थिक तौर पर टूट चुके हैं और अब उनके पास प्रशासन के आगे 'सरेंडर' करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.